हाइलाइट्स
इटावा के दादरपुर गाँव में एक भव्य religious event का आयोजन
- ब्राह्मण कथा वाचक के नेतृत्व में religious event में पुनः आरम्भ होगी श्रीराम कथा
- ग्रामीणों में religious event को लेकर भारी उत्साह और तैयारियों का माहौल
- कथा स्थल पर सुरक्षा, जलपान और बैठने की उत्तम व्यवस्था
- देशभर से श्रद्धालु जुटेंगे इस पवित्र religious event में भाग लेने
- सोशल मीडिया के ज़रिए लाखों लोगों से religious event में शामिल होने की अपील
दादरपुर गाँव में फिर गूंजेगा श्रीराम नाम: पुनः आरम्भ होगी खण्डित हुई कथा
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दादरपुर गाँव में एक बार फिर आस्था की गूंज सुनाई देने वाली है। वर्षों से प्रतीक्षित श्रीराम कथा जो किसी कारणवश पूर्व में अधूरी रह गई थी, अब पुनः आरम्भ होने जा रही है। इस religious event को लेकर गाँव में न केवल धार्मिक उत्साह है, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक महायज्ञ के रूप में देखा जा रहा है।
कथा का ऐतिहासिक महत्व
दादरपुर गाँव में आयोजित होने वाली यह श्रीराम कथा केवल एक religious event नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक परंपरा का जीवंत उदाहरण है। कई वर्ष पूर्व यहाँ प्रारंभ हुई श्रीराम कथा किसी अनिर्णीत कारणवश खण्डित हो गई थी। अब ग्रामीणों के अथक प्रयासों, आयोजन समिति की सक्रियता और क्षेत्रीय संतों के आशीर्वाद से यह धार्मिक आयोजन फिर से जीवंत हो रहा है।
ब्राह्मण कथा वाचक की अगुवाई में होगा आयोजन
कथा वाचक का संकल्प
इस religious event की सबसे खास बात यह है कि कथा का वाचन सुप्रसिद्ध ब्राह्मण संत, पं. देवेश शास्त्री जी द्वारा किया जाएगा। शास्त्री जी का मानना है कि अधूरी रही कथा को पूरा करना केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी है।
उन्होंने कहा,
“जब तक प्रभु की कथा पूर्ण न हो, तब तक गाँव का पुण्य अधूरा रहता है। यह religious event केवल कथा का समापन नहीं, अपितु श्रद्धा का पुनर्जागरण है।”
गाँव में दिखी विशेष तैयारियाँ
इटावा के दादरपुर गाँव में पुनः कथा आरम्भ होगी…
खण्डित हुई कथा इस बार ब्राह्मण कथा वाचक के मुखार बिंदुओं से और भव्य होगी, इस वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करो, पूरे देश के लोगों तक पहुंचे, और आप सभी लोग कथा में पहुंचने का प्रयास करें। pic.twitter.com/MxBBN6qUZl
— Anuj Agnihotri Swatntra (@ASwatntra) June 27, 2025
पंडाल और व्यवस्थाओं की झलक
कथा स्थल पर विशाल पंडाल, भव्य मंच, भगवती रंगों की सजावट और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल व स्वास्थ्य व्यवस्था की गई है। इस religious event में भाग लेने के लिए गाँव के युवा और बुज़ुर्ग सभी मिलकर कार्य कर रहे हैं।
🔊 ध्वनि, प्रकाश और सुरक्षा
ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आधुनिक व्यवस्था की गई है ताकि कोई भी श्रद्धालु कथा के अमृत वचनों से वंचित न रहे। रात्रिकालीन कार्यक्रमों के लिए प्रकाश व्यवस्था तथा महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु महिला स्वयंसेविकाओं की नियुक्ति की गई है।
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल प्रचार
इस बार की श्रीराम कथा केवल स्थानीय नहीं रही, बल्कि एक राष्ट्रीय religious event बनती जा रही है। आयोजकों द्वारा कथा स्थल की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर डाली गई, जिसे लाखों लोगों ने देखा और शेयर किया।
जनसंदेश: “वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें”
कथावाचक शास्त्री जी ने वीडियो के माध्यम से अपील की है,
“इस religious event की दिव्यता को देशभर में पहुँचाएं। वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें और कथा में आने का प्रयास करें।”
देशभर से श्रद्धालु होंगे उपस्थित
इस religious event में भाग लेने के लिए देशभर से श्रद्धालु इटावा पहुँच रहे हैं। कई श्रद्धालु दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, बनारस, आगरा और प्रयागराज जैसे शहरों से विशेष वाहनों से आ रहे हैं।
तिथियाँ और कार्यक्रम
- कथा प्रारंभ: 5 जुलाई 2025
- समापन: 11 जुलाई 2025
- विशेष पूजन: 8 जुलाई को रुद्राभिषेक व हवन
- भंडारा: 11 जुलाई को विशाल भंडारा
आध्यात्मिक दृष्टिकोण और सामाजिक एकता
धार्मिक समागम के साथ सामाजिक संगठनों की भूमिका
यह religious event केवल आध्यात्मिक चेतना का पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी उत्सव है। गाँव के सभी वर्ग, जाति और आयु समूह के लोग एकजुट होकर आयोजन में सहयोग कर रहे हैं।
बाल-संस्कार शिविर भी आयोजित
कथा के समानांतर बालकों के लिए विशेष बाल-संस्कार शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नैतिक शिक्षा, रामायण पाठ, गीत-संगीत और योग की शिक्षा दी जाएगी।
मीडिया की उपस्थिति और लाइव प्रसारण
स्थानीय टीवी चैनल, यूट्यूब धार्मिक चैनल और समाचार एजेंसियाँ इस religious event को कवर कर रही हैं। कथा का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया जाएगा ताकि जो श्रद्धालु भौतिक रूप से उपस्थित न हो सकें, वे भी इसका लाभ ले सकें।
दादरपुर गाँव में पुनः आरम्भ होने वाली श्रीराम कथा केवल एक अधूरी कहानी का समापन नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, संगठन और सामाजिक सद्भाव का अद्भुत संगम है। यह religious event हर उस व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है, जो धर्म को केवल एक रीति नहीं, बल्कि जीवनशैली मानता है।