इजरायल-ईरान टकराव ने बढ़ाई युद्ध की आशंका: 24 घंटे में दूसरी बार हुए हमले, ‘Nuclear Attack’ बना वैश्विक चिंता का कारण

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हाइलाइट्स

  • इजरायल ने 24 घंटे में दूसरी बार ईरान पर किया हमला, Nuclear Attack के बढ़ते खतरे से दुनिया में चिंता।
  • ईरान के फोर्डो और इस्फहान जैसे संवेदनशील परमाणु ठिकानों को बनाया गया निशाना।
  • जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल पर ड्रोन हमला किया, पर इजरायल ने सभी ड्रोन मार गिराए।
  • हमले में ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिकों और एक टॉप कमांडर की मौत, दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर।
  • ट्रंप ने इजरायल के एक्शन का किया समर्थन, यमन ने भी इजरायल पर दागे प्रोजेक्टाइल।

इजरायल-ईरान टकराव: ‘Nuclear Attack’ के साए में पश्चिम एशिया

इजरायल और ईरान के बीच पिछले 24 घंटों में बढ़े टकराव ने वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर दौड़ा दी है। इजरायल ने शुक्रवार तड़के और फिर शनिवार को लगातार दूसरी बार ईरान के परमाणु एवं सैन्य प्रतिष्ठानों पर बमबारी की है। इस हमले को लेकर आशंका जताई जा रही है कि यह एक व्यापक ‘Nuclear Attack’ की शुरुआत हो सकती है। ईरान ने हमले का बदला लेने की कसम खाई है, जिससे पूरे मध्य-पूर्व में युद्ध की स्थिति पैदा हो गई है।

ईरान के परमाणु ठिकानों को बनाया गया निशाना

इस्फहान और फोर्डो के पास सुनाई दी धमाकों की आवाज़ें

इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने इस हमले में ईरान के 200 से अधिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें इस्फहान स्थित परमाणु केंद्र और फोर्डो के पास के इलाक़े प्रमुख हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फोर्डो में हुए धमाकों की आवाज़ इतनी तेज थी कि आसपास के शहरों तक सुनाई दी। इन हमलों में ईरान के छह परमाणु वैज्ञानिकों और एक टॉप कमांडर की मौत की पुष्टि हुई है। यह हमला न केवल सैन्य रणनीति बल्कि एक Nuclear Attack की चेतावनी जैसा प्रतीत हो रहा है।

ड्रोन से किया जवाबी हमला, लेकिन नाकाम रहा ईरान

इजरायल की ‘आयरन डोम’ सुरक्षा प्रणाली ने रोकी ईरानी प्रतिक्रिया

ईरान ने पलटवार करते हुए इजरायल की सीमा में ड्रोन भेजे, लेकिन इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने हर एक ड्रोन को सीमा में घुसने से पहले ही मार गिराया। इजरायल की अत्याधुनिक ‘आयरन डोम’ सुरक्षा प्रणाली ने इस जवाबी हमले को पूरी तरह विफल कर दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि ईरान की जवाबी क्षमता फिलहाल कमजोर है, लेकिन यदि यह टकराव बढ़ा तो पूर्ण ‘Nuclear Attack’ की स्थिति बन सकती है।

क्या यह है तीसरे विश्व युद्ध की आहट?

‘Nuclear Attack’ के बढ़ते संकेत से वैश्विक राजनीति में हलचल

इजरायल-ईरान टकराव में जिस तरह परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है, उससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यह टकराव व्यापक रूप ले सकता है। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने चिंता जताई है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो एक Nuclear Attack केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक संघर्ष का रूप ले सकता है।

अमेरिका और यमन की भूमिका

ट्रंप ने इजरायल का समर्थन किया, यमन ने भी खोला मोर्चा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के हमले को उचित ठहराते हुए कहा कि “अभी बहुत कुछ होना बाकी है”। ट्रंप के इस बयान से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि अमेरिका इस टकराव में इजरायल के पक्ष में खड़ा है। दूसरी ओर, यमन की ओर से भी इजरायल पर कई प्रोजेक्टाइल दागे गए हैं, जिससे यह टकराव बहुराष्ट्रीय रूप लेता जा रहा है। इस स्थिति में ‘Nuclear Attack’ की संभावनाएं और अधिक गंभीर हो गई हैं।

इजरायल की रणनीति और वैश्विक प्रतिक्रिया

200 से अधिक ठिकानों को किया ध्वस्त

इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) के अनुसार, इस ऑपरेशन में 200 से अधिक टारगेट को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया है। इनमें रॉकेट लॉन्चिंग साइट्स, मिसाइल भंडारगृह और परमाणु अनुसंधान केंद्र शामिल हैं। इस तरह के हमले एक संभावित Nuclear Attack की बुनियाद बन सकते हैं। चीन, रूस और यूरोपीय यूनियन ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है।

ईरान की चेतावनी: “बख्शा नहीं जाएगा”

ईरानी रक्षा मंत्रालय का सख्त रुख

ईरान ने स्पष्ट कहा है कि यह हमला एक युद्ध की घोषणा के बराबर है और इजरायल को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ईरानी रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि उनका देश परमाणु कार्यक्रम को नहीं रोकेगा, बल्कि और तेज करेगा। इससे ‘Nuclear Attack’ की आशंका को और बल मिला है।

 शांति या सर्वनाश?

पश्चिम एशिया में इस समय जो हालात बन रहे हैं, वे दुनिया को एक नए संकट की ओर ले जा सकते हैं। इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष यदि शीघ्र नहीं रोका गया, तो इसका अंजाम एक भीषण Nuclear Attack हो सकता है, जिसकी चपेट में केवल ये दो देश नहीं, बल्कि समूचा विश्व आ सकता है। वैश्विक नेताओं को तुरंत कूटनीतिक प्रयासों में जुटने की आवश्यकता है, ताकि इस विनाशकारी रास्ते को रोका जा सके।

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