पर्यावरण संबंधी स्वास्थ्य को बचाने के लिए निम्नलिखित 7 काम करने की सलाह दी जा सकती है:
1. जल संरक्षण: जल संरक्षण के लिए स्वच्छ और पर्यावरण योग्य जल उपयोग करें। जल के बर्बाद होने को रोकने के लिए लीक नलों को ठीक करें और बारिश का पानी संग्रहित करने के लिए जल संग्रहण प्रणालियों का उपयोग करें।
2. वन संरक्षण: वनों को संरक्षित रखें और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करें। वृक्षों का अभियान चलाएं और नगरीय क्षेत्रों में छोटे वृक्षारोपण कार्यक्रमों को समर्थन करें।
3. वायु प्रदूषण कम करें: वायु प्रदूषण कम करने के लिए गैर-मोटरीकरण के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, वाहन साझा करें, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दें, और उच्च प्रदूषण उत्पादक उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई लें।
4. जलवायु परिवर्तन से संघर्ष करें: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के सामरिक होने के लिए जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए समुदायों को शिक्षित करें, जल संचयन और जल संरक्षण के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करें।
5. कचरे का प्रबंधन: सही तरीके से कचरे का प्रबंधन करें और रीसायकलिंग को प्रोत्साहित करें। अपने घर में कचरे को अलग करें, कंपोस्टिंग का उपयोग करें और जहां संभव हो सके, जल्दी से कचरे के प्रक्रियाशाला या बिजली उत्पादन केंद्र के लिए उचित सुविधाएँ स्थापित करें।
6. प्रदूषण नियंत्रण: प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करें। इंडस्ट्रीज़ और पर्यावरण अधिकारियों के बीच सजीव संवाद और सजागता को बढ़ावा दें।
7. जीव-जंतु संरक्षण: जीव-जंतु संरक्षण को महत्व दें और अपनी स्थानीय प्राकृतिक जीवन संपदा की सुरक्षा करें। वन्यजीवों के लिए संरक्षण क्षेत्रों का निर्माण करें, वन्यजीवों की बागवानी को बढ़ावा दें, और अपनी स्थानीय पक्षी संरक्षण संगठनों का समर्थन करें।
ये सात काम आपको पर्यावरण संबंधी स्वास्थ्य को बचाने में मदद करेंगे। इन कार्यों को समर्पितता और सहयोग के साथ करना आवश्यक होगा ताकि हम संबंधित समस्याओं को समय पर हल कर सकें।
पर्यावरण संबंधी दुष्परिणामों के कई कारण हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
यहां पर्यावरण संबंधी स्वास्थ्य को खराब करने के 5 प्रमुख दुष्परिणाम दिए गए हैं:
1. वायु प्रदूषण: अनुकरणीय या अनुकरणीय धुएं, वायुमंडलीय निर्मित पदार्थों (जैसे कि कार और कारखानों की उत्सर्जित धुएं) का उत्सर्जन पर्यावरण की गुणवत्ता को कम करके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। यह श्वसन संबंधी समस्याओं, जैसे दमा, अल्सर, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
2. जल प्रदूषण: जल प्रदूषण का कारण नकारात्मक जल निर्यात (उदाहरण के लिए, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और गैर-बियोडिग्रेडेबल उत्पादों के उपयोग करके), जलाशयों में और नदियों में उपयोग होने वाले निकासी और संकलन की गलत प्रबंधन के कारण हो सकता है। जल प्रदूषण स्वास्थ्य को प्रभावित करके पानी संक्रमण, किडनी संबंधी रोग, चिंता, त्वचा के रोग और अन्य संक्रमणों का कारण बनता है।
3. जंगल कटाई: जंगल कटाई पर्यावरण के लिए और वन्यजीवों के लिए नकारात्मक प्रभाव डालती है। जंगलों की कटाई करने से पर्यावरणीय सेवाओं का ह्रास होता है, जैसे कि वायु शोधन, जल नियंत्रण, मृदा नियंत्रण और जंगली जीवन संवर्धन। यह जंगली जीवों की आबादी को कम करता है और जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ाता है, जिससे स्वास्थ्य परिणाम होते हैं।
4. ध्वनि प्रदूषण: शोर प्रदूषण की वजह से लोगों के श्वास नलिकाओं और कानों को नकारात्मक प्रभाव पहुंचता है। शोर प्रदूषण का स्रोत शोरीय संबंधित उद्योग, ट्रैफिक, निर्माण कार्य, उच्च संग्रहालयों और नगरीय क्षेत्रों में भीड़-भाड़ आदि हो सकता है। ध्वनि प्रदूषण नींद की समस्याएं, तनाव, श्रवण क्षमता की कमी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मानसिक संकट, और श्रवण संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
5. जलवायु परिवर्तन: अधिकतर वैज्ञानिक समुदायों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। इसमें मौसमी परिवर्तन, तापमान की वृद्धि, अतिरिक्त गर्मी, विषम वर्षा प्रणाली, और जलवायु बदलाव शामिल हो सकते हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि बीमारियों के फैलाव, तापमान संक्रमण, अलर्जी, खाद्य सुरक्षा, और पानी की कमी जैसे दुष्परिणामों का कारण बनते हैं।
यह दुष्परिणाम पर्यावरण संबंधी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। पर्यावरण की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन के माध्यम से इन दुष्परिणामों को कम किया जा सकता है और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है।