Dangerous Virus

दुनिया पर मंडरा रहा है अगली महामारी का साया: चमगादड़ों में मिले 22 नए खतरनाक वायरस, इंसानों को पागल कर मार डालने की चेतावनी!

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हाइलाइट्स:

  • चीन के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में 22 Dangerous Virus की पहचान की, जो भविष्य में जानलेवा साबित हो सकते हैं।
  • इन वायरस में हेंड्रा और निपाह जैसे घातक वायरस से मिलती-जुलती जेनेटिक संरचना पाई गई है।
  • वायरस संक्रमित चमगादड़ फलों के बागों और गांवों के पास पाए गए, जिससे मानव संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
  • शोध में एक नया परजीवी क्लोसिएला युन्नानेंसिस और एक अज्ञात बैक्टीरिया भी पाया गया।
  • विशेषज्ञों ने चेताया है कि ये Dangerous Virus फलों, पानी या पेशाब के माध्यम से तेजी से फैल सकते हैं।

जब दोहराया जाएगा महामारियों का इतिहास: 22 नए Dangerous Virus का खतरा मंडरा रहा

कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के बाद दुनिया ने अब एक भयावह और संभावित जानलेवा संकट की आहट सुनी है। यह खतरा फिर से चीन की प्रयोगशालाओं और जंगलों से निकलकर मानव जीवन पर मंडरा रहा है। हालिया शोध में चीन के युन्नान प्रांत में रहने वाले चमगादड़ों में कम से कम 22 नए Dangerous Virus की पहचान की गई है, जो भविष्य में किसी भी समय एक और महामारी का कारण बन सकते हैं।

कोरोना वायरस: एक भयावह याद

कोरोना का पहला मामला कब सामने आया?

2019 में चीन के वुहान शहर में एक रहस्यमयी वायरस का पहला मामला सामने आया था, जिसे बाद में COVID-19 के नाम से जाना गया। वुहान वायरस रिसर्च सेंटर इस वायरस की उत्पत्ति का केंद्र माना गया। यह वायरस चमगादड़ों से इंसानों तक पहुंचा और फिर पूरी दुनिया में फैल गया। लाखों जानें लेने वाले इस वायरस ने दुनिया को दिखा दिया कि एक अदृश्य दुश्मन कैसे समूची मानवता को घुटनों पर ला सकता है।

नए Dangerous Virus की पहचान: शोध में क्या मिला?

चमगादड़ों में 22 नए वायरस मिले

2017 से 2021 के बीच चीन के युन्नान प्रांत में किए गए शोध के दौरान 142 चमगादड़ों के किडनी टिश्यू से 22 नए वायरस की पहचान की गई। शोधकर्ताओं ने बताया कि इनमें से दो वायरस – Yunnan Bat Henipavirus 1 और 2 – हेंड्रा और निपाह वायरस के समान हैं। इन वायरस का जेनेटिक मटीरियल हेनिपावायरस से 52 से 57 प्रतिशत तक मेल खाता है।

सिर्फ वायरस नहीं, परजीवी और बैक्टीरिया भी शामिल

इस अध्ययन में सिर्फ वायरस नहीं बल्कि एक परजीवी (Klebsiella Yunnanensis) और एक अज्ञात बैक्टीरिया भी खोजा गया है। यह खोज दर्शाती है कि जीव-जंतु, विशेषकर चमगादड़, नए रोगजनकों के वाहक बन सकते हैं जो इंसानों के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं।

कैसे फैल सकते हैं ये Dangerous Virus?

संक्रमण के माध्यम

विशेषज्ञों का मानना है कि ये Dangerous Virus फलों, पानी और संक्रमित पेशाब के माध्यम से इंसानों और जानवरों तक पहुंच सकते हैं। खास बात यह है कि जिन इलाकों में ये चमगादड़ रहते हैं, वे ग्रामीण बस्तियों और फलदार बागानों के आसपास हैं। इसका सीधा मतलब है कि वहां रहने वाले लोग बिना किसी पूर्व जानकारी के वायरस के संपर्क में आ सकते हैं।

क्या हो सकते हैं लक्षण?

इन वायरसों से संक्रमित होने पर निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • सांस लेने में तकलीफ
  • मस्तिष्क में सूजन
  • भ्रम और मानसिक विकार
  • तेज बुखार और बेहोशी

ये लक्षण COVID-19 से भी गंभीर हो सकते हैं और तेजी से जानलेवा हो सकते हैं।

वैज्ञानिकों और सरकारों की चेतावनी

शोधकर्ताओं ने चेताया है कि इन Dangerous Virus की अनदेखी भारी पड़ सकती है। उन्होंने WHO और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों से आग्रह किया है कि भविष्य की संभावित महामारियों को रोकने के लिए तुरंत रिसर्च और वैक्सीन डेवलपमेंट पर काम शुरू किया जाए।

क्या कोई नई महामारी आने वाली है?

हालांकि अभी तक किसी नई महामारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इन वायरसों की पहचान को वैज्ञानिक ‘हाई रिस्क अलर्ट’ मान रहे हैं। यदि यह वायरस इंसानों में फैलते हैं, तो कोरोना से भी बड़ी त्रासदी हो सकती है।

क्यों खतरा सिर्फ चीन तक सीमित नहीं?

दुनिया पहले ही देख चुकी है कि किसी एक देश में उत्पन्न हुआ वायरस कैसे हवाई यात्राओं, पर्यटन और व्यापार के माध्यम से वैश्विक आपदा बन सकता है। कोरोना वायरस इसका जीता-जागता उदाहरण है। इसलिए इन Dangerous Virus को केवल चीन की समस्या मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

समाधान और सतर्कता: अभी वक्त है संभलने का

क्या किया जा सकता है?

  • ग्रामीण इलाकों में चमगादड़ों के संपर्क को सीमित करना
  • जागरूकता अभियान चलाना
  • वन्यजीवों के साथ मानव संपर्क पर शोध करना
  • बायोसेफ्टी लेवल 4 प्रयोगशालाओं में इन वायरसों पर तुरंत शोध शुरू करना

सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य की किसी भी महामारी से निपटा जा सके।

 अगली महामारी की आहट?

कोरोना वायरस के बाद जब दुनिया सामान्य हो रही थी, तभी ये खबर हमें फिर से सोचने पर मजबूर करती है कि मानवता कितनी नाजुक स्थिति में खड़ी है। नए Dangerous Virus की पहचान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना होगा, नहीं तो एक छोटी सी गलती फिर से पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले सकती है।

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