हाइलाइट्स
- Bold Photoshoot को लेकर खुशी मुखर्जी ने किया बड़ा खुलासा
- दो महीने में अश्लील कंटेंट से कमाए 10 करोड़ रुपए
- बिना पजामे के सड़कों पर घूमने पर नहीं है कोई गिल्ट
- सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है विवादास्पद बयान
- खुशी बोलीं- “यह मेरी बॉडी है, मेरी मर्ज़ी है”
कौन हैं खुशी मुखर्जी?
सोशल मीडिया और रियलिटी टीवी की दुनिया में खुशी मुखर्जी कोई नया नाम नहीं है। ‘Splitsvilla’ जैसे विवादित शो से लेकर सोशल मीडिया पर हज़ारों फॉलोअर्स तक, खुशी हमेशा सुर्खियों में बनी रही हैं। लेकिन हाल ही में वह एक ऐसी हरकत को लेकर ट्रेंड कर रही हैं, जिसने समाज में एक नई बहस छेड़ दी है।
मुंबई की सड़कों पर बिना पजामे के Bold Photoshoot
पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें खुशी मुखर्जी को मुंबई की व्यस्त सड़कों पर बिना पजामे के चलते हुए देखा गया। उन्होंने केवल एक क्रॉप टॉप और अंडरगारमेंट पहन रखा था। यह Bold Photoshoot न सिर्फ लोगों की आंखों में चुभा, बल्कि नैतिकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बड़ा सवाल भी खड़ा कर गया।
खुशी का बयान: ‘न गिल्ट है, न शर्म’
जब खुशी मुखर्जी से इस वायरल वीडियो को लेकर सवाल किया गया, तो उनका जवाब बेहद चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा—
“यह मेरी बॉडी है और मैं इसके साथ क्या करती हूं, यह मेरा निर्णय है। Bold Photoshoot कोई क्राइम नहीं है। मुझे न कोई गिल्ट है, न शर्म।”
उन्होंने आगे बताया कि Bold Photoshoot और अश्लील वीडियो के ज़रिए उन्होंने केवल दो महीने में 10 करोड़ रुपए की कमाई की है।
10 करोड़ की कमाई सिर्फ Bold Photoshoot से?
जी हां, यह दावा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही विवादास्पद भी। खुशी ने कहा कि उन्होंने एक पेड कंटेंट प्लेटफॉर्म पर अपने Bold Photoshoot और अश्लील वीडियो अपलोड किए, जहां उन्हें भारी सब्सक्रिप्शन और डोनेशन के ज़रिए करोड़ों की कमाई हुई।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा:
“अगर समाज मुझे Bold Photoshoot के लिए जज करता है, तो करता रहे। लेकिन जो पैसा मैं बना रही हूं, वह कोई नहीं देखता।”
सोशल मीडिया का दोहरा मापदंड?
खुशी मुखर्जी का Bold Photoshoot भले ही एक साहसिक निर्णय हो, लेकिन यह सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं लेकर आया है। एक तरफ कुछ लोग उनके आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की सराहना कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर एक बड़ा तबका इसे अश्लीलता की पराकाष्ठा बता रहा है।
लोगों का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह का व्यवहार समाज को गलत दिशा देता है। कई यूज़र्स ने इस तरह के Bold Photoshoot को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है।
कानूनी नजरिए से Bold Photoshoot की वैधता
भारतीय कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर अश्लीलता फैलाना एक दंडनीय अपराध है। इंडियन पीनल कोड की धारा 294 के तहत अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से ऐसा कुछ करता है जो “अश्लील” की श्रेणी में आता है, तो उसे जेल या जुर्माना हो सकता है।
लेकिन यहां सवाल उठता है— क्या Bold Photoshoot ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के अंतर्गत आता है या यह ‘सार्वजनिक अश्लीलता’ है?
ओनलीफैन्स, मोफो, और Bold Content का बढ़ता ट्रेंड
खुशी मुखर्जी अकेली नहीं हैं जो Bold Photoshoot से पैसा कमा रही हैं। ओनलीफैन्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हजारों भारतीय महिलाएं और पुरुष अपने अश्लील कंटेंट के जरिए लाखों-करोड़ों कमा रहे हैं। इस ट्रेंड ने मनोरंजन उद्योग की सीमाओं को पूरी तरह से धुंधला कर दिया है।
Bold Photoshoot बनाम भारतीय संस्कृति
यह मुद्दा अब केवल खुशी मुखर्जी तक सीमित नहीं रहा। अब यह बहस बन चुकी है कि:
- क्या Bold Photoshoot से ‘बॉडी पॉजिटिविटी’ का समर्थन हो रहा है?
- या यह भारतीय संस्कृति और नैतिकता के खिलाफ है?
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम है, जबकि बाकी इसे पब्लिक डिसऑर्डर का नाम दे रहे हैं।
एक समाज, दो नजरिए
समर्थकों का तर्क:
“खुशी मुखर्जी जैसी महिलाएं एक नई क्रांति ला रही हैं। Bold Photoshoot के जरिए वे अपनी बॉडी पर कंट्रोल को दर्शा रही हैं। यह आत्म-स्वीकृति का उदाहरण है।”
आलोचकों की राय:
“बच्चे, परिवार और बुजुर्ग जब सड़कों पर ऐसे दृश्य देखेंगे तो क्या संदेश जाएगा? Bold Photoshoot समाज को अश्लीलता की तरफ धकेल रहा है।”
खुशी मुखर्जी की अंतिम टिप्पणी
खुशी ने साफ तौर पर कहा है—
“मैं किसी को चोट नहीं पहुंचा रही। न किसी को मजबूर कर रही हूं। अगर लोग मेरी Bold Photoshoot को पसंद करते हैं, तो देखें, न पसंद करते हों तो स्क्रॉल करें।”
खुशी मुखर्जी की Bold Photoshoot से जुड़ी यह घटना सिर्फ एक वायरल न्यूज़ नहीं, बल्कि सामाजिक सोच, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और नैतिकता के टकराव की जीती-जागती मिसाल है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि एक आधुनिक समाज में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन कहां है।