भारत-नेपाल सीमा पर ‘Illegal Religious Constructions’ पर योगी सरकार की कड़ी कार्रवाई, मदरसों-मस्जिदों को मिला नोटिस

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हाइलाइट्स

  • उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में Illegal Religious Constructions के खिलाफ प्रशासन ने कसी नकेल
  • 15 किलोमीटर सीमा क्षेत्र में तीन मस्जिद और 14 मदरसे अवैध घोषित
  • गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीमावर्ती अतिक्रमणों को हटाने का अभियान तेज
  • स्थानीय प्रबंधकों ने वैकल्पिक भूमि देने की अपील की
  • नोटिस के बावजूद दस्तावेज न मिलने पर Illegal Religious Constructions पर चलेगा बुलडोजर

अवैध धार्मिक निर्माणों पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने Illegal Religious Constructions के विरुद्ध एक निर्णायक मुहिम छेड़ दी है। विशेषकर भारत-नेपाल सीमा से सटे संवेदनशील जिलों में धार्मिक ढाँचों के नाम पर हो रहे अतिक्रमणों को चिन्हित कर, उन्हें कानूनी दायरे में लाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।

सिद्धार्थनगर जिले में प्रशासन ने 15 किलोमीटर की सीमा रेखा के भीतर तीन मस्जिदों और 14 मदरसों को Illegal Religious Constructions की श्रेणी में रखा है। इन सभी निर्माणों को सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए जाने का आरोप है, जिस पर अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद तेज़ हुई कार्रवाई

सीमावर्ती इलाकों में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत-नेपाल सीमा के भीतर 15 किलोमीटर के दायरे में कोई भी Illegal Religious Constructions नहीं टिकने दिए जाएंगे। मंत्रालय की इस चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने सिद्धार्थनगर जिले में कार्रवाई शुरू कर दी है, जहां नेपाल से कुल 68 किलोमीटर की सीमा लगती है।

इस इलाके में नौगढ़ और शोहरतगढ़ तहसीलें सबसे अधिक संवेदनशील मानी जा रही हैं। यहीं पर प्रशासन ने अब तक 550 से अधिक अवैध निर्माणों की पहचान की है, जिनमें कई Illegal Religious Constructions भी शामिल हैं।

चिन्हित निर्माण: मदरसे और मस्जिदें

सरकारी जमीन पर बनीं धार्मिक संरचनाएं

प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, नौगढ़ तहसील में एक मस्जिद और आठ मदरसे तथा शोहरतगढ़ में दो मस्जिद और छह मदरसे अवैध रूप से सरकारी भूमि पर बने पाए गए हैं। इन सभी Illegal Religious Constructions को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाते, तो प्रशासन बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। यह कार्रवाई न केवल राज्य सरकार की सख्ती का संकेत है, बल्कि सीमा सुरक्षा को मज़बूती देने का हिस्सा भी है।

धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से संवेदनशील मामला

इमाम और प्रबंधकों की आपत्ति

इन Illegal Religious Constructions को लेकर स्थानीय इमामों और मदरसा प्रबंधकों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उनका कहना है कि वे वर्षों से इन स्थानों पर धार्मिक और शैक्षिक कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह जानकारी कभी नहीं दी गई कि भूमि सरकारी है।

प्रबंधकों का कहना है कि प्रशासन यदि उन्हें अवैध घोषित करता है, तो उन्हें वैकल्पिक ज़मीन दी जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई और धार्मिक कार्य बाधित न हों।

सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण

सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिक्रमण से बढ़ सकता है खतरा

गृह मंत्रालय का यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से अहम माना जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में Illegal Religious Constructions न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं, बल्कि सीमा पार से घुसपैठ या असामाजिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे सकते हैं।

ऐसे में सरकार का यह निर्णय एक रणनीतिक कदम है, जो भविष्य में सीमा की सुरक्षा और प्रशासनिक नियंत्रण को मज़बूत करेगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कार्रवाई को बताया राजनीतिक

इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे “चुनावी राजनीति” करार देते हुए कहा कि सरकार को सभी धर्मों के Illegal Religious Constructions पर एक समान दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

विपक्ष का कहना है कि यदि किसी निर्माण को हटाया जा रहा है तो उस समुदाय को विकल्प भी प्रदान किया जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में Illegal Religious Constructions के खिलाफ हो रही यह कार्रवाई न सिर्फ प्रशासनिक मजबूती का संकेत है, बल्कि सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण को भी दर्शाती है। हालांकि, इस प्रकार की कार्रवाई में संवेदनशीलता और पारदर्शिता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है ताकि धार्मिक सौहार्द बना रहे और कानून व्यवस्था भी सुदृढ़ बनी रहे।

आने वाले दिनों में यदि प्रशासन इन चिन्हित Illegal Religious Constructions पर बुलडोजर चलाता है, तो यह राज्य सरकार के कठोर रुख का बड़ा उदाहरण बन सकता है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में समुदायों के साथ संवाद बनाए रखना और न्यायिक दृष्टिकोण अपनाना ज़रूरी होगा।

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