Helicopter Crash

केदारनाथ की वादियों में गूंजा धमाका, आसमान से जलता हुआ गिरा हेलीकॉप्टर: एक बच्ची समेत 7 लोगों की मौत, ग्रामीणों ने देखी दिल दहला देने वाली घटना

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Table of Contents

हाइलाइट्स

  • Helicopter Crash में केदारनाथ से फाटा जा रहे हेलीकॉप्टर के सभी 7 यात्रियों की दर्दनाक मौत
  • हादसा गौरीकुंड क्षेत्र के त्रिजुगीनारायण के पास हुआ, खराब मौसम को माना जा रहा कारण
  • नेपाली मूल की महिलाओं ने दी हादसे की पहली सूचना, घास काटते समय देखा हादसा
  • मलबा बरामद, शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, एक बच्ची भी शामिल
  • बीते एक महीने में उत्तराखंड में हुआ यह तीसरा Helicopter Crash, चिंता में प्रशासन

उत्तराखंड के श्रद्धालु यात्रियों के लिए एक और भयावह खबर सामने आई है। Helicopter Crash की यह ताज़ा घटना केदारनाथ धाम के समीप हुई, जिसमें आर्यन एविएशन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ से फाटा लौट रहा था जब गौरीकुंड क्षेत्र में त्रिजुगीनारायण के पास इसका संतुलन बिगड़ गया और वह घने जंगलों में जा गिरा। इस Helicopter Crash में सात लोगों की जान चली गई, जिनमें एक बच्ची भी शामिल थी।

मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीमें, ग्रामीणों ने दी सूचना

हिम्मत दिखाने वाली महिलाएं बनीं पहली चश्मदीद गवाह

घटना की सूचना सबसे पहले वहां घास काट रही नेपाली मूल की महिलाओं ने दी। ये महिलाएं गौरी माई खर्क क्षेत्र में काम कर रही थीं कि तभी उन्होंने हेलीकॉप्टर को नीचे गिरते हुए देखा। उन्होंने तुरंत पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग को फोन कर जानकारी दी। इस Helicopter Crash की खबर मिलते ही SDRF, NDRF और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और शवों को मलबे से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

ADG और अधिकारी मौके पर

उत्तराखंड के ADG लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरुगेशन ने स्वयं मौके पर पहुंचकर हादसे की पुष्टि की। साथ ही हेलीकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार भी राहत कार्यों की निगरानी में लगे हुए हैं।

तकनीकी खामियां या मौसम—क्या है Helicopter Crash की वजह?

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं, सवालों के घेरे में सुरक्षा मानक

बता दें कि 7 जून को भी एक हेलीकॉप्टर को केदारघाटी में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। हेलीकॉप्टर ने जैसे ही बडासू हेलीपैड से उड़ान भरी, तकनीकी खामी सामने आई और पायलट को मजबूरन रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर लैंडिंग करनी पड़ी। उस हादसे में सभी यात्री बच गए थे, लेकिन पायलट घायल हुआ था। इस घटना के बाद अब फिर से Helicopter Crash होना चिंता का विषय है।

एक महीने में तीसरा बड़ा Helicopter Crash: क्या कहता है ट्रैक रिकॉर्ड?

उत्तरकाशी में भी गया था छह लोगों का जीवन

8 मई 2025 को उत्तरकाशी जिले में भी एक Helicopter Crash हुआ था। यह हेलीकॉप्टर एयरोट्रांस कंपनी का था, जो सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए रवाना हुआ था। लेकिन गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास क्रैश हो गया। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 4 मुंबई और 2 आंध्र प्रदेश से थे। अब 15 जून को हुए इस तीसरे Helicopter Crash ने प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान जारी

BKTC कर्मचारी की मौत की पुष्टि

हादसे में जान गंवाने वालों की सूची में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के कर्मचारी विक्रम सिंह रावत का नाम भी सामने आया है। इसके साथ ही एक बच्ची सहित कुल सात शव बरामद किए गए हैं। मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई है।

बढ़ते Helicopter Crash मामलों पर DGCA और सरकार की चुप्पी क्यों?

क्या पर्वतीय क्षेत्र में उड्डयन नियमों की अनदेखी हो रही है?

एक महीने के भीतर उत्तराखंड में तीन Helicopter Crash होने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाताओं पर पर्याप्त निगरानी नहीं हो रही? क्या सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है? और क्या DGCA पर्वतीय क्षेत्र की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी करेगा? इन सभी सवालों के जवाब जनता और पीड़ित परिवार जानना चाहते हैं।

श्रद्धालु यात्रियों में डर, यात्रा पर हो सकता है असर

केदारनाथ यात्रा में Helicopter Crash की यह तीसरी घटना श्रद्धालुओं के मन में भय का वातावरण बना सकती है। गर्मियों में जब यात्रा अपने चरम पर होती है, ऐसे हादसे सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।

दुर्घटनाओं से सीख लेकर सुधार की आवश्यकता

उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए हेलीकॉप्टर सेवाएं वहां के तीर्थाटन में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन लगातार हो रहे Helicopter Crash इस बात का प्रमाण हैं कि सुरक्षा और तकनीकी जांचों में कोई न कोई खामी है। समय आ गया है कि DGCA, राज्य सरकार और एयरलाइनों को मिलकर एक सख्त और ठोस कदम उठाना होगा ताकि भविष्य में कोई और श्रद्धालु अपनी यात्रा की कीमत जान देकर न चुकाए।

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