नई दिल्ली: भारत में एक और पाखंडी बाबा की पोल खुल गई है। इस बार यह मामला कुख्यात बाबा नित्यानंद से जुड़ा हुआ है। नित्यानंद के आश्रम में कई सालों से रहने वाली उसकी शिष्या सारा ने अपने जीवन के कड़वे अनुभव साझा किए हैं। सारा ने दावा किया है कि नित्यानंद ने न केवल उसकी बल्कि कई अन्य लोगों की जिंदगी को भी बर्बाद किया है।
सारा ने बताया कि उसने 2009 में नित्यानंद के आश्रम को जॉइन किया था। वह सनातन धर्म को जानने और योग व ध्यान सीखने की इच्छा रखती थी। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसकी यह जिज्ञासा उसे एक भयानक अनुभव की ओर ले जाएगी।
नित्यानंद के इशारों पर 9 साल
सारा ने बताया कि 9 साल तक उसकी जिंदगी नित्यानंद के इशारों पर चली। 24 साल की उम्र में उसने आश्रम जॉइन किया और 33 साल की उम्र तक वहां रही। इन 9 सालों में उसने नित्यानंद की असली सूरत देखी। सारा ने कहा, "नित्यानंद ने रेप, छेड़खानी करके कई लोगों की जिंदगी बर्बाद की है। वह एक पाखंडी है जो धर्म की आड़ में अपने गंदे काम करता है।"
सारा ने यह भी खुलासा किया कि नित्यानंद का आश्रम धर्म का पाठ पढ़ाने के लिए नहीं है। वह एक माफिया की तरह काम करता है। उसने कहा, "वह धर्म का दिखावा करता है, लेकिन असल में वह एक माफिया है। आश्रम में आने वाले भक्तों को वह अपने जाल में फंसा लेता है और फिर उनका शोषण करता है।"
एक और बाबा की पोल उसी की शिष्या ने खोल दी इसका नाम तो आप जानते ही होंगे नित्यानंद नाम है इस पाखंडी बाबा का
— Bhanu Nand (@BhanuNand) July 8, 2024
इस पाखंडी नित्यानंद की शिष्या सारा ने बताया कि मैंने 2009 में नित्यानंद के आश्रम को जॉइन किया था, मैं सनातन धर्म को जानना चाहती थी,योग और ध्यान सीखना चाहती थी
सारा ने… pic.twitter.com/Gv1YiTh2CJ
सारा की यह आपबीती सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। सोचने वाली बात यह है कि हमारे समाज में ऐसे कितने ही पाखंडी बाबाओं ने धर्म की आड़ में लोगों का शोषण किया है। एक के बाद एक बाबाओं की पोल खुलती जा रही है, फिर भी हमारे लोग हैं कि इन बाबाओं की अंधभक्ति नहीं छोड़ रहे हैं।
ऐसे बाबाओं के बारे में क्या कहना चाहिए? यह एक सवाल है जो समाज के हर व्यक्ति के मन में उठना चाहिए। सारा की तरह कितनी ही महिलाएं और पुरुष ऐसे बाबाओं के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं। फिर भी समाज में ऐसे पाखंडी बाबाओं की अंधभक्ति जारी है।
समाज को ऐसे पाखंडी बाबाओं के खिलाफ जागरूक होने की जरूरत है। हमें समझना होगा कि धर्म की आड़ में छिपे इन अपराधियों को पहचानकर उनका विरोध करना चाहिए। समाज में ऐसे बाबाओं की पोल खुलनी चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और उनकी चालबाजियों का शिकार न हो।
सारा की आपबीती ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि धर्म की आड़ में पाखंडी बाबाओं का खेल बहुत पुराना है। यह समय है जब हमें ऐसे बाबाओं के खिलाफ जागरूक होना चाहिए और समाज को उनके चंगुल से मुक्त करना चाहिए। धर्म के नाम पर शोषण करने वाले इन पाखंडियों का पर्दाफाश करना और उन्हें कानून के शिकंजे में लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
क्या आप भी ऐसे पाखंडी बाबाओं की अंधभक्ति से मुक्त होकर समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लेंगे? अपने विचार हमें बताएं।