हाइलाइट्स
- World’s Most Dangerous Tribe की महिलाओं के साथ होता है एक दर्दनाक रिवाज, जिसे जानकर रूह कांप जाएगी।
- अफ्रीका के एक सुदूर इलाके में बसी है यह रहस्यमयी और भयावह जनजाति।
- यहां के लोग बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं रखते, और अपनी परंपराओं को लेकर बेहद सख्त हैं।
- इस जनजाति की महिलाएं बचपन से ही भयावह रिवाजों का सामना करती हैं।
- आधुनिक समाज इस परंपरा को अमानवीय और अस्वीकार्य मानता है।
विश्व की सबसे रहस्यमयी और खतरनाक जनजाति
दुनिया में हजारों जनजातियां बसी हुई हैं, जिनमें से कई आज भी आधुनिक सभ्यता से दूर अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ जी रही हैं। लेकिन इनमें कुछ जनजातियां ऐसी भी हैं, जिन्हें World’s Most Dangerous Tribe कहा जाता है। इन जनजातियों की खासियत सिर्फ उनका रहन-सहन नहीं, बल्कि उनके क्रूर और भयावह रिवाज हैं। ऐसी ही एक जनजाति है – अफ्रीका के इथियोपिया में बसी मुरसी जनजाति।
मुरसी जनजाति: जहां महिलाओं के लिए होठ काटना परंपरा है
महिलाओं की सुंदरता का ‘दर्दनाक’ पैमाना
World’s Most Dangerous Tribe की इस जनजाति में महिलाओं के होठों को काटकर उसमें मिट्टी की थाली या लकड़ी का डिस्क डाला जाता है। इसे ‘लिप प्लेट’ कहा जाता है। यह परंपरा इतनी पुरानी है कि मुरसी जनजाति की पहचान ही इससे जुड़ गई है। लड़की के जवान होते ही पहले उसके निचले होठ में चीरा लगाया जाता है और फिर धीरे-धीरे उसमें डिस्क डाली जाती है। समय के साथ डिस्क का आकार बड़ा होता जाता है।
इसके पीछे की विचित्र मान्यता
मुरसी जनजाति के लोग मानते हैं कि लिप प्लेट लगाने से महिला सुंदर और योग्य पत्नी बनती है। यह एक प्रकार की सामाजिक स्थिति और सम्मान का प्रतीक भी माना जाता है। World’s Most Dangerous Tribe के पुरुष अपनी पत्नियों की लिप प्लेट को गर्व से दिखाते हैं। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह परंपरा पुरातन काल में गुलामी से बचाव के लिए शुरू की गई थी – ताकि महिला गुलाम न बनाई जा सके।
परंपरा या उत्पीड़न?
आधुनिक नजरिए से सवाल
आज जब दुनिया महिला सशक्तिकरण और समानता की बात कर रही है, ऐसे में World’s Most Dangerous Tribe की यह परंपरा सवाल खड़े करती है। क्या यह परंपरा महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं है? क्या यह शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का एक रूप नहीं है?
मानवाधिकार संगठनों और चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस परंपरा से महिलाओं को न सिर्फ तीव्र शारीरिक दर्द होता है, बल्कि यह संक्रमण, बोलने और खाने में समस्या जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देती है।
बाहरी दुनिया से कटे लोग
क्यों नहीं होता विरोध?
मुरसी जनजाति के लोग पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं। वे बाहरी लोगों पर भरोसा नहीं करते और अपने रीति-रिवाजों को बदलने को तैयार नहीं हैं। World’s Most Dangerous Tribe के लोग यह मानते हैं कि उनकी परंपराएं ही उनकी असली पहचान हैं, और इन्हें छोड़ना उनके अस्तित्व को मिटाने जैसा होगा।
पर्यटन और वाणिज्य का दबाव
संस्कृति बनाम व्यवसाय
हाल के वर्षों में मुरसी जनजाति के कुछ क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। कई विदेशी फोटोग्राफर और पर्यटक वहां जाकर महिलाओं की लिप प्लेट की तस्वीरें खींचते हैं, और यह एक व्यावसायिक धंधा बन गया है। कुछ लोगों का मानना है कि इस व्यवसायिकता ने इस क्रूर परंपरा को और मजबूत किया है।
क्या कोई समाधान है?
शिक्षा और जागरूकता की जरूरत
World’s Most Dangerous Tribe के इस अमानवीय रिवाज को खत्म करने के लिए ज़रूरी है कि वहां शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई जाएं। हालांकि यह आसान नहीं है, क्योंकि इन जनजातियों के लोग बदलाव को सहजता से नहीं अपनाते।
मुरसी जनजाति की यह परंपरा हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हर परंपरा का सम्मान करना ज़रूरी है, भले ही वह अमानवीय क्यों न हो? World’s Most Dangerous Tribe के ये रीति-रिवाज हमें उस गहरे अंतर की याद दिलाते हैं, जो अब भी आधुनिक और पारंपरिक दुनिया के बीच मौजूद है।