Religious Conversion Racket

जाति के हिसाब से तय होती थी कीमत, विरोध पर धमकी! झांगुर बाबा ने उगले जबरन धर्मांतरण के काले राज

Latest News

हाइलाइट्स

  • Religious Conversion Racket में झांगुर बाबा का बड़ा खुलासा, जाति के अनुसार तय होती थी धर्म परिवर्तन की रकम
  • ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के धर्मांतरण पर 15-16 लाख रुपये तक की फंडिंग
  • विरोध करने वालों को धमकाकर कराया जाता था धर्म परिवर्तन, फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी
  • 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं गिरोह के सदस्य, विदेशी फंडिंग से चलता था नेटवर्क
  • एटीएस की जांच में कई बैंक खातों से संदिग्ध लेन-देन, 2023 में दर्ज हुई थी FIR

 जाति के आधार पर तय होती थी कीमत: खुला बड़ा Religious Conversion Racket

उत्तर प्रदेश एटीएस के हत्थे चढ़े झांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसने Religious Conversion Racket के भयावह सच को सामने ला दिया है। पूछताछ के दौरान झांगुर बाबा ने स्वीकार किया कि इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराने के लिए लड़कियों को उनकी जाति के आधार पर पैसे दिए जाते थे। ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़कियों को धर्म परिवर्तन के बदले 15 से 16 लाख रुपये तक की भारी रकम दी जाती थी।

वहीं पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए यह रकम 10 से 12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8 से 10 लाख तक होती थी। यह पहला मौका नहीं है जब Religious Conversion Racket को लेकर ऐसा खुलासा हुआ हो, लेकिन इस बार जातिगत रूप से निर्धारित रकम ने पूरे समाज को हिला दिया है।

 विरोध पर धमकी और मानसिक प्रताड़ना का नेटवर्क

 “अगर लड़की मना करे तो…”

झांगुर बाबा ने बताया कि अगर कोई लड़की धर्म परिवर्तन के लिए विरोध करती थी, तो उसे पहले मानसिक तौर पर तोड़ा जाता था। धमकी दी जाती थी कि अगर उसने साथ नहीं दिया तो फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा दिया जाएगा। कई मामलों में लड़कियों को ब्लैकमेल करके वीडियो बनाए गए, फिर मजबूर किया गया कि या तो इस्लाम कबूल करो या बर्बादी का सामना करो।

 गिरोह की कार्यशैली

Religious Conversion Racket में शामिल लोगों की रणनीति बेहद संगठित थी। पहले शिकार की पहचान होती थी, फिर उसे प्यार, लालच या भय के जरिए फंसाया जाता था। इसके बाद उसे धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारधारा की तरफ धकेला जाता और फिर इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया जाता।

 40 बार की गई इस्लामिक देशों की यात्रा, विदेशी फंडिंग का शक

 खातों में करोड़ों का लेन-देन

एटीएस के अनुसार, गिरोह के कई सदस्य अब तक 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इन यात्राओं का खर्च कहां से आया, इसका जवाब झांगुर बाबा नहीं दे पाया। उसके और अन्य सदस्यों के खातों में विदेशी फंडिंग के जरिए आए करोड़ों रुपये का लेन-देन पाया गया है, जिनमें से अधिकांश का स्रोत संदिग्ध है।

 कौन-कौन है इस रैकेट में?

Religious Conversion Racket के मुख्य चेहरे में शामिल हैं –

  • जलालुद्दीन उर्फ झांगुर बाबा
  • महबूब
  • पिंकी हरिजन
  • हाजिरा शंकर
  • एमेन रिज़वी (कथित पत्रकार)
  • सगीर
    इनके साथ एक मुस्लिम बने सिंधी दंपत्ति भी हर कदम पर शामिल रहते थे।

 हिन्दू धर्म में लौटे 15 पीड़ित, सुनाई दर्दभरी आपबीती

तीन दिन पहले लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विशाल खंड में 15 पीड़ितों ने रीति-रिवाज के साथ हिन्दू धर्म में वापसी की। Religious Conversion Racket का शिकार हुए इन लोगों ने बताया कि कैसे उन्हें जाल में फंसाकर इस्लाम कबूल कराया गया। पीड़ितों की आपबीती से एटीएस को पूरे नेटवर्क की जानकारी मिली, जिसके बाद झांगुर बाबा की धरपकड़ के लिए तेजी लाई गई।

2023 से ही था रडार पर झांगुर बाबा, आजमगढ़ में दर्ज है FIR

Religious Conversion Racket में संलिप्त कई लोगों के खिलाफ पहले ही आजमगढ़ के देवगांव थाने में 2023 में एफआईआर दर्ज की जा चुकी थी। इसके बावजूद इनका नेटवर्क पूरे उत्तर भारत में सक्रिय बना रहा। एटीएस अब इनके नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए अन्य राज्यों से भी समन्वय बना रही है।

 सोशल इंजीनियरिंग के तहत फैलाया जा रहा था कट्टरपंथ

झांगुर बाबा ने स्वीकार किया कि उनका मकसद केवल धर्म परिवर्तन नहीं था, बल्कि हिंदू समाज के भीतर फूट डालना और युवा लड़कियों को कट्टर इस्लामिक विचारधारा की ओर मोड़ना था। Religious Conversion Racket के ज़रिए जातिगत वैमनस्य फैलाकर समाज को कमजोर करने की एक गहरी साजिश रची जा रही थी।

 अब क्या कर रही है ATS?

  • संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू: एटीएस ने झांगुर बाबा समेत अन्य आरोपियों की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।
  • विदेशी लिंक खंगाले जा रहे: खातों में आए विदेशी पैसों के स्रोत का पता लगाया जा रहा है।
  • केंद्र को भेजी जाएगी रिपोर्ट: Religious Conversion Racket की जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी है।

Religious Conversion Racket के इस नए खुलासे ने साफ कर दिया है कि यह केवल धार्मिक मामला नहीं, बल्कि एक सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है। जातिगत विभाजन के जरिए धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देना और उसके पीछे विदेशी फंडिंग की भूमिका ने सरकार और एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। अब जरूरत है कि इस पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ा जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *