हाइलाइट्स
- शादी के सिर्फ 7 महीने बाद पत्नी के झूठे केसों और पुलिस दबाव से टूट गया गौरव।
- अंतिम इच्छा: संपत्ति से कर्ज चुकाकर शेष राशि बहनों को दी जाए, पत्नी को कुछ भी न मिले।
- पुलिस जांच में सामने आए घरेलू हिंसा, भावनात्मक ब्लैकमेल और अवैध संबंधों के आरोप।
- गौरव की मौत के बाद परिवार में मातम, मगर न्याय की मांग ज़ोरों पर।
Agra Suicide Case: 7 माह की शादी और खत्म हो गई ज़िंदगी
उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले में एक हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। पेशे से हलवाई गौरव ने suicide video बनाकर आत्महत्या कर ली। वीडियो में उसने पत्नी निशा और उसके मायकेवालों पर गंभीर मानसिक उत्पीड़न, झूठे केस, और जेल भेजने की साज़िश का आरोप लगाया है। यह मामला अब सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुका है।
क्या था गौरव का suicide video?
गौरव ने मौत से पहले 1 मिनट 26 सेकंड का suicide video बनाया, जो अब पुलिस की जांच का अहम हिस्सा बन गया है। वीडियो में वह स्पष्ट रूप से कह रहा है—
“मेरी पत्नी और उसके घरवाले मुझे झूठे आरोपों में जेल भिजवाना चाहते हैं। मैं मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुका हूं। मैंने उससे सच्चा रिश्ता निभाने की कोशिश की, लेकिन उसके किसी और से भी संबंध हैं।”
इस suicide video में गौरव की आंखें आंसुओं से भरी थीं और उसके शब्दों में बेबसी झलक रही थी। वह बार-बार कह रहा था कि उसकी मौत का जिम्मेदार उसकी पत्नी निशा और उसके मायके वाले होंगे।
UP क़े आगरा मे पत्नि व ससुराल जनों क़े शोषण से आहत हलवाई गौरव ने फांसी लगा जान दे दी। उसकी शादी को कुल 7 माह ही हुए थे। पत्नि ने थाने मे शिकायत की हुई थी, दरोगा का फोन आने क़े बाद वह घबरा गया था.. और बड़ा फैसला ले लिया।
सुसाइड से पहले 1.26 मिनट का वीडियो बनाया जिसमे उसने कहा की… pic.twitter.com/qYVuGC4gQN
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) July 4, 2025
पत्नी ने की थी थाने में शिकायत, दरोगा का फोन बना मौत की वजह
मिली जानकारी के अनुसार, निशा ने घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस स्टेशन से जब दरोगा का फोन गौरव को आया, तो वह बुरी तरह घबरा गया। उसने अपने करीबी दोस्तों से कहा—
“अगर मैं जेल गया, तो मेरी पूरी दुनिया उजड़ जाएगी। मैं ये बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा।”
इस डर ने गौरव को suicide video बनाने और अपनी जान देने को मजबूर कर दिया।
7 महीने में ही बिखर गई शादी, शक और आरोपों ने ली जान
गौरव की शादी को सिर्फ 7 महीने हुए थे। रिश्तेदारों के मुताबिक़, शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन धीरे-धीरे निशा और उसके परिवारवालों का रवैया बदलने लगा। गौरव के परिजनों ने बताया कि निशा गौरव को बार-बार धमकाती थी और झूठे केस में फंसाने की बात कहती थी।
गौरव की अंतिम इच्छाएं (suicide video से):
- मेरी संपत्ति से पहले कर्ज चुकाया जाए।
- बाकी की संपत्ति मेरी बहनों को दी जाए।
- पत्नी को एक पैसा भी न मिले।
- मेरे अंतिम संस्कार से पहले सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच हो।
पुलिस क्या कर रही है?
पुलिस ने गौरव के suicide video को साक्ष्य के रूप में जब्त कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पत्नी निशा और उसके माता-पिता को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। वहीं गौरव का परिवार इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब तक निष्पक्ष जांच पूरी नहीं होती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
एसपी सिटी ने बताया — “वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। यदि मानसिक उत्पीड़न की पुष्टि होती है, तो ससुराल पक्ष के खिलाफ धारा 306 के तहत केस दर्ज होगा।”
समाज में बढ़ता मानसिक उत्पीड़न और पुरुष आत्महत्याएं
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब महिलाओं के लिए कानून का दुरुपयोग होता है, तो पुरुषों को न्याय कैसे मिलेगा? गौरव का suicide video इस बात की गवाही है कि पुरुषों पर भी झूठे आरोपों और मानसिक शोषण के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल भारत में करीब 25,000 पुरुष घरेलू विवादों के चलते आत्महत्या करते हैं।
गौरव का परिवार क्या चाहता है?
गौरव की बहनें और माता-पिता साफ़ तौर पर कह रहे हैं—
“हमें न्याय चाहिए। हमारे भाई को झूठे आरोपों में फंसाया गया, उसका आत्मसम्मान तोड़ा गया, इसलिए वह मर गया। हम चाहते हैं कि suicide video को सबूत मानकर ससुराल वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।”
क्या इस suicide video से बदलेगा सिस्टम?
गौरव के suicide video ने एक बहस को जन्म दे दिया है—क्या अब समय आ गया है कि पुरुषों के अधिकारों की भी उतनी ही रक्षा की जाए, जितनी महिलाओं की होती है? यदि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जांच हो, तो शायद कई गौरव आज भी जीवित होते।
गौरव की आत्महत्या केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि समाज और कानून की कमजोरियों को उजागर करने वाली सच्चाई है। उसके द्वारा बनाया गया suicide video न केवल एक सुसाइड नोट है, बल्कि एक पूरा बयान है—एक ऐसा बयान जो चुपचाप मरने के बजाय सिस्टम को आईना दिखा रहा है। अब देखना है कि कानून इस दर्दनाक सच्चाई के साथ न्याय करता है या नहीं।