हाइलाइट्स
- 2025 की Startup scheme for entrepreneurs से युवा उद्यमियों को मिलेगा वित्तीय और तकनीकी समर्थन
- ₹10,000 करोड़ के फंड ऑफ फंड्स से AI, मशीन बिल्डिंग और DeepTech स्टार्टअप्स को बढ़ावा
- स्टार्टअप इंडिया योजना का विस्तार: कर छूट, मेंटरशिप और वैश्विक नेटवर्क तक पहुंच
- महिला, ग्रामीण और अनुसूचित वर्ग के स्टार्टअप्स को मिलेगा प्राथमिकता
- सरकार का लक्ष्य: भारत को 2030 तक वैश्विक स्टार्टअप हब बनाना
2025 की नई पहल: Startup scheme for entrepreneurs का लक्ष्य क्या है?
भारत सरकार ने 2025 में एक नई व्यापक Startup scheme for entrepreneurs की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य युवाओं को नवाचार, स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त करना है।
इस योजना के तहत सरकार ने स्टार्टअप्स को न केवल पूंजी निवेश के लिए फंड प्रदान करने का वादा किया है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता, विपणन सुविधा और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर प्रतिस्पर्धा की क्षमता भी देने की योजना बनाई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2025 में यह स्पष्ट किया गया कि यह Startup scheme for entrepreneurs केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह टियर-2 और टियर-3 शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों तक पहुंचने की कोशिश करेगी।
₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स: तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए सुनहरा अवसर
Startup scheme for entrepreneurs के सबसे अहम पहलुओं में से एक है ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स। इस फंड का मुख्य उद्देश्य DeepTech, AI, मशीन बिल्डिंग, ग्रीन टेक्नोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में उभरते स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
इस फंड की प्रमुख विशेषताएं:
- यह फंड भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा
- SEBI-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) के माध्यम से स्टार्टअप्स में निवेश किया जाएगा
- शुरुआत में 500+ स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी, खासकर जो भारत में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देते हैं
- महिला उद्यमियों और सामाजिक उद्यमों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा
यह Startup scheme for entrepreneurs सरकार की यह समझ दर्शाती है कि नवाचार के लिए सिर्फ विचार नहीं, संसाधन और पूंजी भी आवश्यक होती है।
स्टार्टअप इंडिया योजना का विस्तार: अब और भी सशक्त
स्टार्टअप इंडिया योजना को 2016 में शुरू किया गया था, और अब 2025 में इसे और व्यापक और समावेशी बना दिया गया है।
इस Startup scheme for entrepreneurs में शामिल हैं:
नई सुविधाएं और लाभ
- 3 साल तक टैक्स हॉलिडे
- 80% तक पेटेंट फाइलिंग फीस में छूट
- स्वतंत्र मेंटरशिप और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन
- सरकारी टेंडर में भाग लेने की सुविधा
- आईपीआर संरक्षण सहायता
इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप्स को ग्लोबल इनोवेशन हब्स जैसे सिंगापुर, अमेरिका और यूरोप के मार्केट तक पहुंचने के लिए कनेक्टिविटी कार्यक्रम भी शामिल किया गया है।
MSME और कृषि स्टार्टअप्स के लिए विशेष प्रावधान
Startup scheme for entrepreneurs के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। सरकार का मानना है कि MSME भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
कृषि स्टार्टअप्स को भी अब बीज धन, उर्वरक वितरण, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली और मार्केट लिंकेज के क्षेत्र में तकनीकी नवाचार के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।
राज्यों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार इन योजनाओं को क्रियान्वित करें।
महिला और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा
इस वर्ष की Startup scheme for entrepreneurs में महिला उद्यमिता और ग्रामीण स्टार्टअप्स को खास ध्यान में रखा गया है।
- महिला स्टार्टअप्स को 5% अतिरिक्त सब्सिडी
- ग्रामीण युवाओं के लिए ‘ग्राम स्टार्टअप हब’ की स्थापना
- बैंक ऋण पर 4% तक ब्याज अनुदान
- डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम
सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक हर जिले से कम से कम 10 सफल स्टार्टअप्स सामने आएं।
इंटरनेशनल मार्केट और निवेशकों से जोड़ने की रणनीति
Startup scheme for entrepreneurs का एक और क्रांतिकारी पहलू है स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों, मार्केट और एक्सपोज़र से जोड़ना।
वैश्विक भागीदारी:
- G20 Startup20 सम्मेलन में भारत ने नेतृत्व कर नई योजनाओं का प्रचार किया
- UK India Tech Partnership के माध्यम से 100 भारतीय स्टार्टअप्स को लंदन में निवेशकों से जोड़ने का अवसर
- Startup Exchange Program: जापान, सिंगापुर, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग
इससे भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थान प्राप्त होगा।
विशेषज्ञों की राय: क्या यह योजना गेम-चेंजर है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि 2025 की Startup scheme for entrepreneurs भारत की स्टार्टअप संस्कृति को नया आयाम दे सकती है।
प्रो. अंजलि शर्मा (IIM-A):
“सरकार की योजना में निवेश और नवाचार दोनों को प्राथमिकता दी गई है। अगर इसे ठीक से लागू किया गया, तो यह देश के युवाओं के लिए सबसे बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित होगा।”
रितेश अग्रवाल (OYO):
“स्टार्टअप्स को पूंजी, मार्गदर्शन और नीति समर्थन मिलना आवश्यक है। यह योजना इन सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास है।”
अब तक की उपलब्धियां और भविष्य की राह
अब तक की प्रगति:
- 2024 के अंत तक भारत में 1.25 लाख स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं
- 2025 की पहली तिमाही में ही 5000+ नए स्टार्टअप्स ने पोर्टल पर पंजीकरण किया
- 20% स्टार्टअप्स ग्रामीण भारत से उभरे हैं
भविष्य की योजना:
- हर जिले में Startup Incubation Centre
- स्कूल और कॉलेज स्तर पर नवाचार प्रोत्साहन
- 2030 तक 10 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य
Startup scheme for entrepreneurs से आत्मनिर्भर भारत की ओर
भारत सरकार की 2025 की Startup scheme for entrepreneurs केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह एक विज़न है — भारत को नवाचार, रोजगार और तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का।
यदि यह योजना पूरी पारदर्शिता और कुशल कार्यान्वयन के साथ लागू होती है, तो भारत न केवल वैश्विक स्टार्टअप हब बन सकता है, बल्कि लाखों युवाओं के सपनों को साकार करने का माध्यम भी।