हाइलाइट्स
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Minor Hindu Girl Abducted: पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के लखीपुर गांव से एक नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण की सनसनीखेज घटना सामने आई है।
- पिता बिकाश देबनाथ ने गांव के पांच मुस्लिम युवकों पर दर्ज कराई रिपोर्ट, आरोपियों में बाबू बक्कर, अबू बक्कर, सिद्दीक आलम, मुजीबुल रहमान और मोहम्मद मक्सूद शामिल।
- घटना के कई दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, पीड़ित परिवार का धरना प्रदर्शन।
- स्थानीय हिंदू संगठनों में उबाल, प्रशासन पर सांप्रदायिक पक्षपात का आरोप।
- Minor Hindu Girl Abducted जैसे मामलों में लगातार लापरवाही सवालों के घेरे में।
घटना की पूरी पृष्ठभूमि: कैसे लापता हुई नाबालिग लड़की?
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के लखीपुर गांव से एक Minor Hindu Girl Abducted होने का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। पीड़ित लड़की के पिता, बिकाश देबनाथ ने थाने में दी गई शिकायत में बताया कि उनकी 15 वर्षीय बेटी को पांच मुस्लिम युवकों द्वारा अगवा कर लिया गया।
इस सनसनीखेज घटना में जिन पांच आरोपियों के नाम दर्ज किए गए हैं, वे हैं: बाबू बक्कर, अबू बक्कर, सिद्दीक आलम, मुजीबुल रहमान और मोहम्मद मक्सूद। इन सभी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने सुनियोजित तरीके से लड़की का अपहरण किया और अभी तक पुलिस उसकी लोकेशन का पता नहीं लगा सकी है।
पिता की गुहार: “मुझे मेरी बेटी वापस चाहिए”
बिकाश देबनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“मेरी बेटी एक शांत स्वभाव की लड़की है। उसे बहला-फुसलाकर या जबरदस्ती अगवा किया गया है। पुलिस शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। क्या एक गरीब हिंदू परिवार की बेटी की कोई अहमियत नहीं है?”
उनकी इस गुहार ने सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में व्यापक संवेदना पैदा कर दी है। “Minor Hindu Girl Abducted” जैसे मामलों में प्रशासन की निष्क्रियता एक बड़ी चिंता बनकर उभर रही है।
Minor Hindu girl abducted in Lakhipur village, North Dinajpur, West Bengal.
Father Bikash Debnath filed complaint against Babu Bakkar, Abu Bakkar, Siddik Alam, Mujibul Rahaman, & Muhammad Maksud.
Police yet to recover the girl. pic.twitter.com/fTMvOkVN5B
— Treeni (@TheTreeni) July 9, 2025
स्थानीय पुलिस की चुप्पी और नाकामी
शिकायत दर्ज होने के चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पुलिस ने न तो लड़की को बरामद किया है और न ही किसी आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। थानेदार से पूछे जाने पर बस इतना कहा गया:
“हम मामले की जांच कर रहे हैं, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।”
इस तरह की ढुलमुल प्रतिक्रिया से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। Minor Hindu Girl Abducted जैसे मामलों में जांच की धीमी गति कई बार पीड़िता के लिए खतरनाक साबित होती है।
क्या ये ‘लव जिहाद’ का मामला है?
स्थानीय हिंदू संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मामला ‘लव जिहाद’ से जुड़ा हो सकता है। कई बार Minor Hindu Girl Abducted जैसे मामलों के पीछे संगठित साजिशें देखी गई हैं, जिनमें नाबालिग लड़कियों को लक्ष्य बनाकर उनके धर्मांतरण की कोशिश की जाती है।
हालांकि प्रशासन ने अभी तक इसे ‘लव जिहाद’ करार नहीं दिया है, लेकिन इस संभावना को नकारा भी नहीं गया है।
गांव में तनाव, हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
लखीपुर गांव और आसपास के इलाकों में Minor Hindu Girl Abducted की खबर फैलते ही भारी तनाव फैल गया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने थाने का घेराव किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक का कहना था:
“यदि दोषियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो हम जिले भर में चक्का जाम करेंगे। Minor Hindu Girl Abducted की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।”
मीडिया और सोशल मीडिया पर उबाल
घटना की रिपोर्ट सामने आने के बाद #MinorHinduGirlAbducted ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगा। यूजर्स प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं और बच्ची की सलामती की दुआ कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा:
“यह कोई सामान्य क्राइम नहीं है, यह हिंदू समाज पर हमला है। Minor Hindu Girl Abducted कोई छोटी बात नहीं है, यह शर्मनाक है कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।”
कानूनी पक्ष और बाल अधिकार आयोग की भूमिका
भारत के बाल संरक्षण कानूनों के अनुसार किसी नाबालिग लड़की का अपहरण गंभीर अपराध है, विशेषकर यदि वह बालिग भी नहीं है। ऐसे मामलों में POCSO Act के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है।
बाल अधिकार आयोग ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है और पुलिस अधीक्षक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि यदि जल्द कोई कार्रवाई नहीं होती, तो यह मानवाधिकार का उल्लंघन माना जाएगा।
क्या कहती है राजनीतिक पार्टियाँ?
विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की है। भाजपा नेताओं ने इसे “राज्य सरकार की नाकामी” बताया है और Minor Hindu Girl Abducted को एक गंभीर सामाजिक-सांप्रदायिक चिंता बताया।
वहीं, सत्ताधारी TMC सरकार का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है और पुलिस स्वतंत्र रूप से जांच कर रही है।
आगे क्या?
Minor Hindu Girl Abducted जैसे मामलों में न्यायिक और सामाजिक हस्तक्षेप दोनों की जरूरत है। यदि ऐसे मामलों पर समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो न केवल सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा, बल्कि पीड़ित परिवारों का भरोसा भी टूटेगा।
बहरहाल, बिकाश देबनाथ की बेटी अभी भी लापता है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस केस को प्राथमिकता दे, दोषियों को सलाखों के पीछे डाले और लड़की को सुरक्षित घर लौटाए।
Minor Hindu Girl Abducted का यह मामला केवल एक लड़की के लापता होने की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन तमाम सवालों का प्रतीक बन गया है जो भारत की सामाजिक व्यवस्था, पुलिस प्रणाली और सांप्रदायिक संतुलन से जुड़े हैं। जब तक बच्ची सुरक्षित वापस नहीं आती और दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक यह मामला जीवित रहेगा – लोगों के मन में, मीडिया की सुर्खियों में और न्याय की अदालतों में।