हाइलाइट्स
- लखनऊ में Fake Instagram ID बनाकर युवती को बदनाम करने का मामला सामने आया।
- एडिटेड फोटो और वीडियो के साथ युवती को ‘सेक्स वर्कर’ बताकर किया गया सोशल मीडिया पर वायरल।
- पीड़िता का मोबाइल नंबर भी डाला गया, जिससे अश्लील कॉल और मैसेज आने लगे।
- आरोपी के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में FIR दर्ज, पुलिस कर रही जांच।
- साइबर क्राइम सेल की मदद से आरोपी की डिजिटल गतिविधियों की जांच तेज।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सिरफिरे युवक ने एक युवती की Fake Instagram ID बनाकर उसे बदनाम करने की घिनौनी साजिश रच डाली। आरोपी ने युवती की तस्वीरों को एडिट कर उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और उसे ‘सेक्स वर्कर’ बताकर पेश किया।
इस शर्मनाक हरकत के चलते युवती को न केवल मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, बल्कि उसे लगातार अश्लील कॉल और मैसेज भी आने लगे। पीड़िता की शिकायत पर चिनहट थाने में FIR दर्ज कर ली गई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पूरा मामला: कैसे बनाई गई Fake Instagram ID?
पीड़िता लखनऊ के चिनहट क्षेत्र स्थित कमता इलाके की रहने वाली है और एक निजी कंपनी में कार्यरत है। युवती ने पुलिस को दी अपनी तहरीर में बताया कि आरोपी युवक नासिर खान नामक एक पूर्व परिचित है, जिसने उसके नाम और फोटो का गलत इस्तेमाल करते हुए एक Fake Instagram ID बनाई।
इस फेक प्रोफाइल में न केवल युवती की एडिट की गई अश्लील तस्वीरें डाली गईं, बल्कि उसके मोबाइल नंबर के साथ यह भी लिखा गया कि वह “स्पेशल सर्विस” देती है। इतना ही नहीं, यह फर्जी प्रोफाइल युवती के दोस्तों, रिश्तेदारों और ऑफिस के कई सहयोगियों को भेजी गई, जिससे उसकी सामाजिक छवि को गहरा नुकसान पहुंचा।
आरोपी ने क्यों बनाया Fake Instagram ID?
निजी रंजिश की आशंका
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि आरोपी युवक और पीड़िता पहले एक-दूसरे को जानते थे। किसी कारणवश आपसी संबंधों में खटास आ गई थी, जिसके चलते युवक ने बदला लेने की नीयत से यह घिनौनी साजिश रची।
साइकोलॉजिकल ट्रिगर
कई बार देखा गया है कि कुछ मानसिक रूप से असंतुलित लोग संबंध खत्म होने के बाद इस प्रकार के कृत्य करते हैं, जिससे सामने वाले को नीचा दिखाया जा सके। Fake Instagram ID बनाना साइबर अपराध का एक आम हथियार बनता जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और FIR की धाराएं
चिनहट थाना प्रभारी के अनुसार, पीड़िता की शिकायत पर आरोपी नासिर खान के खिलाफ IT Act की धारा 66C, 66E और IPC की धारा 509 (महिला की गरिमा का अपमान), 354D (स्टॉकिंग), और 500 (मानहानि) के तहत केस दर्ज किया गया है।
साथ ही, Fake Instagram ID और वायरल सामग्री के डिजिटल साक्ष्यों को संकलित कर साइबर सेल की सहायता से IP ऐड्रेस और डिवाइस की लोकेशन ट्रैक की जा रही है।
कानून क्या कहता है?
IT Act और IPC की धाराएं
- धारा 66C: पहचान की चोरी—आरोपी पर 3 साल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।
- धारा 66E: निजता का उल्लंघन—दंडनीय अपराध।
- IPC 354D: किसी महिला का पीछा करना या बार-बार संपर्क करना—3 साल तक की सजा।
- IPC 500: झूठी जानकारी फैलाकर मानहानि करना।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामले और Instagram की भूमिका
देशभर में Fake Instagram ID से जुड़े अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिलाओं को टारगेट करना अब एक आम चलन बन चुका है।
Instagram पर एक Fake Instagram ID बनाना महज कुछ मिनटों का काम है, लेकिन इसके पीछे की मंशा बेहद खतरनाक हो सकती है। ऐसे मामलों में इंस्टाग्राम की जिम्मेदारी बनती है कि वह रिपोर्ट होते ही संबंधित प्रोफाइल को तुरंत ब्लॉक करे और आवश्यक डिटेल्स पुलिस के साथ साझा करे।
मानसिक और सामाजिक प्रभाव
पीड़िता पर असर
- मानसिक तनाव, डिप्रेशन और नींद न आना
- कार्यस्थल पर बदनामी और असहजता
- परिवार और रिश्तेदारों में संकोच और भय
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में हम किस प्रकार असुरक्षित हो सकते हैं। Fake Instagram ID सिर्फ एक नाम नहीं, एक मानसिक हथियार है जिससे किसी की पूरी जिंदगी तबाह की जा सकती है।
क्या करें अगर किसी ने आपकी Fake Instagram ID बना ली हो?
- तुरंत रिपोर्ट करें: इंस्टाग्राम पर Report Profile का विकल्प चुनें।
- थाने में FIR दर्ज कराएं: नजदीकी साइबर थाने में शिकायत करें।
- साक्ष्य सुरक्षित रखें: स्क्रीनशॉट और लिंक संभालकर रखें।
- मानसिक मदद लें: साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर की मदद लें।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लिखें: उनके हेल्प डेस्क को मेल भेजें।
सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों की भूमिका
आज के समय में Fake Instagram ID जैसे अपराधों से निपटने के लिए सिर्फ कानूनी कार्रवाई ही काफी नहीं है। सोशल मीडिया कंपनियों को सख्त मॉडरेशन टूल्स, AI डिटेक्शन सिस्टम और यूजर्स की गोपनीयता की सुरक्षा हेतु प्रभावी नीतियां अपनानी चाहिए।
वहीं सरकार को भी साइबर क्राइम के लिए विशेष अदालतों और त्वरित न्याय व्यवस्था की स्थापना करनी चाहिए।
लखनऊ की यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कितनी तेजी से अपराध हो सकते हैं। Fake Instagram ID बनाकर किसी को बदनाम करना न केवल अपराध है, बल्कि वह व्यक्ति की मानसिक और सामाजिक स्थिति को तहस-नहस कर देता है।
ऐसे मामलों में तुरंत रिपोर्ट करना, कानूनी रास्ता अपनाना और सोशल मीडिया की रिपोर्टिंग प्रणाली का सही इस्तेमाल करना जरूरी है।