Multimodal Language Model

भारत में लॉन्च हुआ पहला स्वदेशी मल्टीमॉडल भाषा AI मॉडल, 22 भारतीय भाषाओं में करेगा सटीक अनुवाद; अब नहीं रहेंगी संवाद की बाधाएं

Technology

हाइलाइट्स

  • Multimodal Language Model भारत जेन का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया
  • यह मॉडल 22 भारतीय भाषाओं में निर्बाध एआई समाधान प्रदान करता है
  • आईआईटी बॉम्बे की TIH Foundation द्वारा विकसित किया गया मॉडल
  • मिशन AIM (Artificial Intelligence Mission) के तहत समावेशी और नैतिक एआई का विकास
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और शासन में लाएगा क्रांतिकारी परिवर्तन

भारत में एआई का भविष्य अब मातृभाषाओं में

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित Multimodal Language Model — ‘भारत जेन’ — लॉन्च किया। यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के बहुभाषी और सांस्कृतिक ताने-बाने को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।

क्या है Multimodal Language Model?

Multimodal Language Model एक ऐसा एआई मॉडल है जो केवल टेक्स्ट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह भाषण, छवियों और अन्य इनपुट्स को भी समझ सकता है। भारत जेन इसी तकनीक पर आधारित एक वृहद भाषा मॉडल (LLM) है जो 22 भारतीय भाषाओं में काम करने की क्षमता रखता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के नागरिकों को उनकी मातृभाषा में डिजिटल सेवाओं से जोड़ना है।

भारत जेन का विकास और मिशन

IIT बॉम्बे और TIH Foundation की भागीदारी

भारत जेन को राष्ट्रीय अंतःविषयी साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन के अंतर्गत विकसित किया गया है। इस मिशन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा समर्थन प्राप्त है। IIT बॉम्बे के तहत कार्यरत TIH Foundation for IoT and IoE ने इस मॉडल के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है।

एआई में आत्मनिर्भरता का मार्ग

भारत जेन का उद्देश्य है एक ऐसा Multimodal Language Model तैयार करना जो भारत की भाषाई विविधता को न केवल पहचानता हो, बल्कि उसका आदर भी करता हो। यह मॉडल भारतीय मूल्यों और लोकाचार में गहराई से निहित है।

बहुभाषीयता और समावेशिता

भारत की भाषाई विविधता में तकनीक का समावेश

भारत जेन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसकी बहुभाषीय क्षमता है। यह मॉडल 22 भारतीय भाषाओं में काम कर सकता है — जिनमें हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मराठी, उर्दू जैसी प्रमुख भाषाएं शामिल हैं। इससे पहले तक एआई मॉडल प्रायः केवल अंग्रेज़ी तक सीमित थे, जिससे देश के बड़े हिस्से को तकनीकी विकास से वंचित रहना पड़ता था।

समावेशी डिज़ाइन और नैतिक एआई

भारत जेन को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह हर भारतीय की जरूरत को समझे और सेवा करे। इसका नैतिक ढांचा सुनिश्चित करता है कि यह किसी भी प्रकार के पूर्वग्रह (bias) से मुक्त हो। इसमें समावेशिता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व जैसे मूल्यों को विशेष स्थान दिया गया है।

Multimodal Language Model के अनुप्रयोग

स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति

भारत जेन डॉक्टरों और मरीजों के बीच संवाद को सरल और प्रभावी बना सकता है। मरीज अब अपनी मातृभाषा में स्वास्थ्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे दूरदराज़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान होगी।

शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार

भारत जेन का उपयोग क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल शिक्षा सामग्री विकसित करने के लिए किया जाएगा। यह छात्रों को उनके अपनी भाषा में पढ़ाई करने में सक्षम बनाएगा, जिससे सीखने की गुणवत्ता में सुधार होगा।

कृषि और किसान कल्याण

किसानों को अब उनकी भाषा में फसल संबंधी जानकारी, मौसम पूर्वानुमान और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी। यह Multimodal Language Model किसानों को डिजिटल भारत का हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

ई-गवर्नेंस और प्रशासन

सरकारी सेवाओं तक पहुँच को आसान बनाते हुए, भारत जेन नागरिकों को स्थानीय भाषा में जानकारी और सेवाएं प्रदान कर प्रशासन को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाएगा।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की भागीदारी

भारत का स्थान वैश्विक एआई परिदृश्य में

जहां अमेरिका, चीन और यूरोप जैसे देश पहले ही बड़े पैमाने पर Multimodal Language Model विकसित कर चुके हैं, वहीं भारत अब इस रेस में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। भारत जेन न केवल तकनीकी दृष्टि से प्रतिस्पर्धी है, बल्कि यह संस्कृति और नैतिकता को भी अपने केंद्र में रखता है।

भारतीय नवाचार को बढ़ावा

इस पहल के माध्यम से देशभर के स्टार्टअप्स, अनुसंधान संस्थानों और विशेषज्ञों को साथ लाकर एक नवाचार की संस्कृति विकसित की जा रही है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक और मजबूत कदम है।

भारत जेन केवल एक तकनीकी मॉडल नहीं है, बल्कि यह एक विचार है — ऐसा विचार जो भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर, भाषाई रूप से समावेशी और सामाजिक रूप से समान बनाता है। Multimodal Language Model के माध्यम से भारत अब तकनीकी दुनिया में अपनी भाषाओं के साथ कदम से कदम मिला रहा है।

यह पहल न केवल भारत के डिजिटल भविष्य को आकार देगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि भारत का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी भी भाषा को बोलता हो, तकनीकी प्रगति में भागीदार बन सके।

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