हाइलाइट्स
- Post-COVID Health Risks से जुड़े लक्षण महीनों तक बने रह सकते हैं
- फेफड़ों, दिल, दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव
- युवाओं और बच्चों में भी Long COVID के मामले
- वैक्सीनेशन के बाद भी सतर्क रहने की ज़रूरत
- जीवनशैली में बदलाव और नियमित जांच से जोखिम में कमी संभव
कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव
COVID-19 से संक्रमित होने के बाद कई मरीजों को स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो संक्रमण खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक बनी रहती हैं। इन्हीं समस्याओं को हम Post-COVID Health Risks के नाम से जानते हैं।
1. फेफड़ों पर प्रभाव
कोविड मुख्य रूप से एक रेस्पिरेटरी बीमारी है, इसलिए यह फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। कई मरीजों को संक्रमण के बाद भी साँस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन लेवल में गिरावट, और थकान की शिकायत बनी रहती है। फेफड़ों में फाइब्रोसिस जैसी स्थितियाँ भी Post-COVID Health Risks का हिस्सा बन चुकी हैं।
2. हृदय संबंधी खतरे
COVID-19 के बाद दिल की मांसपेशियों में सूजन (Myocarditis), अनियमित धड़कन (Arrhythmia), और ब्लड क्लॉट्स जैसी समस्याएं देखी गई हैं। यह खासकर उन लोगों में गंभीर होती हैं जो पहले से हृदय रोग से ग्रस्त हैं।
3. मस्तिष्क और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
“Brain Fog”, याद्दाश्त में कमी, चक्कर आना और एकाग्रता की समस्या — ये सब Post-COVID Health Risks में शामिल हैं। हाल ही के शोध में यह भी सामने आया है कि COVID-19 मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को सीधे प्रभावित कर सकता है।
4. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
COVID के बाद डिप्रेशन, एंग्ज़ायटी और PTSD जैसी मानसिक बीमारियों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। लंबे समय तक आइसोलेशन, बीमारी का डर, और कामकाज से दूरी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है।
5. पाचन तंत्र और लिवर से जुड़ी समस्याएं
कई मरीजों ने Post-COVID Phase में भूख में कमी, डाइजेशन में दिक्कत और लिवर फंक्शन में असामान्यता की शिकायत की है। इसका सीधा संबंध वायरल इंफेक्शन के दौरान ली गई दवाइयों और स्ट्रेस से भी हो सकता है।
6. बच्चों और युवाओं में Long COVID
पहले माना जाता था कि COVID-19 बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं करता, लेकिन अब Long COVID के मामले छोटे बच्चों और किशोरों में भी देखे जा रहे हैं। थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत जैसे लक्षण आम हैं।
7. वैक्सीन के बाद भी सतर्कता जरूरी
हालाँकि वैक्सीनेशन से COVID-19 से सुरक्षा मिलती है, पर Post-COVID Health Risks की संभावना पूरी तरह खत्म नहीं होती। कई मामलों में वैक्सीन के बाद भी हल्के लक्षण बने रहते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
8. कैसे करें Post-COVID Health Risks से बचाव
- नियमित स्वास्थ्य जांच: संक्रमण के बाद कम से कम 3–6 महीने तक डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
- संतुलित आहार और नींद: शरीर को पुनः स्वस्थ बनाने में पोषण और पर्याप्त विश्राम अहम भूमिका निभाते हैं।
- योग और ध्यान: मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान और प्राणायाम अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुए हैं।
- फिजिकल एक्टिविटी: धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं, लेकिन थकान महसूस होने पर आराम करें।
- जल्दी लक्षण पहचानें: अगर कोई असामान्य लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
COVID-19 की लड़ाई सिर्फ संक्रमण के दौरान ही नहीं, बल्कि उसके बाद भी जारी रहती है। “Post-COVID Health Risks” को नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर परिणाम दे सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सतर्क रहें, जागरूकता फैलाएं, और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का मूल्यांकन करें।