हाइलाइट्स
- Ejaculation Timing को लेकर नई मेडिकल स्टडीज़ से मिले चौंकाने वाले आँकड़े
- भारतीय पुरुषों में औसत IELT पाँच से सात मिनट; उम्र के साथ घटकर साढ़े चार मिनट तक आता है
- विशेषज्ञ मानते हैं कि सही Ejaculation Timing साझी संतुष्टि, आत्म‑विश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है
- लाइफस्टाइल, तनाव और हार्मोनल असंतुलन बदलते हैं Ejaculation Timing के पैटर्न
- वैज्ञानिक और क्लिनिकल दृष्टि से समयपूर्व वीर्यपात अब इलाज़‑योग्य; काउंसलिंग, दवाएँ व व्यवहारिक तकनीकें कारगर
Ejaculation Timing शब्द आजकल लैंगिक स्वास्थ्य पत्रकारिता का हॉट‑टॉपिक बन गया है। दुनिया‑भर के शोधकर्ताओं ने हाल के वर्षों में बार‑बार यही सवाल उठाया है—“संभोग के दौरान वीर्यपात कितनी देर में होना चाहिए?” आमफ़हम भाषा में कहें तो Ejaculation Timing वह अवधि है जो पुरुषों को चरमोत्कर्ष पहुँचने में लगती है। यह लेख नवीनतम शोध, चिकित्सीय मार्गदर्शिकाओं और विशेषज्ञ साक्षात्कारों के आधार पर बताता है कि सही Ejaculation Timing क्या है, किन वजहों से बदलती है और संतुलित जीवनशैली से इसे स्वस्थ दायरे में कैसे रखा जा सकता है।
वैज्ञानिक परिभाषा और मानक
IELT क्या है?
वैज्ञानिक भाषा में Ejaculation Timing को Intravaginal Ejaculation Latency Time (IELT) कहा जाता है। IELT घड़ी के सेकंड‑हैंड से मापा जाता है—लैंगिक अंग के प्रवेश के क्षण से लेकर वीर्यपात तक। वर्ष 2024 की एक बहुराष्ट्रीय स्टडी में औसत IELT 6.09 मिनट पाया गया, जबकि भारतीय उपमहाद्वीप में यह 5‑7 मिनट के बीच रहा। Ejaculation Timing की यह परिभाषा चिकित्सकों को समयपूर्व वीर्यपात (Premature Ejaculation) और देरी से वीर्यपात (Delayed Ejaculation) के आकलन में मदद करती है।
हालिया शोध के आंकड़े
- 18‑30 वर्ष के पुरुषों में औसत IELT 6.5 मिनट
- 31‑50 वर्ष आयु‑समूह में औसत 5.1 मिनट
- 51+ वर्ष में यह घटकर 4.3 मिनट
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि उम्र बढ़ने पर Ejaculation Timing स्वाभाविक रूप से कम हो सकती है।
Ejaculation Timing का इतिहास
सन 2005 में प्रकाशित एक ऐतिहासिक पेपर ने पहली बार पाँच देशों में 5000+ पुरुषों की IELT मापकर Ejaculation Timing का वैश्विक मानक गढ़ा। उसी शोध ने यह भी बताया कि केवल 2% पुरुषों का IELT 30 सेंकंड से कम था, जिन्हें चिकित्सा‑परिभाषा के अनुसार समयपूर्व वीर्यपात कहा गया। आज, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी दोनों ही इन मानकों को स्वीकार करती हैं।
कारण और कारक
उम्र का प्रभाव
उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरॉन में गिरावट, रक्त‑प्रवाह में कमी और नसों की संवेदनशीलता घटने के कारण Ejaculation Timing छोटा हो सकता है। 40 पार पुरुषों में डायबिटीज़ व उच्च रक्तचाप भी इसे तेज़ कर सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और तनाव
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि वर्मा बताती हैं, “तनाव, एंग्ज़ायटी या रिश्तों के टकराव से sympathetic nervous system ओवर‑एक्टिव हो जाता है। इससे Ejaculation Timing अनियंत्रित रूप से घट सकती है।” ध्यान, योग और काउंसलिंग से सुधार दिखा है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं
चिकित्सा दृष्टिकोण
एम्स दिल्ली के सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. आदित्य मेहरा के अनुसार, “यदि कोई पुरुष लगातार एक मिनट से कम में वीर्यपात करता है और इससे उसे या उसकी साथी को परेशानी है, तो यह क्लिनिकली Premature Ejaculation है।” इस स्थिति में Ejaculation Timing को बढ़ाने के लिए तीन स्तर की रणनीति अपनाई जाती है।
व्यवहारिक तकनीकें
- स्टॉप‑स्टार्ट विधि – उत्तेजना चरम पर पहुँचने से ठीक पहले रुक जाना।
- स्क़ीज़ तकनीक – ग्लान्स को हल्का दबाव देकर शारीरिक संकेतों को धीमा करना।
- माइंडफुल ब्रीदिंग – श्वास पर ध्यान केंद्रित कर मानसिक उत्तेजना घटाना।
इन तरीकों से तीन माह में औसत Ejaculation Timing 40 सेकंड से बढ़कर दो मिनट तक दर्ज हुई।
दवाएँ और चिकित्सा विकल्प
- SSRI दवाएँ जैसे डापॉक्सेटीन अस्थायी रूप से IELT तीन गुना तक बढ़ाती हैं।
- टॉपिकल एनस्थेटिक स्प्रे वीर्यपात के तंत्रिका संकेतों को मंद करके Ejaculation Timing बढ़ाता है।
- उन्नत मामलों में साइकोसेक्सुअल थेरेपी जोड़ने से परिणाम और लंबे‑स्थायी हो जाते हैं।
रिश्ते पर असर
संवाद की भूमिका
लखनऊ की मैरिज काउंसलर सिमरन सूद कहती हैं, “जब दंपती खुले मन से Ejaculation Timing पर बातचीत करते हैं, तो लैंगिक संतुष्टि का स्तर 30‑40% तक बढ़ता है।” पार्टनर की प्रतिक्रिया जानना, पूर्वक्रीड़ा (Foreplay) का समय बढ़ाना और उत्तेजना का साझा नियंत्रण रखने से दोनों की संतुष्टि बढ़ती है।
सारांशतः, Ejaculation Timing कोई एक “आदर्श मिनट‑गणना” नहीं, बल्कि व्यक्ति‑विन्यास, शारीरिक‑मानसिक स्वास्थ्य और आपसी संवाद का सम्मिश्रण है। पाँच से सात मिनट का औसत केवल सांख्यिकीय दिशा‑सूचक है—व्यक्ति विशेष के लिए संतोषजनक अनुभव इससे कम या अधिक दोनों हो सकता है। यदि समय बेहद कम या बहुत अधिक हो और उससे बेचैनी पैदा हो, तो मेडिकल सलाह लेना उचित है। आधुनिक चिकित्सा, काउंसलिंग और जीवनशैली‑मैनेजमेंट से स्वस्थ Ejaculation Timing प्राप्त करना पूरी तरह संभव है।