हाइलाइट्स
- किशोरों में तेजी से बढ़ रही masturbation की आदत से परेशान हैं माता-पिता
- प्रेमानंद महाराज ने सत्संग में बताया masturbation से बचने का आसान उपाय
- गलत संगत और मोबाइल फोन बच्चों को बना रहे हैं masturbation का शिकार
- किशोर अवस्था में हार्मोनल बदलाव के चलते बढ़ती है masturbation की प्रवृत्ति
- एक्सरसाइज, ध्यान और अध्यात्मिक साधना से छोड़ी जा सकती है यह बुरी लत
एक सामाजिक आपदा बनती आदत: मास्टरबेशन
आज के डिजिटल युग में किशोर उम्र के बच्चों के सामने एक ऐसा संकट तेजी से उभर रहा है जिसे लेकर समाज में खुलकर बात नहीं होती—masturbation। यह एक ऐसी आदत है जो धीरे-धीरे न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी प्रभावित कर रही है।
हाल ही में एक सत्संग के दौरान प्रेमानंद महाराज से एक 12 वर्षीय बालक ने हस्तमैथुन से छुटकारा पाने का उपाय पूछा। इस भावुक सवाल का जो उत्तर मिला, उसने हजारों माता-पिता की आंखें खोल दीं।
किशोरों में क्यों बढ़ रही है masturbation की लत?
मोबाइल और इंटरनेट की भूमिका
मास्टरबेशन की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे सबसे बड़ा कारण मोबाइल और इंटरनेट की असीमित पहुंच है। बच्चों को कम उम्र में स्मार्टफोन देना और उसमें किसी प्रकार की निगरानी न रखना, उन्हें अश्लील सामग्री तक ले जाता है, जो अंततः masturbation की ओर ले जाती है।
गलत संगत और सामाजिक दबाव
किशोरों में peer pressure और गलत संगत भी masturbation की आदत डालने में भूमिका निभाती है। कई बार दोस्त इसे सामान्य और ‘cool’ बताकर बच्चों को इस लत में धकेल देते हैं।
क्या है masturbation के दुष्प्रभाव?
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
- कमर और सिर दर्द
- आंखों के नीचे काले घेरे
- भूख में कमी और पाचन तंत्र की गड़बड़ी
- एकाग्रता की कमी
- डिप्रेशन और आत्मग्लानि
प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, लंबे समय तक अत्यधिक masturbation करने से बच्चों की प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। यह न केवल भविष्य में पारिवारिक जीवन के लिए खतरा बनता है, बल्कि वैवाहिक संबंधों में भी समस्याएं खड़ी कर सकता है।
क्या कहता है अध्यात्म? प्रेमानंद महाराज का समाधान
सत्संग में मिला उत्तर
प्रेमानंद महाराज ने सलाह दी कि masturbation से छुटकारा पाने के लिए भगवान का नाम जपना, दौड़ लगाना, और दंड-बैठक करना जरूरी है।
माता-पिता की भूमिका
माता-पिता को अपने बच्चों से मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए। उन्हें खुलकर समझाना चाहिए कि masturbation क्या है, इससे क्या नुकसान होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
masturbation से बचाव के उपाय
खुद का माइंडसेट बदलिए
masturbation की लत से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले जरूरी है खुद के माइंडसेट को बदलना। जब भी ऐसा विचार आए, तुरंत खुद को किसी और कार्य में व्यस्त कर दें।
मोबाइल और इंटरनेट से दूरी
- अश्लील सामग्री से बचाव
- एडल्ट कंटेंट को ब्लॉक करें
- बच्चों के मोबाइल पर parental control लगाएं
दिनचर्या को सक्रिय बनाएं
- सुबह जल्दी उठें
- योग, प्राणायाम, ध्यान
- दिन भर पॉजिटिव एक्टिविटीज में व्यस्त रहें
अकेलेपन से बचें
masturbation की प्रवृत्ति अकेलेपन से और बढ़ती है। बच्चों को अकेले कमरे में ज्यादा समय ना बिताने दें।
किशोरों को पॉजिटिव दिशा में कैसे ले जाएं?
हॉबीज़ पर दें ध्यान
बच्चों को उनकी रुचियों जैसे संगीत, चित्रकला, खेल आदि की ओर प्रेरित करें। इससे उनकी ऊर्जा रचनात्मक दिशा में लगेगी और masturbation की प्रवृत्ति कम होगी।
प्रेरणादायक सत्संग और साहित्य
प्रेमानंद महाराज जैसे संतों के सत्संग, प्रेरणादायक किताबें और वीडियो बच्चों को मानसिक रूप से मज़बूत बनाते हैं।
क्या masturbation है पूरी तरह बुरा?
masturbation विज्ञान की दृष्टि से एक सामान्य जैविक क्रिया मानी जाती है। लेकिन जब यह लत बन जाए और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित करने लगे, तब यह समस्या बन जाती है।
मास्टरबेशन का संतुलन से किया जाना, और उम्र के हिसाब से जानकारी होना जरूरी है। बच्चों के मामले में यह माता-पिता की जिम्मेदारी बन जाती है कि वे इस विषय पर खुलकर बात करें।
एकजुट प्रयास की ज़रूरत
masturbation जैसी लत से बचने के लिए समाज, परिवार और बच्चों को मिलकर प्रयास करना होगा। यह सिर्फ एक शारीरिक आदत नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक चुनौती भी है।
प्रेमानंद महाराज जैसे आध्यात्मिक मार्गदर्शकों की शिक्षाएं न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि वैज्ञानिक और सामाजिक आधार पर भी बच्चों के जीवन में संतुलन लाने का काम करती हैं।