जामिया कैंपस में छात्र पर गार्ड का हमला: त्वरित कार्रवाई में गार्ड बर्खास्त, दूसरा गार्ड ट्रांसफर

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नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हाल ही में एक अप्रत्याशित घटना सामने आई, जिसमें एक गार्ड द्वारा एक छात्र पर हमला करने का मामला प्रकाश में आया। घटना के वायरल वीडियो के बाद जामिया प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित गार्ड को बर्खास्त कर दिया, जबकि एक अन्य गार्ड को स्थानांतरित कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के मुख्य गेट के पास हुई, जहाँ गार्ड संजय खान पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया और थप्पड़ मारे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि गार्ड संजय खान छात्रों पर हाथ उठा रहे हैं।

जामिया प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद जामिया प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और संजय खान को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। वहीं, दूसरे गार्ड निसार को भी प्रशासन ने कार्रवाई के तहत दूसरे सेक्शन में ट्रांसफर कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि छात्रों की सुरक्षा और संस्थान के अनुशासन को प्राथमिकता दी जाएगी।

छात्रों का विरोध और प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों में नाराजगी देखी गई। छात्रों ने गार्ड की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय परिसर में इस तरह की घटनाएं शिक्षा के माहौल को प्रभावित कर सकती हैं, और प्रशासन को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए।

जामिया प्रशासन का बयान

जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम अपने छात्रों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने दोषी गार्ड पर तुरंत कार्रवाई की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।”

क्या कहता है कानून?

भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति पर शारीरिक हमला करना एक दंडनीय अपराध है। यदि पीड़ित छात्र इस मामले में कानूनी कार्रवाई करना चाहता है, तो वह पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकता है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में घटी इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट हुआ है कि अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब यह देखना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए विश्वविद्यालय और क्या कदम उठाता है।

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