नई दिल्ली, 25 जून 2024: भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी का नाम एक ऐसा नाम रहा है जिसने पिछले एक दशक में व्यापक समर्थन और प्रशंसा प्राप्त की है। लेकिन हाल ही में किए गए सर्वेक्षणों से संकेत मिलते हैं कि उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई है। आइए जानते हैं १० प्रमुख कारण जिनकी वजह से मोदी जी की लोकप्रियता में कमी आई है और साथ ही देखते हैं कि राहुल गांधी के मुकाबले में वे कैसे खड़े हैं।
१. बेरोजगारी
बेरोजगारी का मुद्दा एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी ने मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी को बढ़ाया है।
२. महंगाई
बढ़ती महंगाई और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने आम जनता को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है, जिससे उनके प्रति समर्थन में कमी आई है।
३. किसान आंदोलन
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन ने सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। किसानों के साथ लंबे समय तक चलने वाले गतिरोध ने ग्रामीण क्षेत्रों में मोदी जी की लोकप्रियता को प्रभावित किया है।
४. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी
कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और इसके प्रबंधन में खामियों ने जनता में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ाया है।
५. शिक्षा की स्थिति
शिक्षा क्षेत्र में सुधार की कमी और ऑनलाइन शिक्षा के दौरान आई चुनौतियों ने भी लोगों को निराश किया है।
६. पर्यावरणीय चिंताएँ
पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर सरकार की नीतियों को लेकर आलोचना हुई है, विशेषकर प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में।
७. सामाजिक समरसता
सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर विभाजनकारी राजनीति और सांप्रदायिक तनाव ने जनता के एक वर्ग को नाराज किया है।
८. आर्थिक असमानता
अमीर-गरीब के बीच बढ़ती आर्थिक असमानता और धन के असमान वितरण ने भी मोदी सरकार की लोकप्रियता को धक्का पहुँचाया है।
९. राजनीतिक निर्णय
बड़े निर्णयों जैसे नोटबंदी और जीएसटी के कार्यान्वयन में हुई समस्याओं ने भी सरकार के खिलाफ असंतोष को बढ़ावा दिया है।
१०. विपक्ष की रणनीति
राहुल गांधी और विपक्षी दलों की बेहतर रणनीति और आक्रामक रुख ने भी मोदी जी की लोकप्रियता में कमी लाने में भूमिका निभाई है।
सर्वे: मोदी बनाम राहुल गांधी
हाल ही में किए गए सर्वेक्षणों में पाया गया कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आई है, जबकि राहुल गांधी की छवि में सुधार हुआ है। सर्वे के अनुसार, राहुल गांधी की समर्थन दर 45% तक पहुँच गई है, जबकि मोदी जी की समर्थन दर 40% पर सिमट गई है। यह दर्शाता है कि जनता का मूड बदल रहा है और विपक्षी दलों को मौका मिल रहा है।
इस स्थिति में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले चुनावों में किस प्रकार की रणनीति अपनाई जाती है और जनता का समर्थन किस ओर जाता है। भारतीय राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।