सोनू निकला सिराज! नाम बदलकर 3 साल तक लिव-इन में रखा, फिर की गुपचुप शादी – जब हकीकत खुली तो टूटी युवती की दुनिया

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हाइलाइट्स

🔹 Live-in Relationship में धोखे की यह सनसनीखेज घटना पटना से सामने आई है।

🔹 लड़की ने आरोप लगाया कि युवक ने सोनू बनकर पहचान छुपाई और उसे झूठे प्रेमजाल में फंसाया।

🔹 दोनों ने तीन वर्षों तक Live-in Relationship में साथ रहकर पति-पत्नी की तरह जीवन बिताया।

🔹 अब पता चला कि युवक मुस्लिम है और किसी और से शादी कर चुका है।

🔹 पीड़िता ने युवक के खिलाफ रेप, धोखा और अपहरण की धाराओं में FIR दर्ज कराई।

पटना में Live-in Relationship का दिल दहला देने वाला मामला, धोखे की हदें पार

बिहार की राजधानी पटना से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने अपने Live-in Relationship पार्टनर पर नाम बदलकर पहचान छुपाने, रेप, धोखा और अपहरण का संगीन आरोप लगाया है। सुनीता नाम की 27 वर्षीय महिला ने गर्दनीबाग थाने में दर्ज कराई गई FIR में बताया कि सिराज नामक युवक ने खुद को ‘सोनू’ बताकर न सिर्फ उसका भरोसा जीता बल्कि उसे तीन साल तक Live-in Relationship में रखा।

कैसे शुरू हुआ यह Live-in Relationship?

दोस्ती से प्यार और फिर लिव-इन

सुनीता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि तीन साल पहले उसकी मुलाकात ‘सोनू’ से एक स्थानीय कार्यक्रम में हुई थी। बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और जल्दी ही दोनों के बीच नज़दीकियाँ बढ़ीं। सोनू ने खुद को हिंदू बताया और जल्द ही दोनों Live-in Relationship में साथ रहने लगे।

पटना के विभिन्न इलाकों में साथ बिताए दिन

युवती ने बताया कि उन्होंने पटना के राजाबाजार और पुनाईचक इलाके में किराए के मकानों में साथ रहकर पति-पत्नी की तरह जीवन बिताया। उसने कहा, “मैंने उसे अपना सब कुछ मान लिया था। हमारे बीच एक सामान्य शादीशुदा दंपति जैसी दिनचर्या थी। मैं उसके परिवार से मिलना चाहती थी लेकिन वह हर बार टाल जाता।”

तीन साल बाद टूटा भ्रम – सामने आई असलियत

असल नाम निकला ‘सिराज’

जब सुनीता ने युवक पर शादी के लिए दबाव बनाया, तो वह लगातार बहाने बनाने लगा। इसी बीच एक दिन जब युवती ने उसकी पहचान के बारे में गहराई से जांच की, तो पता चला कि उसका असली नाम ‘सिराज’ है और वह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है।

और भी बड़ा झटका – युवक ने कर ली दूसरी शादी

जांच के दौरान सुनीता को पता चला कि सिराज ने हाल ही में एक मुस्लिम लड़की से शादी कर ली है। जब उसने सिराज से सवाल किया तो उसने मारपीट की और धमकाते हुए कहा कि “तेरा मुझसे अब कोई लेना-देना नहीं।”

पुलिस थाने पहुंची युवती – दर्ज हुई गंभीर धाराओं में FIR

किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?

गर्दनीबाग थाने की पुलिस ने युवती की शिकायत के आधार पर सिराज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 417 (धोखाधड़ी), 366 (अपहरण), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

 पुलिस कर रही है जांच

पुलिस ने बताया कि आरोपी फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। थानेदार ने कहा कि Live-in Relationship में रहते हुए पहचान छुपाना और दूसरी जगह शादी करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

कानून क्या कहता है Live-in Relationship को लेकर?

पहचान छुपाना अपराध क्यों?

भारत में Live-in Relationship को सुप्रीम कोर्ट ने वैध माना है, लेकिन यदि इसमें कोई पक्ष धोखाधड़ी करता है — जैसे धर्म, नाम, या वैवाहिक स्थिति छुपाकर संबंध बनाता है — तो यह आपराधिक कृत्य माना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णय

सुप्रीम कोर्ट की 2010 की एक बेंच ने कहा था कि Live-in Relationship “नैतिक रूप से गलत हो सकता है, लेकिन गैरकानूनी नहीं है”। हालांकि, यदि महिला को धोखा देने की मंशा से किसी पुरुष ने पहचान या धर्म छिपाया है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है।

पीड़िता की आपबीती – “मेरे साथ जो हुआ, वो किसी और के साथ न हो”

सुनीता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने उसकी हर बात पर भरोसा किया। मैं समझती थी कि वह मुझसे शादी करेगा। लेकिन उसने मेरी भावनाओं से खेला, मेरा जीवन बर्बाद कर दिया। अब मैं चाहती हूं कि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि समाज में कोई और लड़की इस तरह न ठगे।”

सामाजिक और धार्मिक पहचान के नाम पर छल – बढ़ते मामले और चिंताएं

पिछले कुछ वर्षों में Live-in Relationship में नाम और धर्म छुपाकर रिश्ते बनाने के मामले लगातार बढ़े हैं। अक्सर इनमें एक पक्ष को भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक हानि होती है। ऐसे मामलों में न्याय की प्रक्रिया लंबी होती है, लेकिन महिला की आवाज़ और साहस कानूनी लड़ाई का पहला कदम होता है।

विशेषज्ञ की राय

 “युवतियों को सतर्क रहने की आवश्यकता”

पटना उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “Live-in Relationship में प्रवेश करने से पहले व्यक्ति की पृष्ठभूमि, वैवाहिक स्थिति और असली पहचान की जांच ज़रूरी है। आजकल कई लोग पहचान छुपाकर भावनाओं से खेलते हैं। कानून सख्त है लेकिन सतर्कता ज़रूरी है।”

यह घटना न सिर्फ एक महिला के जीवन से जुड़ी त्रासदी को उजागर करती है, बल्कि Live-in Relationship में बढ़ते फरेब और सामाजिक-धार्मिक पहचान छिपाकर किए गए अपराधों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ऐसी घटनाएं एक बार फिर समाज, कानून और व्यक्तिगत जिम्मेदारी के बीच संतुलन खोजने की आवश्यकता पर बल देती हैं।

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