नई दिल्ली, 2 जून 2024: प्रमुख यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता ध्रुव राठी के तेजी से बढ़ते प्रभाव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रणनीतिकारों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। अपने स्पष्ट और तथ्यों पर आधारित वीडियो के माध्यम से, ध्रुव राठी ने हाल के महीनों में राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करते हुए बड़ी संख्या में दर्शकों का ध्यान खींचा है।
Dhruv Rathi
— AJEET SINGH MEENA (@ajitminaa) May 31, 2024
इस बंदे ने ना जाने कितनों की आँखे खोल दी
इस चुनाव मे @dhruv_rathee का योगदान हमेशा याद रखा जायेगा अपने 20 M चैनल की भी परवाह नही करी
इसे बोलते है देशभक्ति ❤ pic.twitter.com/vYMcvKOqJk
ध्रुव राठी, जो पहले पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित थे, ने पिछले कुछ समय से भारतीय राजनीति पर भी व्यापक सामग्री प्रस्तुत की है। उनके वीडियोज में बीजेपी सरकार की नीतियों और उनके प्रभावों पर गहन विश्लेषण शामिल होते हैं, जो अक्सर विवादास्पद भी साबित हुए हैं। राठी के चैनल पर करोड़ों की संख्या में सब्सक्राइबर्स हैं, और उनके वीडियोज लाखों व्यूज़ प्राप्त करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राठी के वीडियोज विशेषकर युवा मतदाताओं के बीच काफी प्रभावशाली साबित हो रहे हैं। उनकी प्रस्तुति की शैली और तथ्यों पर आधारित तर्क युवाओं को जागरूक करने में मदद कर रहे हैं, जो आगामी चुनावों में बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
ये वो बंदा है जिस ने अकेले ने पूरी बीजेपी को हिला के रख दिया,,,,,,
— लोकेश पाकड़ (@Lokepaakad) June 2, 2024
मीडिया सारी एक तरफ और ध्रुव राठी एक तरफ!
जिस इंसान की एक वीडियो से सारी बीजेपी की आईटी सेल हिल जाती है,,,#DhruvRathi#अनपढ़_एल्विश pic.twitter.com/0Bvfv9PVDY
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "ध्रुव राठी के वीडियोज हमारे खिलाफ माहौल बना रहे हैं। हमें समझना होगा कि कैसे उनके प्रभाव को कम किया जाए और अपने मतदाताओं तक सही संदेश पहुँचाया जाए।"
दूसरी ओर, ध्रुव राठी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साफ किया है कि उनका उद्देश्य केवल तथ्यों पर आधारित जानकारी देना और जनता को जागरूक करना है। उन्होंने अपने एक हालिया वीडियो में कहा, "मैं किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं हूँ। मेरा उद्देश्य सिर्फ सच को सामने लाना है और लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी देना है।"
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के इस दौर में ऐसे स्वतंत्र कंटेंट क्रिएटर्स का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, और पारंपरिक राजनीतिक दलों को अपनी रणनीतियों को नए सिरे से सोचना पड़ेगा।
आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ध्रुव राठी जैसे सोशल मीडिया प्रभावकार किस हद तक राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं। यह निश्चित है कि उनकी उपस्थिति ने राजनीति में नई दिशा और दृष्टिकोण को जन्म दिया है, जिसे अनदेखा करना अब संभव नहीं है।