हाइलाइट्स
- Food License in UP के बिना अब कोई भी खाद्य व्यवसाय नहीं कर पाएगा – सरकार ने तय की अंतिम तारीख।
- पूरे प्रदेश में विशेष अभियान, 31 मई 2025 तक चलाया जाएगा रजिस्ट्रेशन ड्राइव।
- मिठाई की दुकान, ढाबा, ठेले-पटरी वाले सभी छोटे व्यवसाय भी अभियान की जद में।
- बिना लाइसेंस कारोबार पकड़े जाने पर होगी कानूनी कार्रवाई – जुर्माना और दुकान सील।
- सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश – हर जिले में होगी दैनिक मॉनिटरिंग।
उत्तर प्रदेश में खाद्य व्यवसाय के लिए लाइसेंस अनिवार्य: नया अभियान क्यों है जरूरी?
उत्तर प्रदेश सरकार ने “Food License in UP” को लेकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेश भर में एक व्यापक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है कि कोई भी खाद्य व्यवसाय—चाहे वह छोटा ठेला हो या बड़ा रेस्टोरेंट—बिना वैध लाइसेंस या पंजीकरण के संचालित न हो।
यह अभियान अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू किया गया था और अब इसकी अवधि बढ़ाकर 31 मई 2025 कर दी गई है। इस अवधि में राज्य के सभी जिलों में विशेष कैंप लगाकर खाद्य कारोबारियों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस तैयार किए जा रहे हैं।
क्या है Food License in UP और क्यों है यह अनिवार्य?
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (FSSAI) की भूमिका
Food License in UP असल में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (FSSAI) के अंतर्गत आता है। यह कानून स्पष्ट करता है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जो खाद्य सामग्री बनाती है, पैक करती है, बेचती है या परोसती है, उसे वैध लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
उपभोक्ता सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी
लाइसेंस की प्रक्रिया केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाला, सुरक्षित और मिलावट रहित भोजन प्राप्त हो।
किन-किन को लेना होगा Food License in UP?
बड़े रेस्टोरेंट से लेकर चाय-समोसे के ठेले तक
इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि यह केवल बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं है। बल्कि मिठाई की दुकानों, नमकीन-फास्ट फूड यूनिट्स, सड़क किनारे ठेलों, चाय की दुकानों, ढाबों, यहां तक कि अस्थायी खाद्य विक्रेताओं को भी अपने व्यवसाय के लिए Food License in UP लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
अब तक कितने पंजीकरण?
खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार, अब तक हजारों खाद्य कारोबारियों ने नया पंजीकरण कराया है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे प्रदेश की फूड इंडस्ट्री में एक नया अनुशासन और पारदर्शिता देखने को मिल रही है।
बिना लाइसेंस कारोबार चलाया तो क्या होगा?
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि 31 मई 2025 के बाद जो भी खाद्य व्यवसाय बिना Food License in UP के चलता पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसमें निम्न दंडात्मक कार्रवाइयाँ शामिल हैं:
- भारी जुर्माना
- दुकान या यूनिट को सील करना
- खाद्य सामग्री को जब्त करना
- बार-बार उल्लंघन पर न्यायिक कार्रवाई
सीएम योगी का निर्देश: अभियान की सख्त निगरानी हो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि रजिस्ट्रेशन अभियान की प्रतिदिन निगरानी होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति बिना Food License in UP के खाद्य व्यवसाय न करे, इस बात को सख्ती से लागू किया जाए।
दोहरी रणनीति – सुरक्षा और विकास
सरकार इस कदम के माध्यम से दो उद्देश्यों को साध रही है:
- जनता को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराना।
- फूड इंडस्ट्री को एक नियामक ढांचे के अंतर्गत लाना ताकि छोटे-बड़े कारोबारी कानूनी रूप से व्यापार कर सकें।
खाद्य कारोबारियों के लिए यह क्यों है एक अवसर?
लाभ और संभावनाएं
Food License in UP को केवल एक कागजी औपचारिकता समझना गलत होगा। यह एक अवसर है जिससे कारोबारी:
- सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
- बैंकिंग और वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
- ग्राहकों के बीच विश्वसनीयता बढ़ा सकते हैं।
- ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म से जुड़ सकते हैं।
नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी
प्रदेश सरकार की यह पहल तभी सफल हो सकती है जब उपभोक्ता स्वयं जागरूक होकर केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही खाद्य सामग्री खरीदें। आम जनता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सुरक्षित और प्रमाणित भोजन ही ग्रहण कर रही है।
सुरक्षित भोजन, सशक्त प्रदेश
उत्तर प्रदेश में चलाया जा रहा यह विशेष अभियान केवल प्रशासनिक कार्यवाही नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन है जिसका उद्देश्य हर नागरिक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। Food License in UP जैसे पहल प्रदेश को एक संगठित, सुरक्षित और पारदर्शी खाद्य व्यापार तंत्र की ओर ले जाती है।
सरकार की यह कोशिश है कि हर नागरिक को न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि सुरक्षित भोजन मिले – और इसके लिए आवश्यक है कि हर खाद्य व्यवसाय अपने आपको वैध रूप से पंजीकृत करे।