नई दिल्ली - कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज एक विवादित बयान दिया है जिसमें उन्होंने भगवान शिव की पूजा पद्धति पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "मैं समझाऊंगा कि भगवान शिव के बाएं कंधे के पीछे त्रिशूल क्यों रखा जाता है।"
राहुल गांधी ने आगे कहा, "त्रिशूल अहिंसा का प्रतीक है। इसे बाएं कंधे के पीछे रखा जाता है ताकि शिव अपने दाहिने हाथ से उस तक न पहुंच सकें।" उनका यह बयान धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।
बीजेपी का प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राहुल गांधी के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "राहुल गांधी ने आज करोड़ों भगवान शिव भक्तों का अपमान किया है। यह बयान न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है बल्कि हमारे धार्मिक प्रतीकों और विश्वासों के प्रति अनादर भी दर्शाता है।" बीजेपी ने राहुल गांधी से इस बयान के लिए माफी की मांग की है और कांग्रेस पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा है।
धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया
विभिन्न धार्मिक संगठनों ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। कई संतों और धार्मिक नेताओं ने इसे अज्ञानता और धार्मिक मान्यताओं के प्रति अनादर का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि त्रिशूल भगवान शिव का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और इसे किसी भी रूप में विवादित नहीं किया जाना चाहिए।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
राहुल गांधी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। लोग अपने-अपने विचार प्रकट कर रहे हैं और दोनों पक्षों की राय सामने आ रही है। कुछ लोग राहुल गांधी के बयान का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसे धार्मिक आस्थाओं के खिलाफ बता रहे हैं।
🚨 RAHUL GANDHI - "I will explain why Trishul, A weapon is placed behind the left shoulder of Lord Shiva"
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) July 1, 2024
"Because Trishul is a symbol of non-violence. It is placed behind left shoulder so that Shiva can't reach with his right hand"
BJP - Rahul Gandhi insulted crores of Lord… pic.twitter.com/a8KCcMh5lB
राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी विवादास्पद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इस पर क्या रुख अपनाती है और यह मुद्दा आगामी चुनावों में कितना महत्वपूर्ण बनता है।