Kolkata Gang Rape Case

कॉलेज की दीवारों के पीछे छुपा था हैवानियत का राज: Kolkata Gang Rape Case की दूसरी रिपोर्ट ने खोले चौंकाने वाले सच

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हाइलाइट्स

  • Kolkata Gang Rape Case की दूसरी मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि
  • पीड़िता के शरीर पर गहरे जख्म, गुप्तांग में गंभीर चोटें पाई गईं
  • हाकी स्टिक व अन्य वस्तुएं फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गईं
  • तीनों आरोपित छात्र और एक सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार
  • हाई कोर्ट में तीन वकीलों को जनहित याचिका दाखिल करने की अनुमति मिली

दूसरी मेडिकल रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा

कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट ने भी किया रेप की पुष्टि

Kolkata Gang Rape Case में पीड़िता की दूसरी मेडिकल रिपोर्ट ने भी इस जघन्य अपराध की पुष्टि कर दी है। कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग और स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम ने यह जांच की। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि पीड़िता के गुप्तांग के अंदर कई गहरे जख्म हैं, साथ ही छाती और गर्दन के आसपास गंभीर चोटों के निशान पाए गए।

फोरेंसिक टीम ने पीड़िता के नाखून, सिर और शरीर के अन्य हिस्सों से नमूने एकत्र कर बायोकेमिकल जांच के लिए भेजे हैं। जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि पीड़िता के साथ न केवल बलात्कार हुआ, बल्कि अत्यधिक हिंसा का भी प्रयोग किया गया।

 फोरेंसिक साक्ष्य और जब्ती की वस्तुएं

हाकी स्टिक, कपड़े और अन्य वस्तुएं जांच के दायरे में

Kolkata Gang Rape Case के अंतर्गत पुलिस ने घटनास्थल से हाकी स्टिक, खून लगे कपड़े और अन्य सामग्री जब्त की है। ये सभी वस्तुएं फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई हैं। प्रारंभिक जांच में इन वस्तुओं पर खून के धब्बे और डीएनए के नमूने मिलने की संभावना जताई गई है, जो आरोपितों को अपराध से जोड़ सकते हैं।

 कोर्ट में गूंजा Kolkata Gang Rape Case

हाई कोर्ट ने दी जनहित याचिका दायर करने की अनुमति

Kolkata Gang Rape Case में अब न्यायपालिका की भी सक्रियता देखने को मिल रही है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने तीन अधिवक्ताओं को इस मामले में जनहित याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। अधिवक्ताओं ने कॉलेजों में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की है।

याचिकाओं की सुनवाई सप्ताह के अंत में संभव

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, इस मामले की सुनवाई सप्ताह के अंत में हो सकती है, जिसमें न्यायालय द्वारा सीबीआई जांच, आरोपितों पर सख्त कार्रवाई और कॉलेजों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की मांग की जा सकती है।

 गिरफ्तारी और सुरक्षा में चूक

TMC कार्यकर्ता समेत तीन छात्र और एक गार्ड गिरफ्तार

इस मामले में मनोजित मिश्रा, प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद को मुख्य आरोपित के रूप में गिरफ्तार किया गया है। मनोजित मिश्रा तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा बताया जा रहा है। तीनों ने कॉलेज परिसर में स्थित सुरक्षाकर्मी के कमरे में इस वारदात को अंजाम दिया।

गार्ड का मोबाइल फोन छीना, कॉलेज कैमरों से छेड़छाड़ की आशंका

जांच में सामने आया कि आरोपितों ने घटना के दौरान वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड का फोन छीन लिया था। यह भी आशंका है कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज मिटाने की कोशिश की हो। पुलिस अब घटनास्थल पर मौजूद 17 अन्य छात्रों की सूची बनाकर पूछताछ की तैयारी कर रही है।

 कॉलेज प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल

क्यों नहीं रोकी गई वारदात?

Kolkata Gang Rape Case ने कॉलेज प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉलेज परिसर में ऐसी घटना घटित हो जाना, वह भी सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी में, बताता है कि सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक हुई है।

छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन

इस घटना के बाद छात्र संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वे कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं और कॉलेज प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

 मनोवैज्ञानिक पहलू और सामाजिक चिंता

पीड़िता की मानसिक स्थिति नाजुक

Kolkata Gang Rape Case की पीड़िता की मानसिक स्थिति फिलहाल काफी नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, उसे पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। सरकार द्वारा पीड़िता को काउंसलिंग और सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

सामाजिक चेतना की आवश्यकता

यह मामला न सिर्फ कोलकाता बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि शैक्षणिक संस्थानों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि कॉलेज परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को नए सिरे से सख्त किए जाने की जरूरत है।

Kolkata Gang Rape Case सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि यह समाज, सरकार और न्याय व्यवस्था के सामने कई गंभीर सवाल खड़े करता है। पीड़िता की दूसरी मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि के बाद अब यह जरूरी हो गया है कि न्याय जल्द से जल्द मिले, ताकि पीड़िता को न्याय और अपराधियों को कड़ी सजा मिल सके।

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