हाइलाइट्स
– कूचबिहार स्कूल कांड ने एक बार फिर बंगाल के शिक्षा तंत्र की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
– 9वीं कक्षा की छात्रा रीना के साथ क्लासरूम में छेड़खानी की गई और वीडियो सोशल मीडिया पर डाला गया।
– स्कूल प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन पीड़िता के पिता ने FIR दर्ज करवाई।
– आरोपी इस्माइल के परिजन अब केस वापस लेने के लिए धमकी दे रहे हैं।
– ममता सरकार के ‘कन्याश्री’ योजना की सुरक्षा का दावा एक बार फिर खोखला साबित हुआ।
कूचबिहार स्कूल कांड: पूरा मामला क्या है?
डाकघोडा हाई स्कूल में हुई यह घटना शिक्षा संस्थानों में बढ़ती असुरक्षा की ओर इशारा करती है। कूचबिहार स्कूल कांड के तहत, 9वीं कक्षा की छात्रा रीना (बदला हुआ नाम) के साथ उसके ही सहपाठी इस्माइल ने क्लासरूम में छेड़खानी की। इस दौरान, दो अन्य छात्राओं सकीना और सालमा ने इस घटना का वीडियो बनाया और उसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया।
स्कूल प्रशासन की लापरवाही
जब यह मामला सामने आया, तो स्कूल प्रशासन ने इसे दबाने की कोशिश की। शिक्षकों और प्रिंसिपल ने पीड़िता के परिवार पर दबाव डाला कि वे शिकायत न करें। हालांकि, रीना के पिता ने हिम्मत दिखाते हुए कूचबिहार स्कूल कांड की FIR दर्ज करवाई।
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार ज़िले के डाकघोडा हाई स्कूल में 9वीं की छात्रा रीना के साथ क्लासरूम में इस्माइल नाम के लड़के ने छेड़खानी की, और उसकी साथी सकीना और सालम ने वीडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट कर दिया।
स्कूल प्रशासन ने दबाव डालकर मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन लड़की के पिता ने… pic.twitter.com/DkpNUbDywQ
— Prof Sudhanshu 🇮🇳 (@Sudhanshuz) July 9, 2025
आरोपी परिवार का दबाव
अब इस्माइल के परिजन पीड़िता के परिवार को धमकी दे रहे हैं कि वे केस वापस ले लें, नहीं तो उन्हें नुकसान पहुंचाया जाएगा। यह घटना न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि समाज में बढ़ते भय का माहौल भी दिखाती है।
क्या यही है ‘कन्याश्री’ योजना का असली चेहरा?
पश्चिम बंगाल सरकार की ‘कन्याश्री’ योजना लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन, कूचबिहार स्कूल कांड ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सिर्फ आर्थिक मदद से लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है?
स्कूलों में सुरक्षा का अभाव
यह पहली बार नहीं है जब बंगाल के स्कूलों में ऐसी घटना हुई है। पिछले कुछ वर्षों में कई मामले सामने आए हैं, जहां छात्राओं के साथ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न हुआ है। कूचबिहार स्कूल कांड एक और उदाहरण है जो दिखाता है कि शिक्षा संस्थान अब सुरक्षित नहीं रहे।
समाज और राजनीति की भूमिका
राजनीतिक दलों की चुप्पी
इस मामले में ममता बनर्जी सरकार की चुप्पी चौंकाने वाली है। जिस राज्य में ‘कन्याश्री’ जैसी योजनाएं चलाई जाती हैं, वहां अगर स्कूलों में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं, तो यह सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है।
हिंदू समाज को जागना होगा
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि अगर समाज चुप रहा, तो ऐसे मामले बढ़ते रहेंगे। कूचबिहार स्कूल कांड के बाद हिंदू समुदाय को एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी, ताकि कोई और रीना डरकर न जिए।
कूचबिहार स्कूल कांड सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि समाज और सरकार की विफलता का प्रतीक है। अगर हम चाहते हैं कि हमारी बेटियां सुरक्षित रहें, तो ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। स्कूलों में सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ, ऐसे आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।