सावन में धर्म बिगाड़ने की साज़िश या सोची-समझी चाल? बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी डालने वाले CCTV में निकले वही लड़के!

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हाइलाइट्स

  •  बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी मिलाने का खुलासा CCTV से हुआ
  • आरोपी युवक खुद हड्डी डालते कैमरे में हुए कैद, रेस्टोरेंट पर लगाया था झूठा आरोप
  • सावन के महीने में धार्मिक भावनाओं को भड़काने की थी साज़िश
  • पहले भी इसी रेस्टोरेंट का वीडियो हुआ था वायरल, तब भी था संदेहास्पद मामला
  • पुलिस जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की तैयारी में होटल मालिक

गोरखपुर के शास्त्री चौक स्थित ‘बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी‘ मिलने का जो मामला बीते सप्ताह सुर्खियों में आया था, अब उसमें चौंकाने वाला मोड़ आ गया है। जिस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की गई थी, वह अब पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश साबित हो रही है। होटल मालिक द्वारा जारी किए गए CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है कि आरोप लगाने वाले युवक ने ही हड्डी को चुपके से वेज थाली में मिलाया था।

क्या था पूरा मामला?

31 जुलाई की रात करीब 11:30 बजे गोरखपुर के चर्चित ‘बिरयानी बे’ रेस्टोरेंट में 12-13 युवकों का एक ग्रुप खाना खाने पहुंचा। इन युवकों ने वेज और नॉन-वेज दोनों तरह की थालियां ऑर्डर कीं। खाना परोसे जाने के कुछ ही मिनट बाद, एक युवक ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।

उसका आरोप था कि वेज थाली में मांस की हड्डी मिली है, जो न केवल एक धार्मिक अपमान है, बल्कि सावन जैसे पवित्र महीने में उनके विश्वास के साथ धोखा है। इस दौरान युवकों ने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। देखते ही देखते “#बिरयानीबे_बॉयकॉट” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

CCTV में क्या दिखा?

जैसे ही रेस्टोरेंट पर सवाल उठने लगे, होटल प्रबंधन ने तुरंत ही पुलिस को सूचित किया और उस रात के CCTV फुटेज की जांच शुरू की। जांच में जो सामने आया, उसने सभी को हैरान कर दिया।

CCTV में एक युवक को साफ-साफ वेज थाली में खुद अपने हाथ से हड्डी डालते हुए देखा जा सकता है। वह चुपके से अपनी नॉन-वेज थाली से हड्डी निकालकर वेज थाली में डालता है और फिर कैमरे के सामने हंगामा करने लगता है।

होटल मालिक का बयान

होटल के मालिक फैज़ान खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

“हमें समझ नहीं आ रहा था कि हमारी प्रतिष्ठा को कौन और क्यों नुकसान पहुंचाना चाहता है। जब हमने CCTV देखा तो हमारी आंखें खुली की खुली रह गईं। यह एक षड्यंत्र था, जो हमारी छवि और व्यवसाय को खत्म करने के लिए रचा गया था।”

फैज़ान ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उनके रेस्टोरेंट को टारगेट किया गया है। कुछ महीने पहले भी ऐसा ही एक वीडियो वायरल किया गया था, जिसकी सच्चाई बाद में संदिग्ध पाई गई थी।

पुलिस जांच में जुटी, FIR की तैयारी

गोरखपुर पुलिस ने वीडियो फुटेज को सबूत के तौर पर कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने और एक व्यवसाय को बदनाम करने का संगठित प्रयास लग रहा है।

बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी डालने वाले युवक और उनके सहयोगियों के खिलाफ IPC की कई धाराओं में FIR दर्ज होने की संभावना है, जिनमें धार्मिक उन्माद फैलाना, झूठी शिकायत करना, और सार्वजनिक उपद्रव शामिल हैं।

सामाजिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश

गौरतलब है कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि समाज में अविश्वास और नफरत का ज़हर भी घोलती हैं।

बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी मिलने की यह साज़िश अगर CCTV से उजागर नहीं होती, तो शायद एक और निर्दोष व्यवसायी और उसके कर्मचारियों को जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ता।

सोशल मीडिया की भूमिका पर सवाल

इस पूरी घटना में एक बड़ा सवाल सोशल मीडिया की जिम्मेदारी पर भी खड़ा होता है। बिना किसी पुष्टि के वीडियो को वायरल करना, हैशटैग ट्रेंड करवाना, और व्यवसायों को बर्बाद करने की मुहिम चलाना—इन सबका अंजाम बेहद खतरनाक हो सकता है।

धार्मिक और व्यावसायिक स्थिरता पर खतरा

बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी डालने की घटना सिर्फ एक होटल की छवि खराब करने की कोशिश नहीं थी, बल्कि यह एक समुदाय विशेष के खिलाफ भी भावनाएं भड़काने का प्रयास था।

इस तरह की घटनाएं सावधानीपूर्वक नियोजित होती हैं, ताकि धार्मिक संवेदनशीलता को उकसाकर राजनीतिक या सामाजिक लाभ उठाया जा सके।

CCTV फुटेज के सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बिरयानी बे रेस्टोरेंट में हड्डी मिलने की घटना कोई लापरवाही नहीं, बल्कि एक साज़िश थी। इस घटना से हमें यह सबक मिलना चाहिए कि किसी भी वायरल वीडियो पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए।

पुलिस की कार्रवाई के बाद उम्मीद है कि इस तरह के झूठे और समाज को तोड़ने वाले प्रयासों पर सख्ती से रोक लगेगी।

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