क्या ‘5 मिनट दो’ नारा सिर्फ इत्तेफाक था या हिंदुओं के खिलाफ सुनियोजित साजिश? गोरखपुर में मोहर्रम जुलूस बना जांच का विषय

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हाइलाइट्स

Hindu Genocide Call नारे को लेकर गोरखपुर के पिपरौली में बवाल

 मोहर्रम के जुलूस में लगे “5 मिनट दे दो” जैसे भड़काऊ नारे

 प्रशासन की सख्ती: 103 लोगों पर मुकदमा दर्ज

 मुख्य आरोपियों को मौके पर ही पुलिस ने हिरासत में लिया

 योगी सरकार की सख्त नीति: सांप्रदायिक भड़कावे पर जीरो टॉलरेंस

गोरखपुर के पिपरौली क्षेत्र में मोहर्रम के अवसर पर एक जुलूस के दौरान Hindu Genocide Call जैसा विवादित नारा लगाए जाने से सांप्रदायिक तनाव फैल गया। “पांच मिनट दो, बस पांच मिनट दो…” की शैली में जो नारा लगाया गया, वह सीधे तौर पर एक समुदाय विशेष को धमकी देने जैसा प्रतीत हुआ। इसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुल 103 लोगों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की और तीन मुख्य आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।

 नारे का संदर्भ और उसका प्रभाव

 अकबरुद्दीन ओवैसी की शैली में नारा

इस जुलूस में कुछ युवकों ने जो नारा लगाया, वह असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की उस कुख्यात स्पीच की याद दिला गया जिसमें उन्होंने कहा था, “हमसे पुलिस हटा लो, 15 मिनट में हिसाब कर देंगे।” इसी संदर्भ में पिपरौली में नारा गूंजा, “5 मिनट, सिर्फ 5 मिनट हमें दे दो…” जो कि Hindu Genocide Call की ओर स्पष्ट इशारा करता है।

 हिंदू संगठनों में आक्रोश

इस घटना के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। उन्होंने थाने का घेराव कर दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की मांग की।

 प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

 103 लोगों पर मुकदमा दर्ज

गोरखपुर पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कुल 103 लोगों के खिलाफ IPC की धारा 153A, 295A, 505(2), और 120B जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इस घटना में Hindu Genocide Call देने वाले तीन युवकों की पहचान कर ली गई है और उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।

 मंच पर चढ़कर नारा लगाने वालों की पिटाई

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जब यह नारा लग रहा था, उसी समय मंच पर खड़े तीन युवक लगातार भीड़ को उकसा रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही उन्हें हिरासत में लिया और वहां मौजूद लोगों ने भी उनकी जमकर धुनाई की।

 योगी सरकार की स्पष्ट नीति: “दंगाई माफ नहीं किए जाएंगे”

 “अखिलेश यादव नहीं, अब योगी हैं” – स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया

स्थानीय विधायक ने घटना के बाद कहा, “यूपी में अब अखिलेश यादव की सरकार नहीं है जो ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री आवास बुलाकर यश भारती सम्मान देंगे। ये योगी आदित्यनाथ की सरकार है, यहां दंगाइयों को सजा मिलती है, पुरस्कार नहीं।”

 NSA और गैंगस्टर एक्ट की तैयारी

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिन लोगों ने Hindu Genocide Call दिया, उन पर NSA और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके।

 सामाजिक विश्लेषण: क्या यह सुनियोजित सांप्रदायिक उकसावा था?

 जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की साजिश?

विशेषज्ञों का मानना है कि मोहर्रम जैसे पवित्र अवसर पर इस प्रकार का नारा लगाना सिर्फ आस्था का अपमान नहीं, बल्कि समाज को दो हिस्सों में बांटने की सुनियोजित साजिश है। Hindu Genocide Call जैसे शब्दों का प्रयोग करना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ भी है।

 सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #HinduGenocideCall ट्रेंड करने लगा। लोगों ने इस पर गहरी नाराज़गी जताई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की।

 जुलूस आयोजकों की सफाई

 “हमारे समुदाय की भावना आहत हुई” – आयोजक

मोहर्रम के जुलूस के आयोजकों ने बयान जारी कर कहा कि यह नारा उनके कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था और कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही।

 भविष्य की रणनीति: सांप्रदायिक सौहार्द कैसे बचाया जाए?

 प्रशासनिक सतर्कता ज़रूरी

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि अब प्रशासन को हर सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रम पर विशेष नजर रखनी होगी ताकि Hindu Genocide Call जैसे नारे दोबारा न उठ सकें। CCTV निगरानी, स्थानीय इंटेलिजेंस और सांप्रदायिक सौहार्द समितियों की भागीदारी अब और भी अहम हो गई है।

 समुदायों की आपसी बातचीत

समाज में शांति और भाईचारे के लिए सबसे ज़रूरी है कि दोनों समुदायों के बीच संवाद कायम रहे। धार्मिक अवसरों पर संयम बरतना और उकसावे से बचना ही शांति का रास्ता है।

गोरखपुर की यह घटना बताती है कि सांप्रदायिक उन्माद अब सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहा। Hindu Genocide Call जैसे नारे हमारे संविधान, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समरसता पर गहरा आघात करते हैं। योगी सरकार की त्वरित कार्रवाई ने जहां एक ओर कानून का भय दिखाया, वहीं समाज को भी चेतावनी दी कि अब असहिष्णुता की कोई जगह नहीं है।

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