मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में मासूम मुस्लिम बच्चों पर हो रहे अत्याचार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक तीन बच्चों को बेरहमी से थप्पड़ और चप्पलों से मार रहा है और उनसे जबरन "जय श्री राम" के नारे लगवा रहा है। घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है और सामुदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है।
वायरल वीडियो और कार्रवाई
बताया जा रहा है कि यह घटना रतलाम के अमृत सागर उद्यान की है और करीब डेढ़ महीने पुरानी है। वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
रतलाम के माणक चौक थाना क्षेत्र में इस मामले को लेकर बीती रात स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। भारी संख्या में जुटे लोग दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
परिजनों की शिकायत और जांच जारी
मामले में बच्चों के परिजनों ने पुलिस को शिकायत दी है। उनके बयान के आधार पर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच तेज कर दी गई है।
वोट के लिए होने वाली हिन्दुत्व की राजनीति ने भारतीय बेरोजगार युवा को कितना क्रूर और हिंसक बना दिया है इसका उदहारण है ये वीडियो।
— Article19 India (@Article19_India) December 6, 2024
मासूम मुस्लिम बच्चों को जय श्री राम का नारा लगाने के लिए बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा है।
ये वाकिआ मध्यप्रदेश के रतलाम जिले का बताया जा रहा है।… pic.twitter.com/XqmaUMe4Yh
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं खींची हैं। कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इसे "हिंदुत्व की राजनीति" के खतरनाक प्रभाव का उदाहरण बताया है, जो समाज में नफरत और हिंसा को बढ़ावा दे रही है।
समाज में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता
इस घटना ने समाज में बढ़ती असहिष्णुता और सांप्रदायिकता को उजागर किया है। यह घटना केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि राजनीतिक और सांप्रदायिक विचारधाराओं का प्रभाव किस तरह समाज के युवाओं को क्रूर और हिंसक बना रहा है।
पुलिस और प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। साथ ही, सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील भी की जा रही है।