स्कूल बस हादसा या हत्या की साजिश? 25 मासूमों की जान बाल-बाल बची, जांच में चौकाने वाले खुलासे की आशंका

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हाइलाइट्स

  • School Bus Accident: तेज रफ्तार निजी स्कूल बस पलटी, 25 बच्चों की जान पर बन आई
  • घायल बच्चों और शिक्षिका को अफरा-तफरी में पहुंचाया गया अस्पताल
  • चौहड़वाला मार्ग की खराब स्थिति और लापरवाह ड्राइविंग बनी हादसे की बड़ी वजह
  • महिला टीचर सहित 6 लोग गंभीर, हायर सेंटर के लिए रेफर
  • स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू, पुलिस जांच में जुटी

स्कूल बस हादसे से दहशत, 25 मासूमों की जान पर बनी बात

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के थाना अफजलगढ़ क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। निजी स्कूल ‘सनशाइन पब्लिक स्कूल’ की तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दर्दनाक School Bus Accident में बस में सवार लगभग 25 स्कूली बच्चों के साथ-साथ महिला टीचर भी घायल हो गईं।

बस हादसा चौहड़वाला मार्ग पर हुआ, जहां सड़क की हालत पहले से ही खस्ता थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चालक ने तेज रफ्तार में बस को ओवरटेक करने की कोशिश की और गाड़ी सड़क किनारे गड्ढे में चली गई, जिससे बस का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई।

School Bus Accident: मौके पर चीख-पुकार, बचाव में जुटे ग्रामीण

हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। बच्चों की चीख-पुकार सुनते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत बस का शीशा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद सभी बच्चों को बाहर निकाला जा सका।

ग्रामीणों ने बताया कि बस का ड्राइवर अक्सर तेज रफ्तार से बस चलाता था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए घायलों को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल 5 बच्चों और महिला टीचर को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

महिला शिक्षिका गंभीर रूप से घायल, स्वास्थ्य पर संकट

School Bus Accident में सबसे गंभीर चोटें महिला शिक्षिका को आई हैं, जो बच्चों के साथ सबसे आगे बैठी थीं। हादसे के समय उन्होंने कई बच्चों को पकड़कर चोटिल होने से रोका। लेकिन खुद को गंभीर चोटें आईं।

डॉक्टरों के मुताबिक, उनके सिर, कमर और पीठ में चोटें हैं, और उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। अन्य 4 बच्चों की हालत भी नाजुक बनी हुई है, जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।

School Bus Accident के पीछे कौन जिम्मेदार? उठे कई सवाल

 सड़क खराब या ड्राइवर लापरवाह?

इस दर्दनाक School Bus Accident के बाद यह सवाल उठ रहा है कि हादसे का असली जिम्मेदार कौन है — खराब सड़क व्यवस्था या लापरवाह बस चालक?

स्थानीय लोगों का कहना है कि चौहड़वाला मार्ग वर्षों से बदहाल स्थिति में है। गड्ढे, पानी भराव और सड़क की मरम्मत ना होने से यहां हादसे आम हो गए हैं। वहीं, कुछ का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है।

स्कूल प्रशासन की भूमिका पर भी उठे सवाल

सनशाइन स्कूल प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, स्कूल बसों की तकनीकी जांच कई महीनों से नहीं हुई थी। साथ ही, ड्राइवर के पास आवश्यक ड्राइविंग लाइसेंस और मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं था।

School Bus Accident के बाद जब अभिभावक स्कूल पहुंचे तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। गुस्साए परिजनों ने स्कूल परिसर में प्रदर्शन किया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: जांच के आदेश, कार्रवाई तय

बिजनौर के डीएम ने मीडिया को बताया कि School Bus Accident की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है जो तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। प्रथम दृष्टया स्कूल प्रशासन और ड्राइवर की लापरवाही सामने आ रही है।

जिलाधिकारी ने बताया कि यदि पाया गया कि बस का फिटनेस या ड्राइवर अयोग्य था, तो स्कूल की मान्यता तक रद्द की जा सकती है।

चौहड़वाला मार्ग का ‘ब्लैक स्पॉट’ घोषित होने की मांग

स्थानीय ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय विधायक ने मांग की है कि चौहड़वाला मार्ग को ‘ब्लैक स्पॉट’ घोषित किया जाए और तत्काल सड़क की मरम्मत की जाए। बीते 2 वर्षों में यहां करीब 12 बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें दर्जनों जानें जा चुकी हैं।

घायल छात्र ने बताया: “बस उड़ रही थी जैसे कोई रेस में हो”

एक घायल छात्र से बातचीत में उसने बताया, “ड्राइवर अंकल बहुत तेज चला रहे थे। बस जैसे उड़ रही थी। अचानक झटका लगा और हम सब सीट से गिर पड़े। मैंने देखा कि मैडम भी खून में लथपथ थीं।”

इस मासूम की गवाही ने इस School Bus Accident की भयावहता को और उजागर कर दिया।

 School Bus Accident ने खोली कई लापरवाहियों की परतें

इस School Bus Accident ने न केवल एक स्कूली बस की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि एक बार फिर प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और परिवहन विभाग की जमीनी हकीकत सामने रख दी। अगर समय रहते ड्राइवर की योग्यता, बस की स्थिति और सड़क की मरम्मत पर ध्यान दिया गया होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

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