हाइलाइट्स
- Khandwa Crime News: खंडवा जिले में 45 वर्षीय महिला की गैंगरेप के बाद मौत, शरीर पर भीषण चोटों के निशान
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आईं खौफनाक सच्चाई, आंतें बाहर और बच्चेदानी फटी मिली
- घटना के बाद परिजनों ने नहीं दी पुलिस को तत्काल सूचना, महिला ने तड़पते हुए तोड़ा दम
- हरि और सुनील कोरकू पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने दोनों को किया गिरफ्तार
- सरकार पर विपक्ष का हमला, हरसूद विधानसभा में मंत्री के क्षेत्र में महिला सुरक्षा पर सवाल
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक ऐसी Khandwa Crime News सामने आई है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। खालवा थाना क्षेत्र के एक गांव में 45 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और दरिंदगी की घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। इस मामले में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे न केवल हैरान करने वाले हैं बल्कि समाज और प्रशासन दोनों की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करते हैं।
घटनास्थल: शादी समारोह से शुरू हुआ मौत का सफर
घटना 23 मई की शाम की है जब गांव में एक शादी समारोह था। पीड़िता भी उसी समारोह में गई थी, जहां हरि कोरकू नाम का युवक भी मौजूद था। समारोह से लौटते वक्त महिला ने पहले एक दूसरी महिला को उसके घर छोड़ा और फिर हरि के साथ उसके घर चली गई। वहां कुछ देर बाद सुनील नाम का युवक भी पहुंचा और तीनों ने मिलकर शराब पी।
रातभर जो हुआ, वह रूह कंपा देने वाला था। अगली सुबह जब हरि की मां उठी, तो उन्होंने महिला को घर के आंगन में लहूलुहान हालत में देखा।
पीड़िता की हालत देख कांपे बच्चे
शनिवार सुबह करीब 7 बजे हरि की मां ने पीड़िता के बच्चों को सूचना दी कि उनकी मां उसके घर में पड़ी है। जब बच्चे पहुंचे, तो उन्होंने अपनी मां को खून से लथपथ हालत में पाया। महिला ने होश में आते ही बताया कि सुनील और हरि ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। लेकिन सबसे दुखद बात यह रही कि परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचना नहीं दी।
तड़पती रही महिला, और फिर…
घटना के करीब 6 घंटे बाद दोपहर करीब 1 बजे महिला की हालत और बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया। उसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। Khandwa Crime News की यह घटना इतनी भयानक थी कि मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार पूरे जिले में बेचैनी से किया जा रहा था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट: मानवता को शर्मसार करने वाली सच्चाई
महिला के शव का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों की टीम ने किया। सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम के दौरान महिला की आंतें बाहर निकली हुई थीं और उसकी बच्चेदानी भी फटी हुई थी। डॉक्टरों का मानना है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में हाथ या शराब की बोतल जैसी कोई वस्तु डाली गई थी। साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोट के गहरे निशान मिले।
इस रिपोर्ट ने Khandwa Crime News को प्रदेश भर में सबसे ज्यादा चर्चित बना दिया है।
पुलिस की कार्यवाही और गिरफ्तारी
पुलिस ने तेजी से कार्यवाही करते हुए आरोपी हरि कोरकू (36 वर्ष) और सुनील कोरकू (32 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ही आरोपी पीड़िता के जानने वाले थे और उसी गांव में रहते थे। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
ASपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि मामला गंभीर है और इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
अंतिम संस्कार और परिजनों का आक्रोश
सोमवार सुबह पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया। भारी मन और गुस्से के साथ पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों ने प्रशासन से आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। गांव में मातम पसरा हुआ है और स्थानीय लोगों में भारी रोष है।
राजनीतिक घमासान भी शुरू
यह Khandwa Crime News अब राजनीतिक तूल पकड़ चुकी है। हरसूद विधानसभा क्षेत्र, जहां यह घटना हुई, वह मंत्री विजय शाह का क्षेत्र है। बीते दिनों सेना की महिला अधिकारी पर दिए गए उनके विवादास्पद बयान के बाद अब इस घटना ने विपक्ष को और बड़ा मुद्दा दे दिया है।
कांग्रेस ने तीन सदस्यीय जांच दल बनाकर पीड़िता के गांव भेजा है। वहां वे परिजनों और जिला प्रशासन से मुलाकात कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
सवालों के घेरे में प्रशासन और समाज
इस Khandwa Crime News ने कई सवाल खड़े किए हैं:
- महिला के साथ इतनी गंभीर घटना होने के बाद भी परिजनों ने पुलिस को तत्काल सूचना क्यों नहीं दी?
- क्या गांव में ऐसे मामलों को छुपाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है?
- पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों है कि शादी से लौटती महिला असुरक्षित हो?
- क्या समाज की संवेदनशीलता इतनी मर चुकी है कि महिला के साथ ऐसी दरिंदगी को भी लोग नजरअंदाज कर देते हैं?
क्या यह केवल Khandwa Crime News है या समाज का आईना?
यह घटना सिर्फ एक Khandwa Crime News नहीं है, बल्कि समाज के भीतर पल रहे हिंसक और विकृत मानसिकता के उस हिस्से का आइना है, जिसे हम रोज नजरअंदाज करते हैं। महिला सुरक्षा, न्यायिक व्यवस्था, सामाजिक जागरूकता और राजनीतिक जवाबदेही—इन सब पर सवालिया निशान लगाते इस केस को केवल अख़बार की सुर्खियों तक सीमित नहीं किया जा सकता।