हाइलाइट्स
- Divya Mittal DM का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, दिव्यांग व्यक्ति की मदद का दृश्य हुआ कैद
- डीएम देवरिया दिव्या मित्तल ने दिव्यांग पिता-पुत्र को स्कॉट गाड़ी से अस्पताल भेजा
- सोशल मीडिया पर जनता ने की जमकर तारीफ, वीडियो को मिल रहे लाखों व्यूज
- दिव्यांग प्रमाण पत्र न बनने की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई का उदाहरण
- यूपी प्रशासन में Divya Mittal DM की कार्यशैली को बताया गया ‘मॉडल ऑफ गवर्नेंस’
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की तेजतर्रार Divya Mittal DM एक बार फिर जनता के बीच मानवता और प्रशासनिक दक्षता का आदर्श बनकर सामने आई हैं। इस बार मामला एक नेत्रहीन दिव्यांग व्यक्ति पलटू प्रसाद और उनके बेटे से जुड़ा है, जिनकी वर्षों पुरानी समस्या को डीएम ने मिनटों में हल कर एक मिसाल कायम कर दी।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें Divya Mittal DM जनता दर्शन के दौरान पलटू प्रसाद की बात बड़े ही धैर्य और सहानुभूति के साथ सुनती हैं। यह वीडियो न केवल एक अधिकारी की जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि एक संवेदनशील प्रशासन की आवश्यकता की भी पुनः पुष्टि करता है।
वीडियो में क्या है खास? क्यों वायरल हुआ Divya Mittal DM का अंदाज़
जनता दर्शन में पहुंचे पलटू प्रसाद की पीड़ा
जनता दर्शन के दौरान जब एक बुजुर्ग नेत्रहीन व्यक्ति पलटू प्रसाद अपनी लाठी के सहारे डीएम के सामने पहुंचे, तो उन्होंने बताया कि न उनका और न उनके बेटे का दिव्यांग प्रमाण पत्र अब तक बना है। कई बार अस्पताल के चक्कर लगाने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। उनकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय थी।
Divya Mittal DM ने दिया मानवीय प्रतिक्रिया
Divya Mittal DM ने ना केवल पूरे धैर्य से पलटू प्रसाद की बात सुनी, बल्कि बिना किसी देरी के उन्होंने अपने स्कॉट की गाड़ी को बुलाया और कहा कि “इन्हें अभी अस्पताल पहुंचाया जाए। वहीं इनका और इनके बेटे का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू हो।”
यूपी में देवरिया की डीएम दिव्या मित्तल की गिनती यूपी की तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है, दिव्या मित्तल अक्सर ही गैर कार्रवाई करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए जानी जाती हैं !!
इस बीच दिव्या मित्तल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, इस वीडियो में वह एक… pic.twitter.com/yXvBqQsXFB
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) July 7, 2025
सोशल मीडिया पर तारीफों की बाढ़
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स—ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने Divya Mittal DM की जमकर सराहना की। लोग कह रहे हैं, “ऐसे अधिकारी हों तो जनता खुद को असहाय नहीं समझेगी।”
कौन हैं Divya Mittal DM? क्यों हैं चर्चा में?
आईआईटी से पढ़ाई, आईएएस में चमकदार कैरियर
Divya Mittal DM ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और उसके बाद आईएएस की सेवा में शामिल हुईं। वे इससे पहले भी कई जिलों में अपनी कार्यशैली और कड़े फैसलों के लिए जानी जा चुकी हैं।
सख्त प्रशासन, नरम दिल
जहां वे भ्रष्टाचार और लापरवाही पर जीरो टॉलरेंस की नीति रखती हैं, वहीं जनहित के मामलों में उनका मानवीय दृष्टिकोण उन्हें विशिष्ट बनाता है। यही वजह है कि आज उनका वीडियो पूरे प्रदेश ही नहीं, देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दिव्यांग प्रमाण पत्र से जुड़ी समस्याएं और Divya Mittal DM की पहल
आमतौर पर क्या होती है समस्या?
दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ग्रामीण इलाकों में भारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है। कई बार लोगों को महीनों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में Divya Mittal DM की त्वरित कार्रवाई न केवल प्रशासनिक कार्यकुशलता का प्रमाण है, बल्कि मानवता की मिसाल भी है।
क्या हो सकता है असर?
- इससे आम जनता में विश्वास बढ़ेगा
- अन्य जिलों में भी ऐसे व्यवहार की उम्मीद जागेगी
- प्रशासनिक मशीनरी पर सकारात्मक दबाव पड़ेगा
- अधिकारी यह समझेंगे कि सहानुभूति और कार्रवाई एक साथ कैसे की जाती है
जनता की प्रतिक्रिया: “ऐसी डीएम हर जिले में होनी चाहिए”
सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं
- एक यूजर ने लिखा, “Divya Mittal DM जैसी अफसरों के कारण ही लोकतंत्र में भरोसा कायम रहता है।”
- दूसरे यूजर ने कहा, “ये सिर्फ वीडियो नहीं, एक सिस्टम की उम्मीद है।”
- कुछ ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसे अधिकारियों को सम्मानित करना चाहिए।
प्रशासनिक विशेषज्ञों की राय
राज्य प्रशासन से जुड़े एक रिटायर्ड अधिकारी ने कहा, “Divya Mittal DM ने जिस त्वरित और संवेदनशील तरीके से कार्रवाई की है, वह अन्य जिलों के अधिकारियों के लिए एक ट्रेनिंग केस स्टडी होना चाहिए। आज के युग में जब अधिकारियों और जनता के बीच दूरी बढ़ रही है, तब ऐसी घटनाएं विश्वास बहाल करती हैं।”
Divya Mittal DM की संवेदनशीलता बनी प्रेरणा
Divya Mittal DM ने साबित कर दिया कि एक प्रशासनिक अधिकारी केवल नियमों का पालन कराने वाला नहीं होता, बल्कि वह जनता का संरक्षक और मार्गदर्शक भी होता है। पलटू प्रसाद जैसे असहाय व्यक्तियों के लिए उनकी त्वरित कार्रवाई आज के समय में एक जरूरी मिसाल है।
यह वीडियो आने वाली पीढ़ी के अफसरों को यह सिखाने में सक्षम है कि ‘कुर्सी का इस्तेमाल केवल आदेश देने के लिए नहीं, बल्कि मदद करने के लिए भी किया जा सकता है।’