हाइलाइट्स
- कौशांबी जिले में mother daughter suicide की चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
- पति से झगड़े के बाद महिला ने पहले अपनी मासूम बेटी को ज़हर दिया और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली।
- मृतक महिला की सास के बयान ने पुलिस को घटना की असल टाइमलाइन बताई।
- बड़ी बेटी और छोटे बेटे ने रोते हुए दरवाजा खोलकर सबको स्तब्ध कर दिया।
- राजस्थान के कोटा में काम करने वाले पति से पुलिस कर रही है पूछताछ की तैयारी।
घटना स्थल: यूपी के कौशांबी जिले में मातम का माहौल
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के सैनी कोतवाली क्षेत्र के पथरावां गांव से आई यह खबर समाज को सोचने पर मजबूर कर देती है। एक मां ने mother daughter suicide जैसी दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया, जिसने न सिर्फ दो जिंदगियों को खत्म कर दिया बल्कि पीछे छोड़े कई सवाल।
पति के एक फोन कॉल ने तोड़ दी दो जिंदगियां
बुधवार की रात को हुई यह घटना तब सामने आई जब 38 वर्षीय सोनी देवी को उनके पति सुरेंद्र ने रात 11 बजे फोन किया। दोनों के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई। बहस इतनी बढ़ गई कि सोनी ने फोन पर ही आत्महत्या की धमकी दे दी।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, यह बहस mother daughter suicide की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।
रात 1 बजे पति का दूसरा कॉल और अनहोनी की आहट
रात 1 बजे सुरेंद्र ने अपनी मां जमुना देवी को कॉल किया और बताया कि सोनी ने ज़हर खा लिया है, आप देख लीजिए।
जब जमुना देवी बहू के कमरे पर पहुंचीं, तो भीतर का दृश्य दिल दहला देने वाला था। दरवाजा खटखटाने पर बड़ी पोती काजल और पोता शनि रोते हुए बाहर आए। कमरे में मां-बेटी बेहोश पड़ी थीं, और बाद में अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बड़ी बेटी की गवाही: “मम्मी ने कहा था कि सुकून से सो जाओ”
बड़ी बेटी काजल ने पुलिस को बताया कि जब माता-पिता में बहस हो रही थी, तब मां ने पिता को कहा, “हम कुछ नहीं करेंगे, बस चैन से सो जाएं।”
इसके बाद वह सो गईं, लेकिन कब मां ने खुद ज़हर खाया और छोटी बहन को ज़हर दिया, किसी को भनक नहीं लगी। यह बयान mother daughter suicide के केस में पुलिस के लिए अहम बन गया है।
सास का बयान: “जैसे ही कमरे में घुसी, सब खत्म हो चुका था”
जमुना देवी का कहना है कि जैसे ही कमरे में पहुंचीं, मां और बेटी जमीन पर तड़पती मिलीं। उन्होंने तुरंत आस-पड़ोस के लोगों को बुलाया और अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस की जांच: पति के खिलाफ बन सकता है मामला
फिलहाल mother daughter suicide केस में पुलिस कई पहलुओं से जांच कर रही है। सुरेंद्र राजस्थान के कोटा में मजदूरी करता है और घटना के समय वहीं था।
पुलिस उससे पूछताछ की तैयारी में है और फोन कॉल रिकॉर्ड्स, व्हाट्सएप चैट्स और आसपास के लोगों के बयान दर्ज कर रही है। आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराएं भी लग सकती हैं।
समाज पर सवाल: क्या रिश्तों का इतना टूट जाना जायज है?
यह घटना केवल mother daughter suicide की रिपोर्ट नहीं है, बल्कि एक सोचने वाली स्थिति है। क्या हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोई जगह बची है? क्या एक झगड़ा इतना बड़ा हो सकता है कि इंसान अपनी औलाद के साथ खुद को भी खत्म कर दे?
आख़िर कौन जिम्मेदार?
- क्या पति की डांट आत्महत्या के लिए काफी कारण थी?
- क्या महिला मानसिक दबाव में थी?
- बच्चों का भविष्य अब किसके हाथ में है?
इन सवालों के जवाब न सिर्फ इस केस के लिए जरूरी हैं, बल्कि हर उस परिवार के लिए भी, जहां घरेलू कलह सामान्य होती जा रही है।
मनोवैज्ञानिकों की राय: “हर झगड़ा मौत की वजह नहीं बनना चाहिए”
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. भावना मिश्रा कहती हैं कि mother daughter suicide जैसी घटनाएं उन लोगों के लिए चेतावनी हैं जो छोटी बातों में बड़ी प्रतिक्रियाएं देने लगते हैं।
“अगर किसी को मानसिक तनाव हो, तो तुरंत किसी विश्वासपात्र या हेल्पलाइन से संपर्क करें। एक झगड़ा पूरे जीवन को खत्म करने का कारण नहीं होना चाहिए।”
जरूरत है संवेदनशील समाज की
सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा ताकि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके। स्कूलों, पंचायतों और कार्यस्थलों में काउंसलिंग अनिवार्य की जानी चाहिए।
मौत से पहले एक बार बात कर लेना जरूरी है
Mother daughter suicide की यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, एक चेतावनी है। एक अपील है – बात कीजिए, साझा कीजिए, मदद मांगिए। क्योंकि हर समस्या का हल आत्महत्या नहीं होता।