जयपुर। इंजी. रामेश्वर धनगर ने राजस्थान में भाजपा सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य की मौजूदा नीतियां SC/ST समुदायों के खिलाफ एक साजिश का हिस्सा लगती हैं। उनके अनुसार, ये नीतियां माफियाओं को बहुजन समाज की जमीनों पर कब्जा करने का खुला मौका दे रही हैं और जमीनों की कानूनी सुरक्षा को कमजोर कर रही हैं।
जमीनों पर कब्जे और उत्पीड़न के बढ़ते मामले
रामेश्वर धनगर ने दावा किया कि सरकार की नीतियों के कारण बहुजन समाज अपनी ही जमीन से बेदखल हो रहा है। NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़े इस स्थिति को और चौंकाने वाला बना देते हैं। धनगर ने कहा, "SC/ST उत्पीड़न के मामलों में राजस्थान पूरे देश में शीर्ष पर है। ये केवल आंकड़े नहीं, बल्कि बहुजन समाज के साथ हो रहे अन्याय की सच्ची तस्वीर हैं।"
सरकार की नीतियों पर सवाल
उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने बहुजन समाज के अधिकारों और उनके सम्मान की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से नाकामी दिखाई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की इन नीतियों ने सामाजिक असमानता को और बढ़ावा दिया है।
राजस्थान में भाजपा सरकार की नीतियां SC/ST समुदाय के खिलाफ साजिश का हिस्सा लगती हैं। इन नीतियों ने माफियाओं को बहुजन समाज की जमीनों पर कब्जा करने का खुला मौका दे दिया है। जमीनों की कानूनी सुरक्षा कमजोर कर दी गई है, जिससे बहुजन समाज अपनी ही जमीन से बेदखल हो रहा है।
— Er.Rameshwar Dhangar (@RameshwarDhan12) December 2, 2024
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संगठित विरोध का आह्वान
रामेश्वर धनगर ने बहुजन समाज से अपील की कि यह समय चुप बैठने का नहीं है। उन्होंने कहा,
"सभी बहुजनों को संगठित होकर इन नीतियों का विरोध करना होगा। जमीन और सम्मान की लड़ाई के लिए हर बहुजन को खड़ा होना पड़ेगा। अगर आज हम नहीं जागे, तो कल हमारी जमीन और अधिकार दोनों खत्म हो जाएंगे।"
आंकड़ों में अन्याय की कहानी
धनगर के मुताबिक, NCRB के आंकड़े राजस्थान में SC/ST उत्पीड़न की भयावह स्थिति को उजागर करते हैं। हर साल बहुजनों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है, और ये घटनाएं कहीं न कहीं सरकार की लचर नीतियों और प्रशासन की उदासीनता का परिणाम हैं।
बहुजनों के बीच जागरूकता और एकता की जरूरत
रामेश्वर धनगर का यह लेख बहुजन समाज के लिए जागरूकता और एकता का आह्वान है। उन्होंने सभी साथियों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर लिखें और इसे हर मंच पर उठाएं।
धनगर के इस बयान ने राजस्थान में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि बहुजन समाज इस आह्वान पर कैसे प्रतिक्रिया करता है और सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।