Bulandshahr Police

वर्दी में छिपे हैवानों की करतूत का वीडियो आया सामने: शराब के नशे में महिला SHO को कुचलने की कोशिश

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हाइलाइट्स

  • Bulandshahr Police—बुलंदशहर पुलिस के दो कॉन्स्टेबल पर गंभीर आरोप, महिला SHO के साथ की अभद्रता
  • SHO सिविल ड्रेस में डॉक्टर को दिखाने जा रही थीं, तभी पुलिसकर्मियों ने रास्ता रोका
  • दोनों आरोपी नशे में धुत, कार से टक्कर मारने की कोशिश की गई
  • SHO ने खुद को बचाने के लिए आईडी दिखाई, फिर भी नहीं माने आरोपी
  • जांच में दोषी पाए जाने पर सस्पेंड हो सकते हैं दोनों कॉन्स्टेबल

Bulandshahr Police पर बड़ा सवाल: जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं!

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां Bulandshahr Police के दो सिपाही खुद कानून को ताक पर रखकर एक महिला SHO के साथ बदसलूकी करते नजर आए। यह घटना सिर्फ वर्दी की गरिमा को धूमिल नहीं करती, बल्कि पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली और अनुशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

घटना का पूरा विवरण: डॉक्टर से मिलने गई थीं SHO

 SHO सिविल ड्रेस में थीं

यह पूरी घटना तब हुई जब महिला SHO निजी कार्य हेतु डॉक्टर से मिलने सिविल ड्रेस में निकली थीं। वह अपनी निजी गाड़ी चला रही थीं और किसी भी प्रकार की पुलिस कार्यवाही में नहीं थीं।

 शराब के नशे में थे दोनों कॉन्स्टेबल

सूत्रों के अनुसार, Bulandshahr Police के दो कॉन्स्टेबल—अनुज चौधरी और रूधन खोखर—शराब के नशे में धुत थे। उन्होंने बिना किसी कारण SHO की गाड़ी को रोकने की कोशिश की और फिर बदसलूकी पर उतर आए।

 टक्कर मारने की कोशिश

बताया जा रहा है कि इन दोनों सिपाहियों ने SHO की कार के सामने पुलिस की सरकारी गाड़ी लगाकर उसे रोकने की कोशिश की। जब SHO ने उन्हें अपनी पहचान बताई और आईडी भी दिखाई, तो भी उन्होंने दुर्व्यवहार करना नहीं छोड़ा।

Bulandshahr Police के लिए शर्म की बात: महिला SHO से की गई बदसलूकी

 महिला SHO ने दर्ज कराया बयान

घटना से आहत महिला SHO ने घटना की जानकारी तत्काल उच्च अधिकारियों को दी और अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी न सिर्फ नशे में थे बल्कि उन्होंने गाड़ी से कुचलने की भी कोशिश की।

 FIR दर्ज, दोनों कॉन्स्टेबल पर हो सकती है सख्त कार्रवाई

महिला SHO की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली गई है और Bulandshahr Police प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। यदि प्रारंभिक जांच में दोनों दोषी पाए जाते हैं, तो सस्पेंड किया जा सकता है।

Bulandshahr Police की छवि पर पड़ा दाग: पहले भी आते रहे हैं ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है जब Bulandshahr Police पर अनुशासनहीनता के आरोप लगे हों। पूर्व में भी कई बार सिपाहियों पर नशे में बदसलूकी, वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।

 क्या है प्रशासन का रुख?

बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक (SP) ने बयान जारी कर कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। SP के अनुसार, पुलिसकर्मियों का ऐसा आचरण निंदनीय है और किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

महिला सुरक्षा पर उठते सवाल: जब पुलिस ही डराने लगे तो आम जनता क्या करे?

 महिला SHO के साथ हुई घटना एक चेतावनी है

जब Bulandshahr Police जैसी बड़ी जिला इकाई में कार्यरत एक महिला SHO के साथ ऐसा दुर्व्यवहार हो सकता है, तो एक आम महिला की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है।

 कानून व्यवस्था की विफलता?

यह घटना यह भी दर्शाती है कि पुलिस महकमे के भीतर अनुशासन की कितनी कमी है। जिस विभाग को जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, वही जब उत्पीड़न का कारण बन जाए, तो लोकतंत्र की नींव हिलने लगती है।

 पुलिस महकमे में सुधार की सख्त जरूरत

इस घटना ने Bulandshahr Police की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। पुलिस की जिम्मेदारी सिर्फ अपराध रोकना ही नहीं, बल्कि कानून का पालन स्वयं करना भी है।

सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में तेज़ी से न्याय हो, ताकि जनता का भरोसा वर्दी में दोबारा बहाल हो सके। साथ ही, पुलिसकर्मियों के लिए समय-समय पर मानसिक स्वास्थ्य, शराब सेवन की जांच और संवेदनशीलता प्रशिक्षण भी अनिवार्य किया जाए।

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