हाइलाइट्स
- Kanpur Suicide मामला: युवती ने शोहदे से तंग आकर दी जान
- परिजनों ने लगाया आरोप, शोहदा महीनों से कर रहा था पीछा
- शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं उठाया कोई सख्त कदम
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महिला सुरक्षा दावों पर उठे सवाल
- स्थानीय लोगों में आक्रोश, आरोपी को फांसी देने की मांग
उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। Kanpur Suicide मामले में एक 19 वर्षीय युवती ने शोहदे की लगातार धमकियों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। परिजन सदमे में हैं और स्थानीय जनता में उबाल है।
शोहदे की हैवानियत: घर के सामने देता था जान से मारने की धमकी
पीड़ित परिवार के अनुसार, आरोपी युवक पिछले कई महीनों से युवती का पीछा कर रहा था। वह आए दिन उनके घर के सामने आकर अश्लील इशारे करता, धमकियां देता और पूरी कॉलोनी में दहशत फैला देता। Kanpur Suicide की यह घटना केवल एक युवती की मौत नहीं, बल्कि उस समाज की हार है जो बहन-बेटियों की रक्षा करने में विफल हो चुका है।
“पुलिस में कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई,” – पीड़िता के पिता
कानपुर में शोहदे से तंग आकर एक युवती ने आत्महत्या कर ली। शोहदे का आतंक इतना था कि वो घर के ठीक सामने आकर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देता था।
योगी जी कहते हैं कि किसी ने बहन-बेटी के साथ छेड़खानी की तो अगले चौराहे पर उसका इंतज़ार यमराज कर रहे होंगे।
मुख्यमंत्री जी..… pic.twitter.com/enCKc1Gm6b
— UP Congress (@INCUttarPradesh) July 7, 2025
पुलिस की निष्क्रियता: कई शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
इस Kanpur Suicide मामले में पुलिस की लापरवाही सबसे बड़ा सवाल बनकर उभरी है। परिजनों ने बताया कि उन्होंने थाना गोविंद नगर में कई बार लिखित शिकायत दी, लेकिन हर बार उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि “लड़की को समझाओ, लड़कों की दुनिया ऐसी ही होती है।”
यह रवैया न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि सीधे तौर पर एक मासूम जान के नुकसान का कारण बना है। अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई करती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
मुख्यमंत्री के दावों की पोल खुली: क्या वाकई ‘यमराज चौराहे पर’ थे?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मंचों से कहा है कि “जो भी बहन-बेटियों से छेड़छाड़ करेगा, उसे चौराहे पर यमराज का इंतजार करना होगा।” लेकिन Kanpur Suicide जैसी घटनाएं दर्शाती हैं कि यह कथन केवल भाषणों तक सीमित रह गया है। ज़मीनी स्तर पर महिला सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है।
जिंदगी से ज्यादा खौफ: सुसाइड नोट ने खोली हकीकत
युवती ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने साफ लिखा:
“मुझे जीने की कोई वजह नहीं बची। रोज़-रोज़ की धमकियों से डर कर जी रही हूं। मम्मी-पापा को तकलीफ देना नहीं चाहती, इसलिए जा रही हूं।”
यह पंक्तियां उस दर्द की चीख हैं जो आज समाज को सुनाई नहीं दे रही।
स्थानीय लोगों का आक्रोश: आरोपी की सार्वजनिक फांसी की मांग
Kanpur Suicide की खबर फैलते ही स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। गोविंद नगर थाने के बाहर जमकर प्रदर्शन हुआ। महिलाओं ने थाने का घेराव किया और आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने व फांसी देने की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: विपक्ष ने उठाए सवाल
इस घटना पर विपक्षी नेताओं ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता ने कहा:
“महिला सुरक्षा पर योगी सरकार केवल भाषण देती है, हकीकत में बेटियां मर रही हैं। Kanpur Suicide इसकी ताजा मिसाल है।”
पुलिस की सफाई: आरोपी फरार, तलाश जारी
कानपुर पुलिस ने मामले में एक बयान जारी कर बताया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित कर दी गई हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब आरोपी खुलेआम धमकियां दे रहा था, तो पुलिस ने पहले कार्रवाई क्यों नहीं की?
मनोवैज्ञानिकों की राय: बेटियों को चाहिए आत्मबल और सपोर्ट
Kanpur Suicide जैसे मामलों पर विशेषज्ञों का कहना है कि युवतियों को मानसिक रूप से सशक्त करने की ज़रूरत है। साथ ही, समाज को भी ऐसे मामलों में चुप नहीं रहना चाहिए। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वो किसी लड़की को तंग किया जाता देखे, तो उसकी मदद करे।
अब आगे क्या?
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं
- डीएम और एसएसपी को 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है
- परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा
- आरोपी की गिरफ्तारी के बाद होगा फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा
बेटियों की जान की कीमत कब समझेगा सिस्टम?
Kanpur Suicide केवल एक खबर नहीं, एक सवाल है — कब तक बेटियां समाज के शोहदों और सिस्टम की लापरवाही की कीमत जान देकर चुकाती रहेंगी? जब तक ऐसी घटनाओं पर त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक ‘बेटी बचाओ’ सिर्फ एक नारा रहेगा।