Baba Controversy

बाबा की जुबान से निकला ज़हर: क्या बेटियों की इज्जत अब धर्मगुरुओं की मोहताज रह गई है?

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हाइलाइट्स

  • Baba Controversy: सार्वजनिक मंच से बाबा ने बेटियों के चरित्र पर कीचड़ उछालते हुए कही आपत्तिजनक बातें
  • हजारों की भीड़ में किसी ने नहीं उठाई आवाज, बेटियों पर टिप्पणी करते रहे बाबा
  • बाबा ने कहा – “25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है, जवानी फिसल जाती है”
  • मां-बाप अपनी बेटियों को पढ़ाने का सपना देखते हैं, लेकिन बाबा की सोच ने दुखी किया
  • सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, आम जनता और महिला संगठनों ने जताया रोष

Baba Controversy: महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी से उठे सवाल

भारत में आध्यात्मिकता और साधु-संतों को सदैव उच्च सम्मान दिया गया है। लेकिन जब यही मंच किसी Baba Controversy का केंद्र बन जाए, तो सवाल उठने लाजमी हैं। हाल ही में एक बाबा ने हजारों लोगों की भीड़ में बेटियों के चरित्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उन्होंने मंच से कहा – “25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है, जवानी फिसल जाती है।” यह वाक्य न केवल स्त्रियों का अपमान है, बल्कि समूचे समाज की मानसिकता पर भी चोट करता है।

घटना की पूरी जानकारी: Baba Controversy कैसे शुरू हुई?

कहां और कब हुआ ये बयान

एक प्रख्यात बाबा, जो अक्सर जनसभाओं और धार्मिक प्रवचनों में लाखों की भीड़ इकट्ठा करते हैं, ने हाल ही में अपने प्रवचन के दौरान महिलाओं के चरित्र पर इस तरह की अभद्र टिप्पणी की। वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इस Baba Controversy ने पूरे देश का ध्यान खींचा है।

मंच पर बैठे लोग क्यों रहे चुप?

हजारों की संख्या में वहां मौजूद महिलाएं, लड़कियां और माता-पिता चुपचाप बैठे रहे। किसी ने विरोध नहीं किया, कोई सवाल नहीं उठा। क्या धार्मिक मंचों पर बाबा जो कहें, वो अक्षरशः सत्य मान लिया जाता है? क्या एक बाबा के लिए बेटियों की गरिमा से ज्यादा जरूरी उसकी शोहरत और भक्तों की भीड़ है?

बेटियों को लेकर समाज की सच्ची सोच क्या है?

मां-बाप की उम्मीदें

आज अधिकतर माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटियां शिक्षित हों, आत्मनिर्भर बनें। वे चाहते हैं कि उनकी बेटियां ग्रेजुएशन पूरी करें, करियर बनाएं और सम्मान के साथ जीवन जिएं। लेकिन जब ऐसे Baba Controversy के माध्यम से बेटियों के चरित्र पर अंगुली उठाई जाती है, तो उन सभी सपनों पर गहरा आघात होता है।

कम उम्र में शादी की मानसिकता बदल रही है

समाज में अब यह सोच तेजी से बदल रही है कि बेटियों की शादी बचपन में कर दी जाए। लेकिन जब कोई बाबा मंच से यह प्रचार करें कि लड़की की जवानी 25 तक फिसल जाती है, तो यह सीधे-सीधे बाल विवाह को बढ़ावा देने जैसा प्रतीत होता है।

सोशल मीडिया पर उबाल – ‘बाबा को शर्म आनी चाहिए’

वायरल वीडियो और प्रतिक्रियाएं

Baba Controversy पर आधारित यह वीडियो ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर तेजी से वायरल हो गया। हज़ारों लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी:

  • “यह संत नहीं, समाज के लिए कलंक हैं।”
  • “एक शिक्षित समाज को ऐसे लोगों से सवाल करना आना चाहिए।”
  • “हमारी बेटियों के खिलाफ बोलने वाले को मंच नहीं, मंच से नीचे उतार देना चाहिए।”

महिला संगठनों की मांग – FIR दर्ज हो

कानूनी कार्रवाई की मांग

महिला अधिकार संगठनों ने इस बाबा पर FIR दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह बयान केवल एक महिला के नहीं, बल्कि समूचे नारी समाज के चरित्र पर कीचड़ उछालने जैसा है। इस Baba Controversy में संज्ञान लेते हुए कई महिला आयोगों ने स्वत: कार्रवाई की चेतावनी दी है।

क्या यही है आध्यात्म का स्वरूप?

आध्यात्मिकता बनाम असंवेदनशीलता

धर्म और आध्यात्मिकता का उद्देश्य समाज को जोड़ना होता है, तोड़ना नहीं। अगर कोई बाबा समाज की आधी आबादी – बेटियों – पर अशोभनीय टिप्पणी करे, तो यह आध्यात्मिकता नहीं, असंवेदनशीलता का घिनौना उदाहरण है।

समाज को अब सजग होना होगा

यह घटना केवल एक Baba Controversy नहीं है, यह समाज के मौन रहने की प्रवृत्ति पर भी सवाल है। अगर बेटियों के सम्मान को मंचों से रौंदा जाएगा और हम चुप रहेंगे, तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी।

हमें चुनना होगा – चुप रहकर बाबा जैसे लोगों को बढ़ावा देना या सच के लिए आवाज़ उठाना।

Baba Controversy ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सामाजिक और धार्मिक मंचों पर जो भी बोले, उसे आंख मूंदकर नहीं स्वीकारा जा सकता। हमें नारी गरिमा की रक्षा करनी होगी – हर मंच, हर जगह। क्योंकि जब तक बेटियां सुरक्षित नहीं होंगी, समाज आत्मा से मर चुका होगा।

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