नई दिल्ली, 8 जुलाई 2024: भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बनाए गए नए IT नियमों को और अधिक सख्त बनाया जा सकता है। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा कि सरकार गलत सूचना और डीप फेक के खतरे से निपटने के लिए इन नियमों में संशोधन कर रही है।
मौजूदा नियमों के तहत, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 24 घंटे के भीतर आपत्तिजनक सामग्री को हटाने और शिकायतों का जवाब देने की आवश्यकता होती है। उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित होने वाली सभी सामग्री की निगरानी के लिए भी एक शिकायत निवारण अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा।
नए संशोधनों में सोशल मीडिया कंपनियों के लिए अधिक कठोर दंड और जुर्माना लगाने का प्रावधान हो सकता है, यदि वे नियमों का पालन करने में विफल रहती हैं। सरकार उन प्लेटफॉर्मों पर भी प्रतिबंध लगा सकती है जो बार-बार नियमों का उल्लंघन करते हैं।
इस कदम का सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। उनका तर्क है कि नए नियम बहुत सख्त हैं और उनके लिए उनका पालन करना मुश्किल होगा। वे यह भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि, सरकार का कहना है कि नए नियम आवश्यक हैं ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को गलत सूचना और डीप फेक के प्रसार को रोकने के लिए अधिक जवाबदेह बनाया जा सके।
यह देखा जाना बाकी है कि सरकार नए IT नियमों में क्या बदलाव करती है और इसका सोशल मीडिया कंपनियों और उपयोगकर्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ता है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
- सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए गलत सूचना और डीप फेक से निपटने के लिए नियमों को और अधिक सख्त बना सकती है।
- नए नियमों में अधिक कठोर दंड और जुर्माना लगाने का प्रावधान हो सकता है।
- सोशल मीडिया कंपनियों ने नए नियमों का विरोध किया है।
- सरकार का कहना है कि नए नियम आवश्यक हैं ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अधिक जवाबदेह बनाया जा सके।
यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, ऑनलाइन सुरक्षा और सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही को प्रभावित करता है।