Car Fire Accident

कार फायर एक्सीडेंट में जिंदा जल गए पांच लोग: शादी से लौटते वक्त झपकी ने छीन ली पूरी जिंदगी, एक महिला गंभीर

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हाइलाइट्स

  • Car Fire Accident में जिंदा जलकर 5 लोगों की दर्दनाक मौत, एक महिला गंभीर रूप से घायल
  • बदायूं से दिल्ली लौटते वक्त पुलिया से टकराकर पलटी कार, आग लगते ही लॉक हो गए दरवाजे
  • हादसे में दिल्ली के मालवीयनगर निवासी तंबीज़ अहमद समेत परिवार के पांच सदस्यों की मौत
  • कार में आग लगने के बाद खिड़की-दरवाजे लॉक हो गए, लोग बाहर नहीं निकल पाए
  • ड्राइवर को आई नींद की झपकी या बाइक को बचाने की कोशिश? हादसे के कारण को लेकर दो पक्ष

 बुलंदशहर में भीषण Car Fire Accident से मातम का माहौल

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक ह्रदय विदारक खबर सामने आई है, जहां एक दर्दनाक Car Fire Accident में एक ही परिवार के पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि कार सवार किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिला। यह भीषण दुर्घटना उस समय हुई जब दिल्ली के मालवीयनगर निवासी तंबीज़ अहमद अपने साले और परिवार के साथ बदायूं के सहसवान इलाके से शादी समारोह में शामिल होकर दिल्ली लौट रहे थे।

 हादसा कहां और कैसे हुआ?

 झपकी या बाइक को बचाने की कोशिश?

घटना थाना जहांगीराबाद क्षेत्र के जानीपुर चंदौस तिराहे के पास सुबह 5:35 बजे हुई। जानकारी के अनुसार, स्विफ्ट डिजायर कार पुलिया से टकराकर पलटी और खाई में गिरते ही उसमें भीषण आग लग गई। Car Fire Accident का संभावित कारण ड्राइवर को आई नींद की झपकी बताया जा रहा है, लेकिन परिवार वालों का दावा है कि कार एक बाइक सवार को बचाने के प्रयास में पुलिया से टकरा गई।

 कार लॉक होने से नहीं निकल पाए लोग

जैसे ही कार खाई में गिरी, उसमें आग लग गई और लॉकिंग सिस्टम फेल हो गया। Car Fire Accident के दौरान कार के दरवाजे लॉक हो गए, जिससे लोग बाहर नहीं निकल सके और जिंदा जल गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चंद मिनटों में ही पूरी कार आग की लपटों में घिर गई।

 कौन-कौन हुए हादसे का शिकार?

हादसे में मरने वालों की पहचान निम्नलिखित के रूप में हुई:

  • तंबीज़ अहमद – मालवीयनगर, दिल्ली
  • जुबैर – तंबीज़ के बहनोई
  • निदा – जुबैर की पत्नी
  • मोमिना – परिवार की सदस्य
  • जैनुल – जुबैर का ढाई साल का बेटा

जबकि गुलनाज, जो कि तंबीज़ की रिश्तेदार हैं, इस Car Fire Accident में गंभीर रूप से झुलस गई हैं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 मौके पर पहुंची पुलिस और राहत कार्य

बुलंदशहर पुलिस को हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस के साथ पहुंची। आग पर काबू पाने में करीब 20 मिनट लगे। तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी। पुलिस अधीक्षक (देहात) डॉ. तेजवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि Car Fire Accident में पांच शव जलकर पूरी तरह से काले पड़ चुके हैं, और उनकी पहचान दस्तावेज़ों के आधार पर की गई है।

 पोस्टमार्टम और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। Car Fire Accident के दौरान कार में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की आशंका भी जताई जा रही है। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है।

 एक साथ बुझ गई पांच जिंदगियां, दिल्ली और बदायूं में मातम

दिल्ली के मालवीयनगर और बदायूं के चमरपुर गांव में इस दर्दनाक हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। जिस शादी की खुशी लेकर लौटे थे, उसी रास्ते ने उन्हें मौत की आगोश में सुला दिया। Car Fire Accident में मारे गए लोगों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

 क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?

वाहन सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, कई बार तेज रफ्तार में हादसे के बाद कार के ऑटो लॉक सिस्टम सक्रिय हो जाते हैं और दरवाजे लॉक हो जाते हैं। ऐसे में अगर अंदर आग लग जाए तो लोगों का बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाता है। Car Fire Accident से सबक लेते हुए अब कार निर्माताओं को ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित करने की ज़रूरत है जो आपातकालीन स्थिति में खुद-ब-खुद लॉक खोल दे।

 सरकार और प्रशासन पर उठ रहे सवाल

इतने बड़े Car Fire Accident के बाद लोगों का गुस्सा प्रशासन पर भी फूटा है। सवाल यह उठ रहा है कि हाईवे पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय क्यों नहीं हैं? क्या सड़क किनारे बैरिकेडिंग होती तो यह हादसा टल सकता था?

 सड़क सुरक्षा और आपकी जिम्मेदारी

Car Fire Accident जैसे हादसे यह सबक देते हैं कि:

  • लंबी यात्रा में ड्राइवर को पर्याप्त आराम देना जरूरी है
  • कार में फायर एक्सटिंगुइशर अवश्य होना चाहिए
  • इमरजेंसी हैमर कार में रखें, जिससे कांच तोड़ा जा सके
  • नींद आने पर तुरंत गाड़ी रोककर आराम करें

बुलंदशहर का यह Car Fire Accident केवल एक हादसा नहीं, बल्कि कई सवालों को जन्म देने वाला घटनाक्रम है। यह घटना हमें बार-बार चेतावनी देती है कि सड़क पर एक पल की चूक कितनी भारी पड़ सकती है। जागरूकता, सावधानी और तकनीकी सुधार ही ऐसे हादसों को टालने का एकमात्र रास्ता है।

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