बिस्तर पर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाती है मर्दानगी! जानिए वह गुप्त कारण जो बना रहा है आपको कमज़ोर

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हाइलाइट्स

  • Premature Ejaculation के मामलों में भारत‑भर में 2025 तक 18 % की वृद्धि, विशेषज्ञ चिंतित
  • नई रिसर्च बताती है कि हार्मोन असंतुलन, तनाव और जीवनशैली प्रमुख कारण
  • FDA‑स्वीकृत क्रीम व टैबलेट के साथ काउंसलिंग से मिल रहा लंबे‑अवधि का आराम
  • योग‑प्राणायाम और CBT थेरेपी से 63 % मरीजों को सकारात्मक नतीजे
  • डॉक्टर चेताते: बिना जाँच के OTC दवाएं लेने से स्थिति बदतर हो सकती है

शीघ्रपतन क्या है और क्यों बढ़ रही है चिंता?

Premature Ejaculation का वैश्विक परिदृश्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक Premature Ejaculation वह स्थिति है जिसमें संभोग के एक‑दो मिनट के भीतर पुरुष का स्खलन हो जाता है। हालिया रिपोर्ट दर्शाती है कि दुनिया‑भर में लगभग 30 % यौन‑सक्रिय पुरुष इससे प्रभावित हैं। Premature Ejaculation को लेकर सामाजिक कलंक अभी भी बरकरार है, किंतु खुले मंच और डिजिटल हेल्थ प्लेटफ़ॉर्म के कारण अब पुरुष सलाह लेने में झिझक कम कर रहे हैं।

भारत में आंकड़े

इंडियन जर्नल ऑफ़ यूरोलॉजी की 2024 की स्टडी बताती है कि 25‑40 आयु वर्ग के 28 % पुरुष Premature Ejaculation का अनुभव करते हैं, परंतु केवल 8 % ही चिकित्सीय सलाह लेते हैं। स्वास्थ्य‑प्रदायकों का मानना है कि विवाह‑पूर्व यौनशिक्षा की कमी और परामर्श‑संस्कृति का अभाव इस समस्या को गंभीर बनाता है।

कारण: शरीर से मन तक

 जैविक कारण

 हार्मोनल असंतुलन

टेस्टोस्टेरोन या थाइरॉइड हार्मोन में गड़बड़ी Premature Ejaculation को ट्रिगर कर सकती है। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. सावंत के अनुसार, हार्मोन प्रोफ़ाइल जांच कराकर इलाज शुरू करने से 40 % मामलों में सुधार दिखता है।

न्यूरोलॉजिकल पहलू

कुछ न्यूरॉन्स तेजी से संवेदनाएं भेजते हैं, जिससे Premature Ejaculation हो जाती है। सेरोटोनिन रिसेप्टर में असंतुलन भी महत्त्वपूर्ण कारक है।

मनोवैज्ञानिक कारण

 प्रदर्शन‑भय और तनाव

Counselling Psychologist डॉ. श्रेया बताती हैं, “चिंता की ऊँची लहर मस्तिष्क को Fight‑or‑Flight मोड में डाल देती है, और Premature Ejaculation हो जाती है।” CBT (Cognitive Behaviour Therapy) की आठ सत्रों की योजना से 70 % रोगियों ने नियंत्रण पाया।

रिश्तों में संवाद की कमी

संचार‑अभाव से तनाव बढ़ता है, जो Premature Ejaculation को दोगुना कर सकता है। यौन‑चिकित्सा में दम्पती‑थेरेपी का जोर इसीलिए बढ़ा है।

समाधान और उपचार

 जीवनशैली में बदलाव

  • रोज़ 30 मिनट कार्डियो से रक्तसंचार सुधरता है और Premature Ejaculation घटता है।
  • प्रोसेस्ड शुगर कम, जस्ते‑समृद्ध आहार (कद्दू बीज, बादाम) ज़्यादा लें; इससे Premature Ejaculation पर नियंत्रण पाया गया है।
  • 10‑15 मिनट का प्राणायाम, विशेषकर अनुलोम‑विलोम, से मन शांत होकर Premature Ejaculation की घटनाएँ घटती हैं।

मेडिकल विकल्प

 दवाएँ और क्रीम

FDA‑मंजूर डैपोसेटीन टैबलेट को संभोग से 1 घंटा पहले लेना Premature Ejaculation को 4‑5 गुना देरी तक बढ़ा सकता है। लिडोकैन‑प्रिलोकैन मिश्रित क्रीम भी प्रभावी पाई गई।

काउंसलिंग और थेरेपी
  • प्लेज़र‑पॉज़ तकनीक से Premature Ejaculation के मामलों में 55 % सफलता मिली।
  • ‘Start‑Stop’ विधि पर आधारित ऐप‑सहायता कार्यक्रम अब भारत में भी उपलब्ध हैं, जो Premature Ejaculation प्रबंधन आसान बनाते हैं।

 वैकल्पिक चिकित्सा

 आयुर्वेद और योग

आश्वगंधा, शिलाजीत और कौंच बीज से बने क्लिनिकली‑टेस्टेड फ़ार्मुले “नर्वस फ़ैटिग” कम कर Premature Ejaculation में सुधार करते हैं। विशेषज्ञ सलाह से ही लें।

एक्यूप्रेशर एवं एक्यूपंक्चर

चीनी अध्ययन में 12 सत्रों बाद Premature Ejaculation की औसत देरी दोगुनी हुई। हालांकि, प्रमाण‑स्तर अभी सीमित है।

विशेषज्ञों की राय

जी. टी. बी. अस्पताल, दिल्ली के यूरोलॉजिस्ट डॉ. मिश्रा कहते हैं, “पहला कदम है खुलकर बात करना। Premature Ejaculation का इलाज उसी तरह संभव है जैसे हाई‑ब्लड‑प्रेशर का। देरी न करें।”

इसी बीच, सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. ख़ान चेतावनी देते हैं कि इंटरनेट से खरीदी गई बिना ब्रांड‑नाम की गोलियाँ Premature Ejaculation तो दूर नहीं करतीं, उल्टा लिवर‑किडनी को नुकसान पहुँचा सकती हैं।

सामाजिक दृष्टि और मिथक

 मिथक: ‘मर्दानगी की कमी’

समाज में धारणा है कि Premature Ejaculation कमजोरी का सूचक है, जबकि यह एक सामान्य मेडिकल कंडीशन है जिसे वैज्ञानिक तरीकों से मैनेज किया जा सकता है।

डिजिटल हेल्थ की भूमिका

टेलिमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म्स पर गुमनाम परामर्श से Premature Ejaculation से जूझ रहे युवाओं में भरोसा बढ़ा है।

लगातार अनुसंधान, खुला संवाद और प्रमाण‑आधारित उपचार ने Premature Ejaculation को नियंत्रित रोग‑श्रेणी में ला दिया है। यदि आपको या आपके साथी को लक्षण दिखें, तो शर्म न करें—अपॉइंटमेंट लें, जांच कराएं और विशेषज्ञ‑दिए मार्गदर्शन अपनाएँ। याद रखें, समय पर कदम उठा कर आप सम्बन्धों में नई ऊर्जा भर सकते हैं।

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