हाइलाइट्स
- दिल्ली में Israeli Embassy Protest के दौरान छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर मचा हड़कंप
- प्रदर्शन कर रहे IPSP कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
- छात्रा को सांस लेने में हुई परेशानी, अस्पताल में कराया गया भर्ती
- प्रदर्शनकारियों का आरोप: आधे घंटे तक पुलिस ने नहीं दी मेडिकल सहायता
- इजरायल-गाजा संघर्ष के विरोध में IPSP ने निकाला था शांतिपूर्ण मार्च
राजधानी में IPSP के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस का हिंसक रवैया
नई दिल्ली। इजरायल द्वारा गाजा पट्टी में की जा रही सैन्य कार्रवाई के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को इंडियन पीस एंड सॉलिडैरिटी प्लेटफॉर्म (IPSP) के बैनर तले सैकड़ों छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकार समर्थक Israeli Embassy Protest में शामिल हुए। लेकिन यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन उस वक्त तनावपूर्ण हो गया जब दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना शुरू किया।
प्रदर्शन के दौरान एक छात्रा की तबीयत बिगड़ गई और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। चश्मदीदों के अनुसार, छात्रा को करीब आधे घंटे तक ज़मीन पर तड़पते हुए देखा गया, लेकिन पुलिस ने उसे प्राथमिक चिकित्सा तक नहीं दी। इसके चलते अब पुलिस के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस की ‘एक्स्ट्रा फोर्स’ और बल प्रयोग
किस तरह हिंसा में बदला Israeli Embassy Protest?
IPSP द्वारा आयोजित यह विरोध प्रदर्शन सुबह 11 बजे मंडी हाउस से शुरू होकर जनपथ होते हुए इजराइली दूतावास तक पहुंचना था। प्रदर्शनकारी “गाजा के बच्चों के लिए इंसाफ”, “इजरायली युद्ध अपराध बंद करो” जैसे नारों के साथ आगे बढ़ रहे थे। लेकिन जैसे ही यह मार्च जनपथ पहुंचा, दिल्ली पुलिस ने बेरिकेड लगाकर इन्हें रोक दिया।
इसके बाद, अचानक से Israeli Embassy Protest में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज शुरू कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक बसों में भरकर दूर ले जाया गया। इस दौरान कई कार्यकर्ता ज़मीन पर गिर पड़े, जिनमें एक छात्रा को गंभीर सांस लेने की दिक्कत हुई।
आधे घंटे तक अनदेखी करती रही पुलिस
मेडिकल हेल्प मांगते रहे प्रदर्शनकारी
IPSP से जुड़ी कार्यकर्ता कविता अग्रवाल के अनुसार, “हम लगातार पुलिस से कह रहे थे कि छात्रा को एंबुलेंस की जरूरत है, लेकिन उन्होंने कहा – ‘पहले आंदोलन खत्म करो, फिर देखेंगे।’ यह अमानवीय था।”
इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कुछ लोगों ने छात्रा को पानी पिलाया और CPR देने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने कोई मदद नहीं की, तब प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो डालकर मेडिकल सहायता मांगी।
अस्पताल में भर्ती, स्थिति स्थिर
छात्रा की हालत अब सामान्य
करीब 40 मिनट की देरी के बाद जब NGO कार्यकर्ताओं की मदद से छात्रा को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, तब जाकर उसे ऑक्सीजन और अन्य जरूरी उपचार मिला। डॉक्टरों ने बताया कि छात्रा को अस्थमा की शिकायत है और ज्यादा भीड़ व आंसू गैस की वजह से उसकी हालत बिगड़ी।
फिलहाल वह एम्स में भर्ती है और स्थिति सामान्य है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि समय पर प्राथमिक चिकित्सा मिल जाती, तो हालात गंभीर नहीं होते।
दिल्ली: इजराइली एंबेसी के बाहर प्रदर्शन कर रहे IPSP कार्यकर्ताओं पर हुई पुलिस की बर्बरता के कारण बिगड़ी एक छात्रा की तबियत, सांस लेने में हुई परेशानी, प्रदर्शनकारी बोले- पुलिस ने आधे घंटे से अधिक समय तक छात्रा की हालत को अनदेखा किया.#IranIsraelConflict #Delhi #Israel #India pic.twitter.com/tiqY2a04VE
— Journo Mirror (@JournoMirror) June 23, 2025
IPSP का बयान: “पुलिस का रवैया लोकतंत्र के खिलाफ”
शांतिपूर्ण प्रदर्शन को जबरन कुचलने की कोशिश
IPSP ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि Israeli Embassy Protest के दौरान पुलिस ने न सिर्फ शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक रूप दिया बल्कि मानवता की भी हत्या की। “हम भारत के संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर यकीन रखते हैं। लेकिन जब राज्य शक्ति का प्रयोग लोगों की आवाज दबाने के लिए किया जाए, तो यह लोकतंत्र पर हमला है,” बयान में कहा गया।
सामाजिक संगठनों और विपक्ष की प्रतिक्रिया
मानवाधिकार आयोग और विपक्षी नेताओं ने की निंदा
घटना के बाद कई मानवाधिकार संगठन और विपक्षी दलों ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “छात्रों पर लाठीचार्ज और मेडिकल सहायता न देना, मोदी सरकार की असहिष्णुता को दर्शाता है।”
वहीं, मानवाधिकार आयोग ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस से 72 घंटे में जवाब मांगा है।
दिल्ली पुलिस का बचाव
“भीड़ बेकाबू हो रही थी”, कहा DCP
दिल्ली पुलिस के DCP (New Delhi Zone) उमेश शर्मा ने कहा, “हमें सूचना मिली थी कि प्रदर्शनकारी दूतावास के अंदर घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए फोर्स लगाई गई। जहां तक छात्रा की बात है, हमें इस बारे में कोई तत्काल जानकारी नहीं मिली थी।”
हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी बार-बार पुलिस से मदद की मांग कर रहे थे।
गाजा पर इजरायली हमले के खिलाफ भारत में बढ़ता विरोध
देशभर में हो रहे Israeli Embassy Protest
दिल्ली की यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है। मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ और कोलकाता में भी इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर Israeli Embassy Protest हो रहे हैं। छात्रों, बुद्धिजीवियों, वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग गाजा में हो रही हत्याओं को लेकर सड़कों पर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इन विरोधों को गंभीरता से नहीं लेती और केवल दमन की नीति अपनाती है, तो देश में असंतोष और बढ़ सकता है।
क्या शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार भी छीना जा रहा है?
दिल्ली में Israeli Embassy Protest के दौरान छात्रा की तबीयत बिगड़ने और पुलिस की अनदेखी ने कई संवेदनशील सवाल खड़े किए हैं – क्या भारत में अब शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने का भी अधिकार नहीं रह गया है? क्या राज्य की जिम्मेदारी केवल प्रदर्शन को दबाना है, न कि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना?
प्रदर्शन चाहे किसी भी मुद्दे पर हो, लोकतंत्र में उसकी जगह हमेशा रहेगी। लेकिन जब सरकार और प्रशासन अपने ही नागरिकों की आवाज को बंदूक और लाठी से दबाने लगें, तब लोकतंत्र की आत्मा ही खतरे में पड़ जाती है।