Israel vs Iran war

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध: टूटता धैर्य, बिखरती रणनीतियाँ और वैश्विक संतुलन पर संकट

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हाइलाइट्स

  • Israel vs Iran war को लेकर मिडिल ईस्ट में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं
  • ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ में इजरायल ने ईरान पर किया जबरदस्त हमला, 200 फाइटर जेट्स शामिल
  • जवाब में ईरान का ‘ट्रू प्रॉमिस 3’, तेल अवीव और यरुशलम पर दागी गईं 150 मिसाइलें
  • रूस से सैन्य मदद की गुहार लगाने लगे अयातुल्ला खामेनेई, युद्धविराम की अपील भी की
  • चीन और अरब देशों ने लिया तटस्थ रुख, जिससे ईरान हो रहा और अधिक अलग-थलग

 Israel vs Iran war: मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव, वैश्विक शांति पर बड़ा खतरा

पिछले चार दिनों से Israel vs Iran war ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा समीकरणों को हिला कर रख दिया है। इजरायल द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ में 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरान की प्रमुख सैन्य, परमाणु और ऊर्जा सुविधाओं को निशाना बनाया। इसके जवाब में ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ नामक मिसाइल ऑपरेशन चलाया जिसमें उसने इजरायल के तेल अवीव और यरुशलम शहरों पर 150 मिसाइलें दागीं।

इस भीषण संघर्ष में अब तक ईरान के चार वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, छह परमाणु वैज्ञानिक और 78 नागरिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं इजरायल की ओर से किसी भी नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन हमलों की तीव्रता से यह स्पष्ट है कि Israel vs Iran war अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है।

 ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’: इजरायल की योजनाबद्ध रणनीति

 हमला सही समय पर, सहयोगियों की गैरमौजूदगी बनी ईरान की कमजोरी

इजरायल ने जिस समय ईरान पर हमला किया, वह सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत निर्णायक था। रूस यूक्रेन युद्ध में उलझा है, चीन आर्थिक मंदी से गुजर रहा है और अरब देश रणनीतिक चुप्पी साधे हुए हैं। यही कारण है कि Israel vs Iran war में ईरान को न कोई सैन्य समर्थन मिल रहा है, न ही कूटनीतिक।

विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल ने जानबूझकर वही समय चुना जब ईरान के पारंपरिक सहयोगी या तो व्यस्त थे या असमर्थ। इसीलिए ईरान को हमलों का करारा जवाब देने के लिए अपने दम पर लड़ना पड़ रहा है।

 ‘ट्रू प्रॉमिस 3’: ईरान की जवाबी कार्रवाई और इजरायल की सुरक्षा प्रणाली

 एयर डिफेंस सिस्टम ने बचाया इजरायल को

ईरान द्वारा दागी गई 150 मिसाइलों में से अधिकांश को इजरायल की प्रसिद्ध Iron Dome प्रणाली ने हवा में ही निष्क्रिय कर दिया। हालांकि कुछ मिसाइलें इजरायल के सीमावर्ती इलाकों में गिरीं, जिससे वहां मामूली नुकसान हुआ। इसके बावजूद, Israel vs Iran war में इजरायल की सैन्य तैयारियां तकनीकी दृष्टि से अधिक सक्षम दिख रही हैं।

 हार की ओर ईरान? अयातुल्ला खामेनेई की रूस से मदद की गुहार

 देश छोड़ने की तैयारी में खामेनेई

सूत्रों के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब देश छोड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने रूस से निकासी की अपील की है। इस घटनाक्रम ने यह संकेत दे दिया है कि ईरान अब अपने रणनीतिक विकल्पों की सीमा तक पहुंच चुका है।

 क्यों नहीं कर पा रहा रूस मदद?

रूस, जो पहले ईरान को मिसाइल सिस्टम्स (जैसे S-300, S-400) प्रदान करता रहा है, अब यूक्रेन युद्ध में बुरी तरह उलझा हुआ है। न तो उसके पास अतिरिक्त सैन्य संसाधन हैं और न ही राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि वह खुलकर Israel vs Iran war में कूद सके।

 चीन और अरब देशों की तटस्थता: ईरान को कहीं से नहीं मिला समर्थन

चीन का कूटनीतिक समर्थन लेकिन सैन्य मदद से इनकार

चीन, जो ईरान से तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, वर्तमान संघर्ष में तटस्थ रहने की नीति पर काम कर रहा है। वह नहीं चाहता कि Israel vs Iran war के चलते वैश्विक तेल बाजार अस्थिर हो जाए। इसलिए, उसने सिर्फ कूटनीतिक समर्थन देने का संकेत दिया है।

 सऊदी अरब और UAE की दूरी

हालांकि 2023 में चीन की मध्यस्थता से ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते सुधरे थे, फिर भी खाड़ी देश Israel vs Iran war में खुलकर ईरान के पक्ष में नहीं आए हैं। ये देश अपने व्यापारिक और कूटनीतिक हितों को देखते हुए सतर्क हैं।

 युद्धविराम की अपील और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ईरान ने अब Israel vs Iran war को रोकने के लिए युद्धविराम की अपील की है। ईरानी राजनयिकों ने संकेत दिए हैं कि अगर इजरायल अपने हमले रोकता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई बंद कर देगा। लेकिन इजरायल की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

वैश्विक प्रभाव: क्या तीसरे विश्व युद्ध की आशंका?

 तेल की कीमतें बढ़ीं, शेयर बाजार प्रभावित

इस संघर्ष का असर वैश्विक बाजार पर साफ दिख रहा है। तेल की कीमतों में 12% तक का उछाल आया है, वहीं एशियाई और यूरोपीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। अगर Israel vs Iran war जल्द नहीं रुका, तो यह पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला सकता है।

 क्या युद्ध ही समाधान है?

Israel vs Iran war ने दिखा दिया है कि मध्य पूर्व में स्थिरता अभी भी एक दूर की कौड़ी है। सैन्य शक्ति, तकनीकी बढ़त और कूटनीतिक चालों की लड़ाई में मानव जीवन की कीमत चुकानी पड़ रही है। अब समय है कि दोनों देश बातचीत की ओर लौटें, क्योंकि यह युद्ध केवल खून और मलबा छोड़ता है।

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