हाइलाइट्स
- Muslim mob द्वारा यूपी पुलिस के कांस्टेबल महावीर पर पिलिभीत में बर्बर हमला
- बाजार बंद कराने को लेकर हुआ विवाद, भीड़ ने पुलिसकर्मी को घेरा और पीट-पीटकर किया अधमरा
- रात के निर्धारित समय के बाद दुकानें खुली होने पर दी थी चेतावनी
- घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
- प्रशासन ने पांच अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस, जांच जारी
पिलिभीत में कानून के रखवालों पर ही हमला, पुलिसकर्मी महावीर को ‘Muslim mob’ ने बनाया निशाना
उत्तर प्रदेश के पिलिभीत जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां Muslim mob ने एक पुलिसकर्मी पर जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित कांस्टेबल महावीर रात को गश्त कर रहे थे और उन्होंने बाजार बंद कराने की सामान्य चेतावनी दी थी। लेकिन यह चेतावनी एक भीड़ को इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने कानून के इस सेवक को घेरकर पीटना शुरू कर दिया।
घटना का विवरण: दुकानें बंद कराना पड़ा महंगा
क्या हुआ उस रात?
यह घटना शुक्रवार रात लगभग 10 बजे की है, जब कांस्टेबल महावीर अपने नियमित गश्त पर थे। शहर के मुस्लिम बहुल इलाके में कुछ दुकानें तय समय के बाद भी खुली हुई थीं। महावीर ने दुकानदारों को नियमों का पालन करने के लिए कहा और बाजार बंद करने का अनुरोध किया। इसी पर भीड़ उग्र हो गई।
कैसे इकट्ठा हुई ‘Muslim mob’?
चश्मदीदों के अनुसार, जैसे ही कांस्टेबल ने दुकानें बंद करने के लिए कहा, वहां मौजूद कुछ युवकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। कुछ ही मिनटों में वहां करीब 30-40 लोगों की Muslim mob इकट्ठा हो गई। उन्होंने महावीर को घेर लिया और लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
वायरल वीडियो से मचा बवाल
सोशल मीडिया पर फैला आक्रोश
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि भीड़ किस तरह एक अकेले पुलिसकर्मी को बेरहमी से पीट रही है। इस वीडियो के वायरल होते ही पूरे उत्तर प्रदेश में आक्रोश फैल गया। आम लोग सवाल कर रहे हैं कि जब Muslim mob पुलिस पर हमला करने से नहीं डरती, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?
प्रशासन की प्रतिक्रिया
FIR दर्ज, पांच अज्ञात के खिलाफ मामला
पिलिभीत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की धारा 147, 148, 307, 353 और 332 के तहत मामला दर्ज किया है। एसपी पिलिभीत दिलीप कुमार ने मीडिया को बताया कि “घटना गंभीर है, हम हमलावरों की पहचान कर उन्हें जल्द गिरफ्तार करेंगे।”
क्या यह सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला है?
Muslim mob thrashed and nearly lynched UP Police constable Mahavir in Pilibhit, UP.
The constable had objected to the opening of shops beyond the permissible hour.
No one seems safe from them. Not even the police! pic.twitter.com/liyuP2iIqa
— Treeni (@TheTreeni) July 6, 2025
सांप्रदायिक रंग लेना शुरू
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर साम्प्रदायिक तनाव को भी हवा दी है। हिंदू संगठनों ने इसे एक पुलिसकर्मी पर ‘मजहबी भीड़’ का हमला बताया है। वहीं, कुछ मुस्लिम नेताओं ने इस घटना की जांच की मांग करते हुए कहा कि सभी तथ्यों को सामने लाया जाए।
पुलिस बनाम भीड़: एक चिंता का विषय
यह कोई पहला मामला नहीं है जब Muslim mob द्वारा पुलिस पर हमला किया गया हो। इससे पहले भी कई मामलों में भीड़तंत्र ने कानून के सामने चुनौती खड़ी की है। सवाल यह है कि अगर पुलिस खुद सुरक्षित नहीं है, तो वह आम जनता को कैसे सुरक्षा दे पाएगी?
विशेषज्ञों की राय
सामाजिक विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
जाने-माने सामाजिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार का कहना है, “जब एक समुदाय विशेष की भीड़ कानून के खिलाफ जाकर पुलिस पर हमला करती है, तो यह एक सामाजिक विफलता का संकेत है। यह केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक अनुशासन और धार्मिक कट्टरता का भी मामला है।”
क्या अब पुलिस को भी सुरक्षा चाहिए?
पिलिभीत की यह घटना केवल एक हमला नहीं, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिस की साख पर गंभीर सवाल है। एक Muslim mob द्वारा खुलेआम पुलिसकर्मी पर हमला करना यह दिखाता है कि भीड़ को अब कानून का डर नहीं रहा। यह सिर्फ पिलिभीत की समस्या नहीं, बल्कि एक बड़ा संकेत है—कि जब तक ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक न पुलिस सुरक्षित है, न जनता।