Trending Video: भारत में ISI का खौफनाक जासूसी जाल, कैराना के नौमान इलाही के पास मिले 8 पासपोर्ट, देशभर में फैला नेटवर्क

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Table of Contents

हाइलाइट्स 

  • ISI Spy Network in India का पर्दाफाश, कैराना के नौमान इलाही से बरामद हुए 8 पासपोर्ट
  • हरियाणा के पानीपत में 150 लोगों से था नौमान का संपर्क, कई को बना चुका था ISI का एजेंट
  • भारत के रेलवे स्टेशनों और सामरिक ठिकानों की सूचनाएं भेजी जाती थीं ISI को
  • चार बार पाकिस्तान जाकर ले चुका है प्रशिक्षण, फेरी लगाकर करता था जासूसी
  • इकबाल काना के नेटवर्क का हिस्सा, जो 1995 में भारत से पाकिस्तान भाग गया था

भारत में फैला ISI Spy Network in India: कैसे एक फेरीवाले ने खोला खुफिया एजेंसियों का सिरदर्द

देश की सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर चौंका देने वाली खबर सामने आई है। हरियाणा की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो ISI Spy Network in India का अहम हिस्सा था। यह व्यक्ति कोई बड़ा कारोबारी या अधिकारी नहीं बल्कि एक सामान्य फेरीवाला है – कैराना का नौमान इलाही।

नौमान इलाही: साधारण चेहरा, असाधारण साजिश

पाकिस्तान से चार बार ट्रेनिंग ले चुका जासूस

नौमान इलाही, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है और पानीपत (हरियाणा) में फेरी लगाने का काम करता था। लेकिन उसकी असल पहचान एक ISI Spy Network in India के एजेंट के रूप में सामने आई है। जानकारी के अनुसार, वह अब तक चार बार पाकिस्तान जाकर इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से खुफिया ट्रेनिंग ले चुका है।

8 पासपोर्ट और संदिग्ध कनेक्शन

उसकी गिरफ्तारी के समय उसके पास से 8 पासपोर्ट बरामद हुए हैं, जो उसकी संदिग्ध गतिविधियों का साफ प्रमाण हैं। इन पासपोर्ट्स का उपयोग वह अलग-अलग नामों से भारत और पाकिस्तान के बीच आवाजाही के लिए करता था।

रेलवे स्टेशन से लेकर सामरिक ठिकानों तक, हर जगह नजर

भारत के अहम प्रतिष्ठानों की जानकारी ISI तक पहुंचाना

सूत्रों के मुताबिक, नौमान भारत में रहकर ISI Spy Network in India के लिए कई अहम सूचनाएं जुटा रहा था। इसमें प्रमुख रूप से रेलवे स्टेशन, सैन्य ठिकाने, और अन्य सामरिक संस्थान शामिल हैं। ये जानकारी वह पाकिस्तान स्थित ISI अधिकारियों को इंटरनेट व ऐप्स के जरिए भेजता था।

वाट्सऐप और टेलीग्राम से होता था संचार

नौमान मोबाइल एप्लिकेशन जैसे कि WhatsApp और Telegram के ज़रिए अपने हैंडलरों से संपर्क में रहता था। उसकी हर गतिविधि को ट्रैक करना मुश्किल था क्योंकि वह हर संदेश के बाद ऐप्स को डिलीट कर देता था।

ISI Spy Network in India में पानीपत के 150 लोगों को जोड़ने का प्रयास

स्थानीय नेटवर्क का निर्माण

नौमान ने अपने फेरी के काम के जरिए पानीपत में लगभग 150 लोगों के संपर्क में रहना शुरू किया। वह युवाओं को पैसे और विदेश यात्रा का लालच देकर ISI से जोड़ने की कोशिश कर रहा था।

दर्जनों युवाओं की पहचान

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि नौमान के संपर्क में आये दर्जनों युवा पहले ही ISI के संपर्क में हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात होकर जासूसी कर रहे हैं।

1995 में भागा था ISI का मास्टरमाइंड इकबाल काना

भारत से पाकिस्तान भागा था ISI एजेंट

नौमान का संबंध ISI के पुराने एजेंट इकबाल काना से जुड़ा है, जो 1995 तक भारत में ही रहकर जासूसी करता था। जब खुफिया एजेंसियों को उसकी गतिविधियों की भनक लगी तो वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पाकिस्तान भाग गया था।

 इकबाल काना का नेटवर्क अब भी सक्रिय

इकबाल काना द्वारा बनाई गई नेटवर्क प्रणाली आज भी सक्रिय है। उसका उद्देश्य है भारत में धीरे-धीरे अपने जासूसी तंत्र को मजबूत करना। ISI Spy Network in India का यह चेहरा देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई

चार दिन पहले हुई गिरफ्तारी

हरियाणा की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने नौमान इलाही को चार दिन पहले गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन उसके पास से मिले पासपोर्ट और डिवाइस उसकी सच्चाई खुद बयां कर रहे हैं।

गहन जांच और अन्य संभावित एजेंटों की तलाश

सुरक्षा एजेंसियों ने अब नौमान से जुड़े नेटवर्क की गहन जांच शुरू कर दी है। जिन 150 लोगों से वह संपर्क में था, उन सभी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

क्या भारत में जड़ें जमा रहा है ISI Spy Network in India?

यह कोई पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने भारत में अपना नेटवर्क फैलाने की कोशिश की हो। लेकिन इस बार मामला और गंभीर है क्योंकि एक आम व्यक्ति को इस नेटवर्क में शामिल किया गया, जो दिखने में मासूम लग सकता है लेकिन देश के लिए खतरा बन चुका था।

ISI Spy Network in India के खुलासे से साफ हो गया है कि पाकिस्तान लगातार भारत की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने की साजिशें रच रहा है। नौमान इलाही का मामला बताता है कि अब यह नेटवर्क न सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्रों बल्कि देश के अंदरूनी हिस्सों में भी अपनी जड़ें फैला चुका है।

भारत की खुफिया एजेंसियों के लिए यह वक्त सजग रहने का है। आम जनता को भी सतर्क रहना होगा, क्योंकि दुश्मन अब हमारी गलियों में छिपा है – सामान्य लोगों के रूप में।

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