हाइलाइट्स
- भाजपा नेत्री ने एक भाजपा विधायक पर लगाया same-sex relationship और नाबालिग शोषण का गंभीर आरोप
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भाजपा कार्यकर्ताओं के आचरण को लेकर उठे सवाल
- राजनीतिक गलियारों में सनसनी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ आरोपों से जुड़ा बयान
- आरोपों के सबूत और पुष्टि के बिना विधायक की छवि पर गहरा असर
- विपक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की तुरंत निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की जाए
मामला क्या है? भाजपा की ही नेत्री ने खोला पिटारा
भारतीय जनता पार्टी की एक महिला नेत्री द्वारा हाल ही में सार्वजनिक मंच पर दिए गए बयान ने पूरे उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। उन्होंने अपने ही दल के एक भाजपा विधायक पर आरोप लगाए हैं कि वे एक same-sex relationship में हैं और साथ ही नाबालिग बच्चों के यौन शोषण में भी संलिप्त हैं। यह आरोप न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि भाजपा के नैतिकता और शुचिता की छवि पर भी सवाल खड़े करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुप्पी पर सवाल
भाजपा शासित राज्य में ऐसे गंभीर आरोप सामने आने के बावजूद अब तक न तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है और न ही पार्टी की ओर से कोई जांच समिति गठित की गई है। जबकि योगी आदित्यनाथ अक्सर सार्वजनिक मंचों पर “संस्कार”, “मर्यादा” और “आचरण” की बात करते हैं, उनके ही अधीन कार्य कर रहे एक विधायक पर same-sex relationship और नाबालिग शोषण के आरोप गंभीर चिंता का विषय हैं।
भाजपा विधायक समलैंगिक है और उसके अपने साथी के साथ अंतरंग समलैंगिक संबंध हैं एवं दोनों मिलकर नाबालिग बच्चों का यौन शोषण करते हैं।
ये सनसनीखेज आरोप किसी विपक्ष ने नहीं बल्कि खुद भाजपा नेत्री ने लगाए हैं।
अब सवाल सीएम योगी आदित्यनाथ जी से है जो मर्यादा, आचरण का पाठ विपक्ष को… pic.twitter.com/CxqdtPcxqm
— Samajwadi Party Media Cell (@mediacellsp) June 27, 2025
राजनीति में समलैंगिकता: मुद्दा निजी या सार्वजनिक?
यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि समलैंगिकता (same-sex relationship) भारत में अब अपराध नहीं है, खासकर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद। लेकिन यदि यह संबंध नाबालिग बच्चों के यौन शोषण से जुड़ता है, तो यह न केवल अनैतिक बल्कि कानूनन अपराध है। इस कारण यह मामला व्यक्तिगत चयन नहीं बल्कि सार्वजनिक और कानूनी बहस का विषय बन गया है।
भाजपा विधायक पर क्या हैं आरोप?
भाजपा नेत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि संबंधित भाजपा विधायक और उनका साथी न केवल एक same-sex relationship में हैं बल्कि मिलकर नाबालिग बच्चों को लालच देकर उनका शोषण भी करते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास इससे जुड़े ऑडियो, वीडियो और दस्तावेज़ी सबूत हैं जिन्हें वे उचित समय पर सामने लाएंगी।
क्या कोई FIR दर्ज हुई?
अब तक की जानकारी के अनुसार, संबंधित मामले में कोई औपचारिक FIR दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके वीडियो और प्रेस ब्रीफिंग के आधार पर आम जनता और मीडिया का ध्यान इस ओर केंद्रित हो गया है। यदि इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह भाजपा के लिए न केवल नैतिक बल्कि कानूनी चुनौती भी बन सकता है।
विपक्ष ने किया हमला
विपक्षी दलों ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि जब भाजपा अपने ही दल के अंदर अपराधियों को संरक्षण दे रही है, तो वह दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का अधिकार खो देती है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सहित कई दलों ने same-sex relationship से जुड़े आरोपों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया
यह मामला अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। #SameSexMLA और #BJPScandal जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने आरोप लगाने वाली नेत्री का समर्थन किया है, वहीं कुछ का मानना है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र भी हो सकता है।
क्या भाजपा कोई आंतरिक जांच करेगी?
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि इस मामले को नजरअंदाज किया गया, तो आगामी चुनावों में इसका बड़ा खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
सच सामने लाना ज़रूरी
इस मामले में आरोप बेहद गंभीर हैं — same-sex relationship जैसी निजी बात से लेकर नाबालिग शोषण जैसे जघन्य अपराध तक। बिना निष्पक्ष जांच के किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता, लेकिन पार्टी और प्रशासन की चुप्पी चिंता का विषय है।
अगर भाजपा इस मामले में गंभीर नहीं हुई, तो यह न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि नैतिक रूप से भी पार्टी की साख को नुकसान पहुँचा सकता है। साथ ही, same-sex relationship जैसे विषय को सनसनी से हटाकर संवेदनशीलता से देखने की ज़रूरत है — ताकि असल अपराध उजागर हो सके और व्यक्तिगत आज़ादी को बदनाम न किया जाए।