हाइलाइट्स
- एयर इंडिया हादसे के बाद पायल अरोड़ा ने LinkedIn पर डाला Open to Work स्टेटस
- DGCA ने तीन अधिकारियों को हादसे के लिए ठहराया जिम्मेदार
- हादसे में 280 लोगों की मौत, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर हुआ था दुर्घटनाग्रस्त
- क्रू शेड्यूलिंग में गड़बड़ी और थकान से जुड़ी चौंकाने वाली लापरवाहियां सामने आईं
- क्या ‘Open to Work’ का स्टेटस पेशेवर पुनर्निर्माण का संकेत है या जिम्मेदारी से बचाव?
हादसा जिसने हिला दी विमानन व्यवस्था की नींव
12 जून 2025 की सुबह, गुजरात के अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयंकर हादसे में 280 लोगों की जान चली गई, जिसने केवल परिवारों को नहीं, बल्कि पूरे देश को सदमे में डाल दिया।
इस दुर्घटना की जांच कर रहे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को दोषी पाया— चूरा सिंह, पिंकी मित्तल और पायल अरोड़ा, जो हाल ही में सोशल मीडिया पर Open to Work स्टेटस अपडेट करके चर्चा में आ गई हैं।
DGCA की सख्ती: नामों के पीछे की जिम्मेदारियां
कौन हैं दोषी अधिकारी?
पायल अरोड़ा और उनकी भूमिका
पायल अरोड़ा एयर इंडिया में क्रू शेड्यूलिंग – प्लानिंग विभाग में कार्यरत थीं। DGCA की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के दिन उड़ान क्रू के रोस्टर में गड़बड़ियां थीं। DGCA ने साफ किया कि कुछ क्रू मेंबर अनाधिकृत थे, जबकि कई को पर्याप्त आराम नहीं दिया गया था।
पायल अरोड़ा की भूमिका इन गड़बड़ियों में प्रमुख पाई गई। यही कारण है कि Open to Work स्टेटस डालने के बाद अब यह बहस शुरू हो गई है कि क्या वे खुद को दोषमुक्त दिखाने की कोशिश कर रही हैं।
पेशेवर सफर: एक योग्य लेकिन विवादास्पद करियर
पायल अरोड़ा का पेशेवर सफर विमानन क्षेत्र में उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने एयर इंडिया में 7 वर्षों से अधिक समय तक कार्य किया।
- क्रू प्रशिक्षण
- DGCA अनुपालन
- रोस्टर ऑडिट
- प्रशिक्षण में 30% सुधार
- घटनाओं में 25% की कमी
इससे पहले वे Vistara Airlines में भी कार्य कर चुकी हैं, जहाँ उन्होंने 200+ पायलटों को प्रशिक्षित किया और 80+ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में नेतृत्व किया।
इस विस्तृत अनुभव के बावजूद, उनकी Open to Work स्थिति दर्शाती है कि वे अब एक नए मौके की तलाश में हैं।
हादसे का विश्लेषण: गलती किसकी?
DGCA की प्रारंभिक रिपोर्ट इस बात को उजागर करती है कि—
- उड़ान से पहले पायलट थके हुए थे
- क्रू शेड्यूलिंग में अत्यधिक तनावपूर्ण ड्यूटीज़ निर्धारित की गई थीं
- एक क्रू मेंबर का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुआ था
- सुरक्षा चेकलिस्ट अधूरी थी
इन सबका सामूहिक असर ही दुर्घटना में परिवर्तित हुआ। DGCA ने इसे “Systemic Failure” कहा, जिसमें पायल की भूमिका केंद्रीय मानी गई।
Open to Work: स्टेटस या स्टेटमेंट?
पायल अरोड़ा ने LinkedIn पर हादसे के कुछ दिनों बाद ही अपने प्रोफाइल में Open to Work जोड़ा। इस अपडेट के कई मायने निकाले जा रहे हैं:
संभावित कारण
- पेशेवर छवि सुधारने की कोशिश
- कंपनी से दूरी बनाने का संकेत
- उद्योग में नए मौके तलाशना
विशेषज्ञों की राय
विमानन उद्योग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ऐसे समय में Open to Work स्टेटस देना, जवाबदेही से बचाव का प्रयास भी हो सकता है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई और निलंबन
DGCA ने एयर इंडिया को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। साथ ही, तीनों अधिकारियों को गैर-परिचालन भूमिकाओं में स्थानांतरित किया गया है।
विशेष रूप से पायल अरोड़ा को सुरक्षा और प्रशिक्षण से जुड़ी किसी भी जिम्मेदारी से तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। अब उनके खिलाफ कंपनी स्तर पर अनुशासनात्मक जांच जारी है।
भविष्य की संभावनाएं: क्या मिलेगा दूसरा मौका?
विमानन क्षेत्र में पायल अरोड़ा का अनुभव व्यापक है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि Open to Work स्टेटस केवल नया करियर तलाशने का संकेत है, न कि हार मानने का।
लेकिन यह भी स्पष्ट है कि इस हादसे ने उनकी पेशेवर छवि पर गहरा दाग छोड़ा है, जिससे उबरना आसान नहीं होगा। नई नौकरी पाने के लिए उन्हें:
- मजबूत कानूनी क्लीन चिट
- उद्योग में नए भरोसे
- पारदर्शिता और क्षमायाचना जैसे कदम उठाने होंगे
सीख और सवाल
12 जून का हादसा केवल एक तकनीकी त्रुटि नहीं था। यह एक ऐसे सिस्टम का चेहरा था, जिसमें मानवीय लापरवाही, शेड्यूलिंग की चूक और थकान जैसे कारकों की अनदेखी की गई।
Open to Work स्टेटस आज कई पेशेवरों के लिए अवसर का प्रतीक है, लेकिन जब यह किसी ऐसे नाम से जुड़ता है, जो एक भयानक हादसे में संदिग्ध रहा हो, तो यह बहस छेड़ देता है— क्या हम वाकई ज़िम्मेदारी तय कर पाए हैं?