Goat Farming

यूपी के किसान कर सकते हैं सालाना 9 लाख रुपये की कमाई, सरकार ने शुरू की नई योजना, मिलेगी 50% तक सब्सिडी

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हाइलाइट्स

  • Goat Farming ग्रामीण किसानों के लिए नई आर्थिक संभावनाएं लेकर आया है।
  • सरकार 50% सब्सिडी के साथ 18 लाख रुपये तक का ऋण देती है।
  • केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम में प्रशिक्षण अनिवार्य है।
  • प्रशिक्षण के बाद किसान बकरी पालन से प्रति वर्ष लगभग 9 लाख रुपये कमा सकते हैं।
  • बकरी पालन के लिए आधुनिक तकनीक और बेहतर पोषण प्रबंधन आवश्यक है।

बकरी पालन: ग्रामीण विकास का नया स्तम्भ

भारत में कृषि एवं पशुपालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में Goat Farming ने किसानों के लिए नई राहें खोली हैं। मथुरा के फरह क्षेत्र के मखदूम में स्थित केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान इस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान कर किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

बकरी पालन क्यों बढ़ रहा है लोकप्रिय?

पहले के समय में बकरी पालन केवल ग्रामीण परिवारों की सहायक गतिविधि था, लेकिन अब यह एक पूर्णकालिक व्यवसाय बन चुका है। इसकी मुख्य वजह सरकार द्वारा शुरू की गई आकर्षक योजनाएं, प्रशिक्षण और बाजार की बढ़ती मांग है। बकरी के दूध और मांस दोनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किसानों की आय में सुधार हुआ है।

सरकारी योजनाएं और ऋण सुविधाएं

राष्ट्रीय पशुधन योजना के तहत सहायता

सरकार ने Goat Farming को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पशुधन योजना के अंतर्गत 20 लाख रुपये तक की योजना लागू की है। इसमें किसान को केवल 2 लाख रुपये निवेश करने होंगे, जबकि शेष 18 लाख रुपये ऋण के रूप में दिए जाते हैं। इस योजना में 50 प्रतिशत सब्सिडी भी शामिल है। इसके तहत किसान 100 बकरियां और 5 बकरों का पालन कर सकते हैं।

पीएम स्वरोजगार योजना

इसके अतिरिक्त पीएम स्वरोजगार योजना के तहत 50 बकरियां और 3 बकरों के पालन के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध है। इस योजना में सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत और अनुसूचित महिलाओं को 35 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। यह योजना विशेष रूप से अनुसंधान से प्रशिक्षित किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए डिजाइन की गई है।

प्रशिक्षण: सफलता की कुंजी

केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम में प्रशिक्षित किसान ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। संस्थान सालाना 10 राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें देश के 24 राज्यों से किसान और वैज्ञानिक बकरी पालन की आधुनिक तकनीकों को सीखते हैं।

प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया जाता है?

  • नस्ल सुधार
  • पोषण और स्वास्थ्य प्रबंधन
  • कृत्रिम गर्भाधान
  • बकरी के दूध एवं मांस के संवर्धन
  • विपणन और व्यवसाय प्रबंधन

इन प्रशिक्षणों के माध्यम से किसान न केवल उत्पादन बढ़ा पाते हैं, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता और विपणन भी बेहतर कर पाते हैं।

Goat Farming का आर्थिक महत्व

आंकड़ों से समझें Goat Farming का विस्तार

2012 की पशुगणना के अनुसार भारत में बकरियों की संख्या 135 मिलियन थी, जो 2019 तक बढ़कर 149 मिलियन हो गई है। देश में लगभग सवा तीन करोड़ लोग बकरी पालन से जुड़े हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

आय के अवसर

प्रशिक्षित किसान Goat Farming के जरिए सालाना लगभग 9 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। अच्छी देखभाल, उचित पोषण और बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद विपणन से यह व्यवसाय बेहद लाभकारी साबित हो रहा है।

बकरी पालन के लाभ और चुनौतियां

लाभ

  • कम निवेश में उच्च आय
  • कम जगह में पालन संभव
  • दूध और मांस दोनों का लाभ
  • कृषि और पशुपालन का समन्वय
  • ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार

चुनौतियां

  • सही प्रशिक्षण और तकनीक की कमी
  • पशु रोगों का प्रबंधन
  • बाजार तक पहुँच की समस्या
  • प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम

सरकार और अनुसंधान संस्थान इन चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

किसानों की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं

मखदूम के बकरी पालन प्रशिक्षण प्राप्त किसान मनीष कुमार चेटली कहते हैं, “सरकार की योजनाओं और प्रशिक्षण के कारण बकरी पालन अब एक सुरक्षित व्यवसाय बन चुका है। किसान अब इस व्यवसाय को पूरी गंभीरता से अपना रहे हैं।”

डा. एके दीक्षित का कहना है, “हरा चारा, अच्छा दाना और उचित देखभाल से किसान हर माह लाखों की आमदनी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो ग्रामीण विकास के लिए शुभ संकेत है।”

Goat Farming अब सिर्फ एक सहायक व्यवसाय नहीं रहा, बल्कि यह ग्रामीण भारत के लिए आय का बड़ा स्रोत बन चुका है। सरकार की आर्थिक योजनाएं, प्रशिक्षण के अवसर, और बाजार की बढ़ती मांग से यह व्यवसाय तेजी से फल-फूल रहा है। भविष्य में बकरी पालन से जुड़े उद्योगों और बाजार की संभावनाएं और अधिक उज्जवल दिखाई देती हैं। किसानों को चाहिए कि वे इस क्षेत्र में प्रशिक्षण लेकर सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं और अपने जीवन स्तर को सुधारें।

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