हाइलाइट्स
- Child Brain Development को बढ़ाने के लिए पहले 1000 दिन होते हैं सबसे अहम
- नवजात के साथ त्वचा का स्पर्श और आंखों से संपर्क करता है गहरा प्रभाव
- स्तनपान न सिर्फ शरीर, बल्कि दिमाग़ के लिए भी है वरदान
- साफ-सफाई और संक्रमण से बचाव जरूरी वरना मस्तिष्क हो सकता है प्रभावित
- मोबाइल स्क्रीन और तेज़ रोशनी से रखें बच्चे को दूर, वरना बाधित होगा विकास
क्यों ज़रूरी है जागरूकता: पहले 3 साल तय करते हैं बच्चे का मानसिक भविष्य
एक बच्चा जब इस दुनिया में कदम रखता है, तब उसका दिमाग़ पूरी तरह विकसित नहीं होता। वैज्ञानिकों के अनुसार, Child Brain Development का 80% हिस्सा पहले तीन वर्षों में ही हो जाता है। ऐसे में यह समय माता-पिता और अभिभावकों के लिए सबसे अधिक जिम्मेदारी भरा होता है। एक छोटी सी लापरवाही भी बच्चे के मानसिक विकास को हमेशा के लिए पीछे छोड़ सकती है।
5 काम जो बच्चे के जन्म के तुरंत बाद करने चाहिए
1. त्वचा से त्वचा का संपर्क (Skin-to-Skin Contact)
शोधों से यह सिद्ध हो चुका है कि जैसे ही बच्चा जन्म लेता है, उसे मां की छाती से लगाना Child Brain Development के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह संपर्क बच्चे को न सिर्फ सुरक्षित महसूस कराता है बल्कि ऑक्सीजन सप्लाई, हार्मोनल संतुलन और न्यूरोलॉजिकल कनेक्शन को भी मज़बूत करता है।
एक स्टडी के अनुसार, जन्म के पहले घंटे में किया गया Skin-to-Skin Contact बच्चे की ब्रेन एक्टिविटी को 20% तक बढ़ा सकता है।
2. स्तनपान (Breastfeeding) — सबसे पहला सुपरफूड
स्तनपान को लेकर आज भी कई भ्रांतियां प्रचलित हैं, लेकिन WHO और UNICEF जैसे संगठनों का मानना है कि स्तनपान जीवन के पहले छह महीनों तक अनिवार्य है। इसमें उपस्थित DHA (Docosahexaenoic Acid) और अन्य फैटी एसिड्स Child Brain Development के लिए अमूल्य हैं।
शोध कहते हैं कि जो बच्चे नियमित स्तनपान करते हैं, उनका IQ औसतन 8-10 अंक तक अधिक होता है।
3. प्रारंभिक संवाद और आंखों से संपर्क
बच्चे के साथ बात करना, गुनगुनाना और आंखों से आंख मिलाना न सिर्फ भावनात्मक जुड़ाव बनाता है, बल्कि यह उसके मस्तिष्क के सैकड़ों न्यूरल कनेक्शन को सक्रिय करता है। Child Brain Development का आधार ही इन शुरुआती संवादों में छिपा होता है।
नवजात की श्रवण और दृष्टि क्षमता सीमित होती है, लेकिन लगातार संवाद और विज़ुअल इंगेजमेंट से उसकी परसेप्शन पावर तेज़ होती है।
4. संक्रमण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
नवजात का इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर होता है। यदि संक्रमण हुआ, तो उसका सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ सकता है। न्यूमोनिया, मेनिन्जाइटिस जैसे संक्रमण Child Brain Development को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और वैक्सीनेशन को गंभीरता से लेना चाहिए।
5. तेज़ रोशनी और मोबाइल स्क्रीन से दूरी
आजकल शिशुओं को चुप कराने के लिए कई माता-पिता मोबाइल स्क्रीन का सहारा लेने लगे हैं। यह आदत ना सिर्फ आंखों बल्कि मस्तिष्क के विकास पर भी बुरा असर डालती है। WHO की गाइडलाइन है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी डिजिटल स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखा जाना चाहिए, वरना यह Child Brain Development को धीमा कर सकता है।
इन संकेतों को नजरअंदाज न करें
अगर बच्चा समय से नहीं मुस्कुरा रहा है, आंखों से संपर्क नहीं कर रहा, या आवाज़ पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, तो यह Child Brain Development में किसी रुकावट का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
मस्तिष्क विकास के लिए क्या खाएं मां और बच्चा?
मां के लिए आहार
- ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर चीज़ें (जैसे अलसी, अखरोट)
- आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और ताजे फल
बच्चे के लिए (6 माह के बाद)
- घर का बना दलिया, खिचड़ी
- केले और पपीते की मैश
- सूजी और चावल का पानी
इन सभी में उपस्थित पोषक तत्व Child Brain Development को तेज़ी से बढ़ावा देते हैं।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. श्रुति मिश्रा, पीडियाट्रिशन कहती हैं:
“बच्चे के दिमाग़ की नींव पहले 1000 दिनों में ही पड़ जाती है। अगर इन दिनों में सही पोषण, संवाद, और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, तो बच्चा आगे चलकर न सिर्फ मानसिक रूप से तेज़ होगा बल्कि सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनेगा।”
Child Brain Development कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं, बल्कि निरंतर देखभाल और समझदारी की मांग करता है। माता-पिता का हर निर्णय, हर आदत, हर दिन बच्चे के मस्तिष्क को आकार देता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा मानसिक रूप से तेज़, स्वस्थ और समझदार बने, तो जन्म से ही इन 5 बातों को अपनाना शुरू करें। छोटी-छोटी सावधानियां, बड़े और स्थायी परिणाम ला सकती हैं।