ISI Agent in India

कैराना से पाकिस्तान तक: कैसे एक मामूली गार्ड बना ISI का खतरनाक जासूस?

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हाइलाइट्स

  • ISI Agent in India नौमान इलाही की गिरफ्तारी से उत्तर भारत में पाक जासूसी नेटवर्क का बड़ा खुलासा
  • पानीपत और कैराना से बरामद हुए डिजिटल डिवाइस और पाकिस्तानी नंबर
  • सेना की गतिविधियों की जानकारी भेजने की योजना थी ‘ऑपरेशन सिंदूर’
  • महज आठवीं पास नौमान था टेक्नोलॉजी का जानकार और सोशल मीडिया से करता था जासूसी
  • ISI नेटवर्क से जुड़े पुराने तस्कर इकबाल उर्फ काना ने किया था भर्ती

उत्तर प्रदेश के शामली जिले से पकड़ा गया ISI Agent in India नौमान इलाही केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक खतरनाक राष्ट्रविरोधी साजिश की कड़ी है। हरियाणा के पानीपत में सुरक्षा गार्ड की नौकरी के पीछे वह भारतीय सैन्य जानकारी पाकिस्तान भेजने के मिशन पर था। इस गिरफ्तारी ने देश के सुरक्षा तंत्र को झकझोर कर रख दिया है।

जासूसी के लिए तैयार था ‘ऑपरेशन सिंदूर’

हरियाणा पुलिस और क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) ने नौमान इलाही को जब पानीपत से गिरफ्तार किया, तब वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से श्रीनगर भेजे जाने की तैयारी में था। जांच में सामने आया कि ISI Agent in India बनने के बाद उसका मुख्य उद्देश्य था—सेना की मूवमेंट, कैंप लोकेशन, और रणनीतिक सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंसियों को देना।

वीडियो कॉल और चैट से जुड़ा था पाकिस्तानी ISI से

नौमान का मोबाइल एक डिजिटल खजाना निकला। उसमें 50 से अधिक पाकिस्तानी नंबर सेव मिले, जिनमें से कई ISI Agent in India की पहचान से मेल खाते हैं। व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्डिंग और स्क्रीनशॉट से खुलासा हुआ कि नौमान हर दिन पाकिस्तान में बैठे ISI अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहता था।

कैराना: आतंक और जासूसी की नई ज़मीन?

पुराने रिकॉर्ड से उजागर हुआ खतरनाक पैटर्न

कैराना, जो पहले से ही कई संदिग्ध गतिविधियों के लिए कुख्यात है, अब एक बार फिर ISI Agent in India के नेटवर्क का केंद्र बन गया है। पिछले वर्षों में इसी क्षेत्र से 6 से अधिक युवक आतंकियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। अब नौमान की गिरफ्तारी ने इस चिंता को और गंभीर बना दिया है।

कैसे बना नौमान एक प्रशिक्षित ISI Agent in India?

पृष्ठभूमि

  • आठवीं कक्षा तक की शिक्षा
  • पिता की मृत्यु के बाद पासपोर्ट एजेंट का कार्य
  • पाकिस्तान में रहने वाली बुआ-मौसी से संपर्क

भर्ती और ट्रेनिंग

नौमान को ISI नेटवर्क में शामिल कराने वाला कोई और नहीं, बल्कि कैराना का ही पुराना हथियार तस्कर इकबाल उर्फ काना था, जो 1990 के दशक में पाकिस्तान भाग गया था। उसी ने नौमान को ISI Agent in India बनने की ट्रेनिंग दी।

“उसे फोटो-वीडियो बनाकर भेजना, डिजिटल डेटा ट्रांसफर करना और एन्क्रिप्टेड चैट्स का इस्तेमाल सिखाया गया,” – जांच अधिकारी

डिजिटल सबूत और पासपोर्ट जाल

नौमान के घर से जब्त दस्तावेजों में कुछ पासपोर्ट संदिग्ध पाए गए हैं। पुलिस को शक है कि वह फर्जी पासपोर्ट बनवाकर उन्हें देशविरोधी तत्वों को मुहैया कराता था। ISI Agent in India का यह चेहरा केवल जासूस ही नहीं, बल्कि नेटवर्क का निर्माता भी है।

परिवार ने तोड़ा रिश्ता

गिरफ्तारी के बाद जब खबर बहन जीनत और जीजा इरफान तक पहुंची, तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाता तोड़ लिया। इरफान ने मीडिया से कहा, “जो देश से गद्दारी करे, उससे हमारा कोई रिश्ता नहीं।” जीनत मानसिक रूप से टूट चुकी हैं।

ISI Agent in India: इकबाल उर्फ काना का नेटवर्क

  • 1990: हथियार और नकली नोटों की तस्करी
  • 1993: दिल्ली में 276 पिस्टलों की बरामदगी
  • 1993 के बाद: पाकिस्तान भागना
  • 2020 के बाद: ISI से जुड़कर भारत के खिलाफ डिजिटल जासूसी नेटवर्क बनाना

जांच एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई

देशद्रोह और गोपनीयता उल्लंघन के तहत केस दर्ज

नौमान के खिलाफ देशद्रोह, जासूसी और विदेशी ताकतों से संबंध के गंभीर आरोप लगे हैं। इस पूरे मामले की जांच अब पानीपत पुलिस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो मिलकर कर रहे हैं। ISI Agent in India की गिरफ्तारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर डाल दिया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में एक्टिव ISI एजेंट्स?

सूत्रों के अनुसार, इकबाल ने नौमान को तीन राज्यों में ISI Agent in India तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। उसका अगला मिशन पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ISI नेटवर्क फैलाना था। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि अभी भी कई लोग इस नेटवर्क का हिस्सा हैं और उन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।

डिजिटल युग में जासूसी के नए खतरे

नौमान की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि यह संकेत है कि कैसे ISI Agent in India आज टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया का उपयोग करके भारत के भीतर गहरे तक घुसपैठ कर चुके हैं। यह मामला हमें सुरक्षा व्यवस्था की पुनरावलोकन की सख्त आवश्यकता की ओर इंगित करता है।

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