heart attack

12 साल का बच्चा स्कूल गेट पर अचानक गिरा… और फिर कभी नहीं उठा — रहस्यमयी मौत से दहला बाराबंकी

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 हाइलाइट्स

  •  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 12 वर्षीय छात्र की मौत का कारण heart attack बताया गया
  • छुट्टी के बाद स्कूल लौटते ही स्कूल गेट पर बेहोश होकर गिर पड़ा छात्र
  • अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने घोषित कर दी मौत, स्कूल में मचा कोहराम
  • माता-पिता सदमे में, सुबह स्कूल भेजा और शाम को घर लौटा शव
  • पुलिस कर रही है घटना की जांच, मेडिकल विशेषज्ञ भी हैरान

 घटना का विवरण: मासूम की मौत से बाराबंकी में मातम

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक ऐसी दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे शहर को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सेंट एंथोनी स्कूल के कक्षा 7 के छात्र, 12 वर्षीय अखिल प्रताप सिंह की मौत मंगलवार को उस समय हुई जब वह गर्मियों की छुट्टी के बाद स्कूल लौट रहे थे।

अखिल को उनके पिता खुद कार से स्कूल छोड़ने आए थे। हमेशा की तरह, उन्होंने अपना बैग उठाया और स्कूल गेट की ओर बढ़े। लेकिन गेट पर पहुंचते ही अचानक वह जमीन पर गिर पड़े और बेहोश हो गए। यह दृश्य इतना अचानक और असामान्य था कि वहां मौजूद लोग कुछ समझ ही नहीं पाए।

 अस्पताल में मिला मौत का संदेश

स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों ने तुरंत उन्हें पास के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने जो कहा, वह किसी दुखद फिल्मी दृश्य से कम नहीं था। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि अखिल की मौत हो चुकी है

हालांकि, उस समय मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। परिवार को यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो बच्चा कुछ मिनट पहले हँसता-मुस्कुराता स्कूल गया था, वह अब नहीं रहा।

 पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

डॉक्टरों की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद, जब अखिल का पोस्टमार्टम किया गया, तो उसमें जो कारण सामने आया उसने पूरे क्षेत्र को चौंका दिया। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि अखिल की मौत ‘heart attack’ के कारण हुई

heart attack, जिसे आमतौर पर उम्रदराज़ लोगों में देखा जाता है, एक 12 साल के स्वस्थ और हंसते-खेलते बालक की जान कैसे ले सकता है — यह सवाल हर किसी को झकझोर रहा है।

 परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

अखिल की मां ने बिलखते हुए कहा —

“जिस बेटे को सुबह नाश्ता कराके स्कूल भेजा, अब उसका शव घर आया है। भगवान से बड़ी सजा क्या होगी?”

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। अखिल इकलौते बेटे थे। उनके पिता, जो पेशे से एक व्यापारी हैं, अपने बेटे को स्कूल तक छोड़ने आए थे, लेकिन यह सोच भी नहीं सकते थे कि वह आखिरी बार उसे देख रहे हैं।

 स्कूल प्रशासन भी स्तब्ध

सेंट एंथोनी स्कूल के प्रिंसिपल ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा—

“अखिल एक बहुत ही होनहार, अनुशासित और जिज्ञासु छात्र था। उसकी अचानक मौत ने हमें अंदर से तोड़ दिया है। हम परिवार के साथ खड़े हैं और पुलिस व स्वास्थ्य अधिकारियों को पूरा सहयोग देंगे।”

स्कूल में बच्चों और शिक्षकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है। सुबह की प्रार्थना सभा में अखिल को श्रद्धांजलि दी गई।

 पुलिस जांच और विशेषज्ञों की राय

स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक स्तर पर किसी षड्यंत्र या बाहरी कारण की संभावना नहीं दिख रही है। लेकिन मेडिकल विशेषज्ञ इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि क्या अखिल को कोई छुपी हुई हार्ट कंडीशन थी, जो पहले कभी सामने नहीं आई।

डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि आजकल बच्चों में भी heart attack की घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं, खासकर यदि जन्मजात हृदय दोष, तनाव, जेनेटिक डिसऑर्डर, या अत्यधिक कैफीन सेवन जैसी बातें हों।

 क्या बच्चों में भी संभव है heart attack?

यह सवाल अब हर माता-पिता के ज़हन में है। विशेषज्ञों के अनुसार, heart attack बच्चों में बेहद दुर्लभ होता है लेकिन असंभव नहीं। कुछ संभावित कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

 संभावित कारण:

  • Congenital Heart Disease (जन्मजात हृदय रोग)
  • Cardiomyopathy (हृदय की मांसपेशियों की बीमारी)
  • Myocarditis (वायरल संक्रमण से हृदय की सूजन)
  • हाइपरटेंशन और कोलेस्ट्रॉल — अगर परिवार में इतिहास हो
  • ओवरवेट और मोटापा
  • ज्यादा कैफीन, एनर्जी ड्रिंक्स या डिहाइड्रेशन

 समाज में उठते सवाल

अखिल की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:

  • क्या स्कूल में स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होनी चाहिए?
  • क्या अभिभावकों को बच्चों की नियमित हार्ट स्क्रीनिंग करवानी चाहिए?
  • क्या आज की जीवनशैली बच्चों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है?

इन सवालों पर चर्चा जरूरी हो गई है ताकि ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों।

 श्रद्धांजलि और अपील

अखिल के परिवार, मित्र और स्कूल समुदाय की आंखें नम हैं। पूरा बाराबंकी जिला शोक में डूबा हुआ है।

स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने सरकार से अपील की है कि बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए स्कूल स्तर पर विशेष हेल्थ कैम्प्स आयोजित किए जाएं ताकि समय रहते जोखिमों की पहचान हो सके।

12 साल के अखिल प्रताप सिंह की रहस्यमयी और असमय मृत्यु ने पूरे समाज को हिला दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि heart attack अब केवल बड़ों की बीमारी नहीं रही, बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। समय पर जांच, जागरूकता और सावधानी से शायद हम ऐसी त्रासदियों से बच सकें।

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